ETV Bharat / city

करसोग में किसान-बागवान परेशान: खादों के दामों में कमी की मांग

author img

By

Published : Dec 22, 2021, 7:41 PM IST

रासायनिक खादों के दामों में की गई वृद्धि से किसान और बागवान (Farmers upset in Karsog )नाराज हैं. पहले ही चौतरफा महंगाई की मार झेल रहे किसानों और बागवानों की परेशानी और बढ़ा दी है. एक साल के अंदर रासायनिक खादों के दामों में 40 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई. ऐसे में वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के दावों पर भी सवाल उठने लगे है.

Farmers upset in Karsog
खादों के दामों में कमी की मांग

करसोग: रासायनिक खादों के दामों में की गई वृद्धि से किसान और बागवान (Farmers upset in Karsog )नाराज हैं. पहले ही चौतरफा महंगाई की मार झेल रहे किसानों और बागवानों की परेशानी और बढ़ा दी है. एक साल के अंदर रासायनिक खादों के दामों में 40 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई. ऐसे में वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के दावों पर भी सवाल उठने लगे है. करसोग में गेहूं, नकदी फसलों और सेब के बगीचों में पोटाश सहित 12-32-16 का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में रासायनिक खाद के भाव में हुई बढ़ोतरी से किसानों की जेब और अधिक ढीली होगी. नए दाम के अनुसार 12:32:16 खाद 315 रुपए तक महंगी हो गई. यानी जीएसटी के साथ अब किसानों को यही खाद 1450 रुपए प्रति बैग मिलेगी, जबकि इस खाद की कीमत पहले 1135 रुपये प्रति बैग थी.

इसी तरह से 15:15:15 खाद भी 170 रुपये प्रति बैग महंगी हुई. यह खाद अब जीएसटी को जोड़कर 1350 रुपए में मिलेगी. इसका पुराना दाम 1180 रुपए प्रति बैग के करीब था. पोटाश के भी अब किसानों को 1150 रुपए चुकाने होंगे. बता दें कि किसान एक मात्र ऐसा वर्ग जो अपने उत्पाद की कीमत खुद तय नहीं करता है, लेकिन फसल तैयार करने के लिए उसे जिन उपकरणों व खादों की जरूरत पड़ती उसके लिए किसान को हर तरह की कीमत चुकानी पड़ती है.

बावजूद इसके हाल ही में हुई खादों के दाम में वृद्धि ने किसानों की कमर तोड़ दी है. एक तरफ सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के दावे कर रही है. वहीं ,खादों व कीटनाशकों के दामों में वृद्धि से किसानों की आर्थिक सेहत लगातार बिगड़ रही है.हिमाचल में अच्छी उपज लेने के लिए खाद की खपत लगातार बढ़ रही है. इसके तहत 1985-86 उर्वरकों की जो खपत 23,664 मीट्रिक टन थी, वह 2018-19 में बढ़कर 57,560 मीट्रिक टन तक पहुंच गई. किसान दलीप कुमार, कमल, रमेश कुमार, बोधराज, संजय कुमार ने खाद की वृद्धि पर नाराजगी जताते हुए कीमत कम करने की मांग की , ताकि किसानों को खाद खरीदने के लिए अधिक पैसे खर्च न करने पड़े.
कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव एवं बागवान श्याम सिंह चौहान का कहना है कि खाद के भाव बढ़ने से किसानों पर मार पड़ी. लगातार बढ़ रहे रासायनिक खादों के दाम से किसानों के लिए खेती घाटे का सौदा बन गया. उन्होंने कहा कि अगर सच में किसानों की आय दोगुना करनी है तो सरकार को रासायनिक खादों की कीमत कम करनी चाहिए.

ये भी पढ़ें :हिमाचल में फार्मर प्रोड्यूस ऑर्गेनाइजेशन के गठन से बढ़ेगी किसानों की आय: सुरेश भारद्वाज

करसोग: रासायनिक खादों के दामों में की गई वृद्धि से किसान और बागवान (Farmers upset in Karsog )नाराज हैं. पहले ही चौतरफा महंगाई की मार झेल रहे किसानों और बागवानों की परेशानी और बढ़ा दी है. एक साल के अंदर रासायनिक खादों के दामों में 40 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई. ऐसे में वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के दावों पर भी सवाल उठने लगे है. करसोग में गेहूं, नकदी फसलों और सेब के बगीचों में पोटाश सहित 12-32-16 का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में रासायनिक खाद के भाव में हुई बढ़ोतरी से किसानों की जेब और अधिक ढीली होगी. नए दाम के अनुसार 12:32:16 खाद 315 रुपए तक महंगी हो गई. यानी जीएसटी के साथ अब किसानों को यही खाद 1450 रुपए प्रति बैग मिलेगी, जबकि इस खाद की कीमत पहले 1135 रुपये प्रति बैग थी.

इसी तरह से 15:15:15 खाद भी 170 रुपये प्रति बैग महंगी हुई. यह खाद अब जीएसटी को जोड़कर 1350 रुपए में मिलेगी. इसका पुराना दाम 1180 रुपए प्रति बैग के करीब था. पोटाश के भी अब किसानों को 1150 रुपए चुकाने होंगे. बता दें कि किसान एक मात्र ऐसा वर्ग जो अपने उत्पाद की कीमत खुद तय नहीं करता है, लेकिन फसल तैयार करने के लिए उसे जिन उपकरणों व खादों की जरूरत पड़ती उसके लिए किसान को हर तरह की कीमत चुकानी पड़ती है.

बावजूद इसके हाल ही में हुई खादों के दाम में वृद्धि ने किसानों की कमर तोड़ दी है. एक तरफ सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के दावे कर रही है. वहीं ,खादों व कीटनाशकों के दामों में वृद्धि से किसानों की आर्थिक सेहत लगातार बिगड़ रही है.हिमाचल में अच्छी उपज लेने के लिए खाद की खपत लगातार बढ़ रही है. इसके तहत 1985-86 उर्वरकों की जो खपत 23,664 मीट्रिक टन थी, वह 2018-19 में बढ़कर 57,560 मीट्रिक टन तक पहुंच गई. किसान दलीप कुमार, कमल, रमेश कुमार, बोधराज, संजय कुमार ने खाद की वृद्धि पर नाराजगी जताते हुए कीमत कम करने की मांग की , ताकि किसानों को खाद खरीदने के लिए अधिक पैसे खर्च न करने पड़े.
कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव एवं बागवान श्याम सिंह चौहान का कहना है कि खाद के भाव बढ़ने से किसानों पर मार पड़ी. लगातार बढ़ रहे रासायनिक खादों के दाम से किसानों के लिए खेती घाटे का सौदा बन गया. उन्होंने कहा कि अगर सच में किसानों की आय दोगुना करनी है तो सरकार को रासायनिक खादों की कीमत कम करनी चाहिए.

ये भी पढ़ें :हिमाचल में फार्मर प्रोड्यूस ऑर्गेनाइजेशन के गठन से बढ़ेगी किसानों की आय: सुरेश भारद्वाज

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.