सुंदरनगर/मंडीः बीबीएमबी परियोजना सुंदरनगर में कार्यरत एक फोरमैन ने अपने आला अधिकारियों पर मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाये है. आरोप है कि पिछले 28 साल से बीएसएल परियोजना में कार्यरत जागीर सिंह के तबादले पर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के रोक लगाने के बावजूद उनके दफ्तर पर ताला जड़ दिया गया.
इसको लेकर पीड़ित जागीर सिंह ने विभागीय अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच करके कड़ी कार्रवाई अमल में लाने की मांग की है. बता दें कि पीड़ित जागीर सिंह की पत्नी मानसिक रूप से परेशान और विभागीय अधिकारियों की इस तरह की हरकत से उक्त कर्मी काफी हताश है.
शिकायतकर्ता जागीर सिंह का कहना है कि उनकी पत्नी दिमागी रोग से ग्रस्त है और इस परियोजना में उन्हें 28 साल बीत गए हैं, लेकिन अभी हाल ही में उनका तबादला ऐसी स्थिति में भी बीआरएससी एंड पीडी डिवीजन सुंदरनगर से सलापड मंडल में कर दिया गया है.
जागीर सिंह का कहना है कि परियोजना के इन तबादला आदेशों को उन्होंने उच्च न्यायालय में चुनौती दी. उच्च न्यायालय ने उनके तबादला आदेशों पर स्टे लगा दिया . जब कोर्ट आदेश की सूचना उन्होंने बीएसएल परियोजना के मुख्य अभियंता सहित संबंधित विभाग के अधिकारियों को दी थी, लेकिन सहायक अभियंता के कहने पर उनके ऑफिस के बाहर ताला जड़ दिया. उन्होंने कहा कि ड्यूटी के दौरान कर्मचारी के ऑफिस को ताला लगाकर बंद करना सरकारी काम में बाधा पहुंचाने की सूरत में कानूनी अपराध है. साथ ही अधिकारी अपनी शक्तियों का कर्मचारियों के ऊपर गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं.
मामले पर बीबीएमबी सुंदरनगर मंडल के अतिरिक्त अधीक्षण अभियंता चंद्रमणि शर्मा ने कहा कि बीबीएमबी में कर्मचारियों की ट्रांसफर की गई थी. मामले में लिखित तौर पर न्यायालय से स्टे के आर्डर कार्यालय में प्राप्त नहीं हुए हैं. जहां तक ताला लगाने की बात है तो रिकॉर्ड रूम में ताला लगाया जाता है. अगर इनकी कुर्सी रिकार्ड रूम में लगी है तो ताला ट्रांसफर ऑर्डर निरस्त होने के आदेश पेश करने पर खोला जा सकता है. चंद्रमणि शर्मा ने कहा कि रिकॉर्ड रूम में रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने के लिए ताला लगाया जाता है.
ये भी पढ़ेंः हमीरपुर की तीन पंचायत के एक-एक वार्ड कंटेनमेंट जोन घोषित, DC ने जारी किए आदेश