हमीरपुर: मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में सीटी स्कैन सुविधा के लिए अब मरीजों और तीमारदारों को सरकारी फीता कटने का इंतजार है. सवा करोड़ की लागत की सीटी स्कैन मशीन को मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल हमीरपुर में पहुंचे हुए करीब डेढ़ माह हो चुका है और इसे कुछ दिन पहले की इंस्टॉल भी कर लिया गया है. मशीन को इंस्टॉल करने साथ ही इसको चलाने वाले कर्मचरियों की ट्रेनिंग भी पूरी हो चुकी और मशीन के ट्रायल भी हो चुके हैं. मेडिकल काॅलेज प्रबंधन को शायद इंतजार है तो फीता काटने वाले किसी बड़े नेता का.
नेता के नंबर बनाने के चक्कर में जनता को इस सुविधा के लिए कुछ दिन और इंतजार करना होगा. ऐसे में सवाल उठता है कि टेस्ट के लिए निजी लैब में हजारों रुपए खर्च करने वाली जनता के प्रति जवाबदेही आखिर किसकी है? क्या इस लूट के लिए नेता जवाबदेह हैं या फिर प्रबंधन के वह अधिकारी जो उद्घाटन के लिए नेताओं की राह ताक रहे हैं. कुल मिलाकर जिले के सर्वोच्च स्वास्थ्य संस्थान मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में अधिकारियों का नेता प्रेम जनता पर भारी पड़ता दिख रहा है.
निजी लैब में टेस्ट करवाने को मजबूर हैं मरीज, कईयों को किया जा रहा रैफर: कई सालों से इस सीटी स्कैन मशीन का इंतजार जिले के लोगों को है. हालात ऐसे हैं कि पुरानी मशीन सालों पहले आउटडेटिड हो चुकी थी और नई मशीन के इंतजार में लबा अरसा बीत गया. अब जब (CT Scan Machine not inaugurated) मशीन को स्थापित किए कई दिन बीत चुके और स्टाफ भी ट्रेंड है तो प्रबंधन का नेता प्रेम लोगों पर भारी पड़ता दिख रहा है. कई मरीज निजी लैब में टेस्ट करवाने को मजबूर हो रहे हैं तो कईंयों को इस चक्कर में रैफर भी किया जा चुका है.
टेस्ट के लिए तैयार है मशीन, बड़ी बीमारियों के टेस्ट के लिए चाहिए प्रेशर इंजैक्टर उपकरण: मेडिकल काॅलेज में सवा करोड़ रूपये की लागत से स्थापित इस मशीन में ट्रायल भी कर लिया गया है. इतना ही नहीं स्टाफ ने यहां पर इंमरजेसी में हेड इंजरी और हार्ट स्ट्रोक वाले मरीजों के इक्का दुक्का टेस्ट भी किए हैं. मशीन नार्मल सीटी स्कैन के टेस्ट के लिए पूरी तरह से फिट है हालांकि कैंसर जैसी बीमारियों के लिए प्रेशर इंजैक्टर की जरूरत यहां पर रेडियोलॉजी विभाग को है. विभाग के अधिकारी इस सिलसिले में संबंधित कंपनी को कई बार कह चुके हैं लेकिन कंपनी लगातार लेटलतीफी कर रही है. कुल मिलाकर अगर प्रबंधन इस मशीन से नियमित तौर पर टेस्ट करना चाहे तो मशीन तैयार है लेकिन बिना फीता काटे नियमित रूप से टेस्ट शुरू कर प्रबंधन भी यहां पर सत्तासीन नेताओं को नाराज नहीं करना चाह रहा है. यही वजह है कि नेता के इंतजार से जनता परेशान है.
एमएस बोले प्रिंसिपल से पूछो, प्रधानाचार्य को मीडिया के फोन से एलर्जी: मेडिकल काॅलेज प्रबंधन के अधिकारियों की कार्य के प्रति संजीदगी आप कुछ ऐसे समझ सकते हैं कि अस्पताल के एसएम रमेश चैहान से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि मशीन को इंस्टाॅल तो कर लिया गया है. मशीन में नियमित रूप से टेस्ट कब शुरू होंगे इसके बारे मेडिकल काॅलेज की प्रिंसीपल ही बता सकती हैं. वहीं, जब मेडिकल काॅलेज की प्रिंसीपल डॉक्टर सुमन यादव से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने हमेशा की तरह फोन नहीं उठाया. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ की प्रिंसीपल ने फोन नहीं उठाया अकसर वह मीडिया कर्मियों के फोन रिसीव नहीं करती हैं. मीडिया से फोन की प्रिंसिपल की एलर्जी को आप कुछ इस कदर समझ सकते हैं कि मेडिकल कॉलेज की पिछली आरकेएस की बैठक में स्वास्थ्य मंत्री के सामने ही प्रिंसिपल यह कह चुकी हैं कि उन्होंने मीडिया कर्मियों के फोन नंबर ब्लैक लिस्ट में डाले हैं.
डीसी ने कहा कि कार्य ऑन ट्रैक, स्थानीय विधायक बोले जल्द करेंगे उद्घाटन: डीसी हमीरपुर देव श्वेता बनिक का कहना है कि यह कार्य ऑन ट्रैक है. कॉलेज प्रबंधन की तरफ से कोई प्रॉबलम उनके ध्यान में नहीं लाई गई है. वहीं, जब इस बारे स्थानीय विधायक नरेंद्र ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मशीन टेस्ट के लिए तैयार है. मशीन का उद्घाटन जल्द की कर लिया जाएगा. कुछ दिन पहले यह उद्घाटन किया जाना था लेकिन किसी वजह से टल गया. अब इस मशीन का उद्घाटन अगले सप्ताह तक कर लिया जाएगा.