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KARSOG: पांच साल में ठेकेदार सिरे नहीं चढ़ा पाया जल शक्ति विभाग की योजना, न कार्रवाई न टेंडर हुआ रद्द

देश भले ही जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission Himachal) के अंतर्गत दो सालों में रिकॉर्ड सात लाख से अधिक नल लगाकर देश भर में प्रथम स्थान पर रहा हो, लेकिन धरातल पर जल शक्ति विभाग ने सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी है. करसोग के तहत आने वाली शाहोट पंचायत (Shahot Panchayat of Karsog) में जल शक्ति विभाग पांच सालों से 12.50 लाख की लागत से तैयार होने वाली पेयजल योजना को सिरे नहीं चढ़ा पाया है. पढ़ें पुरी खबर...

Jal Shakti Department Karsog
जल शक्ति विभाग की योजना
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Published : Jun 18, 2022, 8:08 AM IST

मंडी: प्रदेश भले ही जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission Himachal) के अंतर्गत दो सालों में रिकॉर्ड सात लाख से अधिक नल लगाकर देश भर में प्रथम स्थान पर रहा हो, लेकिन धरातल पर जल शक्ति विभाग ने सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी है. करसोग के तहत आने वाली शाहोट पंचायत (Shahot Panchayat of Karsog) में जल शक्ति विभाग पांच सालों से 12.50 लाख की लागत से तैयार होने वाली पेयजल योजना को सिरे नहीं चढ़ा पाया है. हैरानी की बात है कि इस लापरवाही के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होना तो दूर जल शक्ति विभाग ने ठेकेदार का टेंडर तक रद्द नही किया है. ऐसे में ठेकेदार पर की जा रही मेहरबानी से सरकार की साफ सुधरी छवि भी खराब हो रही है.

लोगों ने विभाग की कार्य प्रणाली को लेकर सवाल उठाए हैं और लापरवाही बरते जाने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. उपमंडल के तहत जल शक्ति विभाग ने ग्राम पंचायत शाहोट में 5 साल पहले वर्ष 2017 में करीब 12.50 लाख की लागत से फिल्ट्रेशन योजना के लिए टेंडर लगाया था. इसके योजना के अंतर्गत 2 जल भंडारण टैंक, एक फिल्ट्रेशन बेड और एक इंटेक सहित चारो ओर फेंसिंग की जानी थी, लेकिन विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली के कारण कार्य अधर में लटका पड़ा है. ऐसे में लोग पांच सालों से योजना का लाभ उठाने के लिए इंतजार कर रही है.

यही नहीं समय पर योजना तैयार न होने से जनता के पैसे का खुलेआम दुरुपयोग हो रहा है. इसके अतिरिक्त पांच सालों में योजना पर आने वाली लागत भी अब कई गुणा बढ़ गई है, जोकि एक जांच का विषय है. जल शक्ति विभाग करसोग मंडल (Jal Shakti Department Karsog) के अधिशाषी अभियंता रजत शर्मा का कहना है कि मामला ध्यान में आया है, दो दिनों के अंदर मौके पर जाकर मामले की जांच की जाएगी.

ये भी पढ़ें: अग्निपथ योजना के विरोध में उतरी कांग्रेस, आज पूरे हिमाचल में होगा प्रदर्शन

मंडी: प्रदेश भले ही जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission Himachal) के अंतर्गत दो सालों में रिकॉर्ड सात लाख से अधिक नल लगाकर देश भर में प्रथम स्थान पर रहा हो, लेकिन धरातल पर जल शक्ति विभाग ने सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी है. करसोग के तहत आने वाली शाहोट पंचायत (Shahot Panchayat of Karsog) में जल शक्ति विभाग पांच सालों से 12.50 लाख की लागत से तैयार होने वाली पेयजल योजना को सिरे नहीं चढ़ा पाया है. हैरानी की बात है कि इस लापरवाही के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होना तो दूर जल शक्ति विभाग ने ठेकेदार का टेंडर तक रद्द नही किया है. ऐसे में ठेकेदार पर की जा रही मेहरबानी से सरकार की साफ सुधरी छवि भी खराब हो रही है.

लोगों ने विभाग की कार्य प्रणाली को लेकर सवाल उठाए हैं और लापरवाही बरते जाने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. उपमंडल के तहत जल शक्ति विभाग ने ग्राम पंचायत शाहोट में 5 साल पहले वर्ष 2017 में करीब 12.50 लाख की लागत से फिल्ट्रेशन योजना के लिए टेंडर लगाया था. इसके योजना के अंतर्गत 2 जल भंडारण टैंक, एक फिल्ट्रेशन बेड और एक इंटेक सहित चारो ओर फेंसिंग की जानी थी, लेकिन विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली के कारण कार्य अधर में लटका पड़ा है. ऐसे में लोग पांच सालों से योजना का लाभ उठाने के लिए इंतजार कर रही है.

यही नहीं समय पर योजना तैयार न होने से जनता के पैसे का खुलेआम दुरुपयोग हो रहा है. इसके अतिरिक्त पांच सालों में योजना पर आने वाली लागत भी अब कई गुणा बढ़ गई है, जोकि एक जांच का विषय है. जल शक्ति विभाग करसोग मंडल (Jal Shakti Department Karsog) के अधिशाषी अभियंता रजत शर्मा का कहना है कि मामला ध्यान में आया है, दो दिनों के अंदर मौके पर जाकर मामले की जांच की जाएगी.

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