मंडी: वन विभाग में दिए गए उत्कृष्टता अवार्ड पर वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. हिमाचल प्रदेश वन अराजपत्रित लिपिक वर्गीय कर्मचारी महासंघ (Himachal Non Gazetted Employees Federation) का आरोप है कि उत्कृष्टता अवार्ड में बंदरबांट की गई है. वहीं, कुछ कर्मचारियों को दूसरी बार अवार्ड बांटे गए हैं. वन विभाग में दिए गए उत्कृष्टता अवॉर्ड केवल कुछ अधिकारियों और वनरक्षकों तक ही सीमित है, जबकि वनरक्षक होशियार सिंह के परिजनों को अभी तक कोई भी अवार्ड नहीं दिया गया है.
विभाग में लिपिक वर्ग व अन्य कर्मचारी भी दिन रात अपनी सेवाएं देते है, उन्हें कभी भी इसमें शामिल नहीं किया गया है. यह आरोप हिमाचल प्रदेश वन अराजपत्रित लिपिक वर्गीय कर्मचारी महासंघ ने मंडी में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान लगाए (Non Gazetted Employees Federation press conference ) हैं. अराजपत्रित लिपिक वर्गीय कर्मचारी महासंघ के राज्य उपप्रधान ने कहा कि इस मुद्दे को प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश बादल ने राज्य स्तर पर इस मुद्दे को उठाया है. जिसके उपरांत वन मंत्री राकेश पठानीया ने जांच के आदेश दे दिए हैं.
उन्होंने कहा कि इस मामलें में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और पात्र लोगों को यह अवार्ड दिए जाने चाहिए. उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि लिपिक वर्ग और अन्य कर्मचारियों को भी उत्कृष्टता अवार्ड योजना में शामिल किया जाए. उन्होंने कहा कि हाल ही में विभाग के संयुक्त सचिव प्रवीण टॉक से महासंघ की वार्ता हुई है. जिसमें महासंघ ने वेतन विसंगतियों और विभिन्न रिक्त पदों को भरने के बारे में चर्चा की (Non Gazetted Employees Federation demand) है. उन्होंने कहा कि विभाग में सैकड़ों पद रिक्त चले हुए हैं. एक कर्मचारी 3 पोस्ट के बराबर काम कर रहा है. उन्होंने सरकार से इन पदों को जल्द भरने की मांग उठाई है, ताकि कर्मचारियों पर अतिरिक्त बोझ ना पड़े.
ये भी पढ़ें: कांग्रेस की दस चुनावी गारंटी के बीच कौल सिंह के गारंटीड बोल, सत्ता हाथ आई तो मंडी से हो सकता है CM