मंडी: सोमवार को मंडी बाल संरक्षण समिति की बैठक में जिला में पांच नए शिशु पालन केंद्र खोलने के निर्देश जारी किये गए हैं. एडीसी मंडी श्रवण मांटा ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मुश्किल हालातों में जीवन यापन कर रहे 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों की देखभाल व संरक्षण के लिए जिला स्तर पर हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.
एडीसी मंडी श्रवण मांटा ने कहा कि जिला बाल संरक्षण इकाई के माध्यम से किशोर न्याय अधिनियम, 2015 आदर्श नियम, 2016 के तहत देखभाल व संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के लिए बेहतर वातावरण तैयार किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय अस्पताल में शिशु पालन केंद्र खोले गये हैं. इस पालन केंद्र के माध्यम से सरकार का उद्देश्य ऐसे बच्चों को संरक्षण प्रदान करना है, जिन्हें उनके माता-पिता सामाजिक तौर पर अपनाने में असमर्थ हैं. इन बच्चों को स्थाई पारिवारिक संरक्षण देने के लिए पात्र दंपत्तियों को एडॉप्शन के लिए दिया जाता है.
एडीसी ने उपमंडल स्तरीय चिकित्सालय जंजहैली, करसोग, सुंदरनगर, जोगिंदर नगर व सरकारघाट में एक महीने के भीतर शिशु पालना स्वागत केंद्र खोलने के निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि जिला में 18 वर्ष से कम आयु के 159 बच्चे चिन्हित किए गए हैं. जिनमें 40 बच्चों को पैतकृ भूमि से संबंधित अधिकार सुरक्षित रखने के लिए विरासत इंतकाल/नोट जमाबंदी पहले ही दर्ज कर दी है.
इसके अलावा शेष 119 चिन्हित बच्चों के अधिकारों को सुरक्षित रखने के बारे में जल्द कार्रवाई की जाएगी. श्रवण मांटा ने बताया कि जिला में 8 बाल-बालिका गृह चलाए जा रहे हैं, जिसमें 515 बच्चों की देखरेख, पालन पोषण व शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था है. इस समय इन गृहों में 393 बालक-बालिकाएं रह रहे हैं.
श्रवण मांटा ने बताया कि बाल-बालिका सुरक्षा योजना के तहत जिला में 163 बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है. योजना के तहत केंद्र व राज्य अनुदान से सितंबर महीने तक लगभग 24 लाख की राशि व्यय की जा रही है.
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