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CM जयराम से 'पड़ोसियों' की भावुक अपील, अस्पताल में उपलब्ध करवाया जाए विशेषज्ञ डॉक्टर

करसोग में महिलाओं ने एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें करसोग के सिविल अस्पताल में विशेषज्ञों के पद भरने की मांग की गई है.

karsog women demand with cm jairam
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Published : Sep 14, 2019, 12:14 PM IST

करसोगः विधानसभा क्षेत्र करसोग के सिविल अस्पताल में विशेषज्ञों की कमी के चलते वहां आने वाले मरीजों को भारी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. इसे लेकर महिलाओं ने एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें अस्पताल में विशेषज्ञों के पद भरने की मांग की गई है.

महिलाओं का कहना है करसोग विधानसभा क्षेत्र सीएम विधानसभा सिराज की सीमाओं के साथ जुड़ा क्षेत्र है. दोनों विस क्षेत्र के लोग इलाज के लिए करसोग के सिविल अस्पताल में आते हैं. इसलिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की जानी चाहिए. जिससे दोनों विधानसभा क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सके.

करसोग के 150 बिस्तर वाले इतने बड़े अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर न होने से सबसे अधिक परेशानियां महिलओं को झेलनी पड़ रही है. स्त्री रोग विशेषज्ञ न होने से महिलाओं को स्वास्थ्य जांच करवाने के लिए शिमला जाना पड़ रहा है. जिससे महिलाओं का पैसा और कीमती समय दोनों बर्बाद हो रहा है.
प्रसव से लिए करसोग लाई जाने वाली महिलाओं को भी विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात न होने के कारण शिमला के लिए रेफर कर दिया जाता है. जिससे प्रसव की पीड़ा झेल रही महिलाओं और साथ आए तीमारदारों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

ऐसे में करोड़ों रुपये खर्च करके तैयार किए गए इतने बड़े अस्पताल का जनता को कोई फायदा नहीं है. इसलिए पड़ोसी होने के नाते जनभावनाओं को समझते हुए करसोग के सिविल अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ, अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञ, सर्जरी, मेडिसन व बाल रोग विशेषज्ञ की जल्द से जल्द तैनाती की जाए. ताकि जनता को स्वास्थ्य सुविधाओं के लाभ लेने के लिए इधर उधर न भटकना पड़े.

अल्ट्रासाउंड मशीन है पर डॉक्टर नहीं


करसोग अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की मशीन तो है, लेकिन इसके लिए सरकार ने कोई डॉक्टर नहीं भेजा है. ऐसे में यहां इलाज के लिए आने वाली महिलाओं को बाहर निजी सेवा पर निर्भर होकर अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ रहा है या फिर मरीजों को मजबूरन शिमला या मंडी का रुख करना पड़ता है. यहां इलाज के लिए आने वाली हर दूसरी महिला को अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए लिखा जाता है. ऐसे में महिलाओं को भारी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है.

करसोग अस्पताल में 16 पद सृजित, 9 पद खाली अभी भी खाली


करसोग अस्पताल के लिए डॉक्टरों के कुल 16 पद सृजित किए गए हैं, लेकिन इसमें अभी तक डॉक्टरों के 9 पद खाली चल रहे हैं, जबकि वर्तमान में एक भी विशेषज्ञ डॉक्टर अस्पताल में तैनात नहीं है. एसडीएम करसोग सुरेंद्र कुमार ठाकुर का कहना है कि करसोग की महिलाओं ने विशेषज्ञ डॉक्टर भेजे जाने के लिए एक ज्ञापन सौंपा है. इससे मुख्यमंत्री को भेजा जा रहा है.

ये भी पढ़ें- हिंदी दिवस विशेष: इनकी रग-रग में बसती है देवनागरी, 20 सालों से हिंदी में निपटा रहे अदालती काम

करसोगः विधानसभा क्षेत्र करसोग के सिविल अस्पताल में विशेषज्ञों की कमी के चलते वहां आने वाले मरीजों को भारी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. इसे लेकर महिलाओं ने एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें अस्पताल में विशेषज्ञों के पद भरने की मांग की गई है.

महिलाओं का कहना है करसोग विधानसभा क्षेत्र सीएम विधानसभा सिराज की सीमाओं के साथ जुड़ा क्षेत्र है. दोनों विस क्षेत्र के लोग इलाज के लिए करसोग के सिविल अस्पताल में आते हैं. इसलिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की जानी चाहिए. जिससे दोनों विधानसभा क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सके.

करसोग के 150 बिस्तर वाले इतने बड़े अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर न होने से सबसे अधिक परेशानियां महिलओं को झेलनी पड़ रही है. स्त्री रोग विशेषज्ञ न होने से महिलाओं को स्वास्थ्य जांच करवाने के लिए शिमला जाना पड़ रहा है. जिससे महिलाओं का पैसा और कीमती समय दोनों बर्बाद हो रहा है.
प्रसव से लिए करसोग लाई जाने वाली महिलाओं को भी विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात न होने के कारण शिमला के लिए रेफर कर दिया जाता है. जिससे प्रसव की पीड़ा झेल रही महिलाओं और साथ आए तीमारदारों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

ऐसे में करोड़ों रुपये खर्च करके तैयार किए गए इतने बड़े अस्पताल का जनता को कोई फायदा नहीं है. इसलिए पड़ोसी होने के नाते जनभावनाओं को समझते हुए करसोग के सिविल अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ, अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञ, सर्जरी, मेडिसन व बाल रोग विशेषज्ञ की जल्द से जल्द तैनाती की जाए. ताकि जनता को स्वास्थ्य सुविधाओं के लाभ लेने के लिए इधर उधर न भटकना पड़े.

अल्ट्रासाउंड मशीन है पर डॉक्टर नहीं


करसोग अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की मशीन तो है, लेकिन इसके लिए सरकार ने कोई डॉक्टर नहीं भेजा है. ऐसे में यहां इलाज के लिए आने वाली महिलाओं को बाहर निजी सेवा पर निर्भर होकर अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ रहा है या फिर मरीजों को मजबूरन शिमला या मंडी का रुख करना पड़ता है. यहां इलाज के लिए आने वाली हर दूसरी महिला को अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए लिखा जाता है. ऐसे में महिलाओं को भारी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है.

करसोग अस्पताल में 16 पद सृजित, 9 पद खाली अभी भी खाली


करसोग अस्पताल के लिए डॉक्टरों के कुल 16 पद सृजित किए गए हैं, लेकिन इसमें अभी तक डॉक्टरों के 9 पद खाली चल रहे हैं, जबकि वर्तमान में एक भी विशेषज्ञ डॉक्टर अस्पताल में तैनात नहीं है. एसडीएम करसोग सुरेंद्र कुमार ठाकुर का कहना है कि करसोग की महिलाओं ने विशेषज्ञ डॉक्टर भेजे जाने के लिए एक ज्ञापन सौंपा है. इससे मुख्यमंत्री को भेजा जा रहा है.

ये भी पढ़ें- हिंदी दिवस विशेष: इनकी रग-रग में बसती है देवनागरी, 20 सालों से हिंदी में निपटा रहे अदालती काम

Intro:करसोग क्षेत्र की जनता का इससे बड़ा दुर्भगय भला क्या होगा कि यहां अल्ट्रासाउंड की मशीन तो है, लेकिन इसके लिए सरकार ने कोई डॉक्टर नहीं भेजा है। Body:नारीशक्ति की मुख्यमंत्री से भावुक अपील, हम आपके पड़ोसी, इस अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर तो भेज दो
करसोग
मुख्यमंत्री के गृह जिले में लंबे समय से डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे करसोग की महिलाओं ने अब जयराम ठाकुर से विशेषज्ञ डॉक्टर भेजे जाने की भावुक अपील की है। यहां एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को सौंपे ज्ञापन में महिलाओं ने कहा है कि हम आपके पड़ोसी हैं, करसोग विधानसभा क्षेत्र आपके विधानसभा सराज की सीमाओं के साथ जुड़ा क्षेत्र है। ऐसे में आपके विधानसभा क्षेत्र के तहत पड़ने वाले शंकरदेहरा, छतरी, बरयोगी, काकड़ाधार, गतु, मानगढ़ व भरेड पंचायत से भी लोग करसोग के सिविल अस्पताल में इलाज के लिए आते हैं। इसलिए पड़ोसी होने के नाते यहां तुरंत प्रभाव से विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की जाए। ताकि दोनों की विधानसभा क्षेत्र के लोगॉ को घरद्वार पर ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सके। करसोग के 150 बिस्तर वाले इतने बड़े अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर न होने से सबसे अधिक परेशानियां महिलओं को झेलनी पड़ रही है। स्त्री रोग विशेषज्ञ न होने से महिलाओं को स्वास्थ्य जांच करवाने के लिए शिमला जाना पड़ रहा है। जिससे उनका पैसा और कीमती समय दोनों बर्बाद हो रहा है। प्रसव से लिए करसोग लाई जाने वाली महिलाओं को भी विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात न होने के कारण शिमला के लिए रेफर किया जाता है। जिससे प्रसव की पीड़ा झेल रही महिलाओं और साथ आए तीमारदारों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में करोड़ो रुपये खर्च करके तैयार किए गए इतने बड़े अस्पताल का जनता को कोई फायदा नहीं है। इसलिए पड़ोसी होने के नाते जनभावनाओं को समझते हुए करसोग के सिविल अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ, अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञ, सर्जरी, मेडिसन व बाल रोग विशेषज्ञ की जल्द से जल्द तैनाती की जाए। ताकि जनता को स्वास्थ्य सुविधाओं के लाभ लेने के लिए इधर उधर न भटकना पड़े। इस दौरान प्रधान महिला मंडल बाग ग्राम पंचायत सानना सुभद्रा कुमारी सहित निर्मला, कुबजा, भीमा, पूनम, वंदना, कांता, मनसादेवी व रमादेवी आदि महिलाएं प्रतिनिधि मंडल में शामिल थी।

अल्ट्रासाउंड मशीन है पर डॉक्टर नहीं:
करसोग क्षेत्र की जनता का इससे बड़ा दुर्भगय भला क्या होगा कि यहां अल्ट्रासाउंड की मशीन तो है, लेकिन इसके लिए सरकार ने कोई डॉक्टर नहीं भेजा है। ऐसे में यहां इलाज के लिए आने वाली महिलाओं को बाहर प्राइवेट 800 से 900 रुपये खर्च करके अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ता है या फिर या फिर मजबूरन शिमला या मंडी जाना पड़ता है। यहां इलाज के लिए आने वाली हर दूसरी महिला को अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए लिखा जाता है। ऐसे में करसोग इलाज के लिए आने वाली हर महिला को भारी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। करसोग अस्पताल के लिए डॉक्टरों के कुल 16 पद सृजित किए गए हैं, लेकिन इसमें अभी तक डॉक्टरों के 9 पद खाली चल रहे हैं, जबकि वर्तमान में एक भी विशेषज्ञ डॉक्टर अस्पताल में तैनात नहीं है।

महिलाओं ने की है विशेषज्ञों के पद भरने की मांग: एसडीएम
एसडीएम करसोग सुरेंद्र कुमार ठाकुर का कहना है कि करसोग की महिलाओं ने विशेषज्ञ डॉक्टर भेजे जाने के लिए एक ज्ञापन सौंपा है। इससे मुख्यमंत्री को भेजा जा रहा है।Conclusion:एसडीएम करसोग सुरेंद्र कुमार ठाकुर का कहना है कि करसोग की महिलाओं ने विशेषज्ञ डॉक्टर भेजे जाने के लिए एक ज्ञापन सौंपा है। इससे मुख्यमंत्री को भेजा जा रहा है।
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