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फूफा ने नाबालिग से किया था दुष्कर्म, कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा, 42 हजार जुर्माना

मंडी में नाबालिग से बलात्कर करने का आरोप सिद्द होने पर कोर्ट ने फूफा को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई.वहीं, दोषी पर तीन अलग अलग धाराओं में 42 हजार रुपये जुर्माना लगाया है. दोषी के विरुद्ध 19 सितंबर 2015 को थाना पद्धर नाबालिग की शिकायत पर दुष्कर्म में पॉक्सो अधिनियम व जान से मारने की धमकी दिए जाने का मामला दर्ज हुआ था.

mandi rape case news, मंडी रेप केस न्यूज
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Published : Aug 28, 2021, 10:43 PM IST

मंडी: पद्धर उपमंडल की एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के के मामले में नाबालिग के फूफा को फास्ट ट्रैक ,पॉक्सो कोर्ट कोर्ट मंडी ने कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने दोषी पर तीन अलग अलग धाराओं में 42 हजार रुपये जुर्माना लगाया है. जुर्माना राशि न भरने पर उसे 12 माह का अतिरिक्त कठोर कारावास व दो माह का साधारण कारावास काटना होगा और पीड़िता को 20 हजार रुपये हर्जाना देना होगा.

आरोप सिद्ध करने के लिए अभियोजन पक्ष की तरफ से अदालत में 18 गवाहों के बयान कलमबद्ध करवाए गए थे. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक,पॉक्सो कोर्ट पंकज शर्मा ने दोषी राम लाल पुत्र मिनकू राम निवासी परोटा डाकघर पदवाहण तहसील पद्धर जिला मंडी को शनिवार को यह सजा सुनाई है.

दोषी के विरुद्ध 19 सितंबर 2015 को थाना पद्धर नाबालिग की शिकायत पर दुष्कर्म में पॉक्सो अधिनियम व जान से मारने की धमकी दिए जाने का मामला दर्ज हुआ था. दोषी रामलाल के घर पीड़िता के घर से कुछ दूरी पर है. दिसंबर 2014 को उसने कुछ समान देने के बहाने नाबालिग को अपने घर बुलाया था. पीड़िता उस समय आठवीं कक्षा की छात्रा थी. नाबालिग सामान लेने पहुंची तो दोषी घर में अकेला था. वह उसे अपने साथ कमरे में ले गया. दरवाजे को कुंडी लगाने के बाद उसके बाद दुष्कर्म किया.

उसके बाद उसने पीड़िता को मुंह बंद रखने के लिए जान से मारने दी थी. कहा था कि जब भी वह फोन पर बुलाए चुपचाप उसके घर चले आना. यह सिलसिला चार -पांच माह तक चलता रहा. कुछ माह बाद महावारी बंद होने की बात पीड़िता ने दोषी को बताई तो उसने दवाई लाकर देने की बात कही थी, लेकिन दवाई नहीं दी, कोई लड़का देख उससे शादी करने का दवाब बनाया.

पीड़िता ने अपने जीजा के रिश्तेदार से शादी कर ली. शादी के बाद व तीन माह तक ससुराल में रही. इसके बाद वह मायके आई, यहां उसने 20 अगस्त 2015 को बेटे को जन्म दिया. बेटा पैदा होने के 4 दिन बाद उसकी बुआ उनके घर एक दंपती के साथ आई. बेटा उनको गोद दे दिया. बदले में 5000 रुपये दिए. उसके ससुराल पक्ष को बच्चा पैदा होने का पता चलने पर मामले का खुलासा हुआ.

पीड़िता ने इसके बाद अपने फूफा के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाई थी. पद्धर पुलिस ने रामलाल को गिरफ्तार कर मामले की जांच की. मामले की सत्यता जानने के लिए डीएनए जांच करवाई गई. उसमें बच्चा रामलाल का पाया गया. जांच के बाद कोर्ट में चालान पेश किया गया था.

दुष्कर्म मामले में दोषी को कठोर आजीवन कारावास व 20 हजार जुर्मानाए पॉक्सो अधिनियम में कठोर आजीवन कारावास व 20 हजार जुर्माना व जान से मारने की धमकी देने पर दो साल का साधारण कारावास व दो हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई.

ये भी पढ़ें :SHIMLA: हाउस टैक्स बढ़ा, 2021 के बाद बनने वाले भवनों के मालिकों को देना होगा ज्यादा टैक्स

मंडी: पद्धर उपमंडल की एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के के मामले में नाबालिग के फूफा को फास्ट ट्रैक ,पॉक्सो कोर्ट कोर्ट मंडी ने कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने दोषी पर तीन अलग अलग धाराओं में 42 हजार रुपये जुर्माना लगाया है. जुर्माना राशि न भरने पर उसे 12 माह का अतिरिक्त कठोर कारावास व दो माह का साधारण कारावास काटना होगा और पीड़िता को 20 हजार रुपये हर्जाना देना होगा.

आरोप सिद्ध करने के लिए अभियोजन पक्ष की तरफ से अदालत में 18 गवाहों के बयान कलमबद्ध करवाए गए थे. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक,पॉक्सो कोर्ट पंकज शर्मा ने दोषी राम लाल पुत्र मिनकू राम निवासी परोटा डाकघर पदवाहण तहसील पद्धर जिला मंडी को शनिवार को यह सजा सुनाई है.

दोषी के विरुद्ध 19 सितंबर 2015 को थाना पद्धर नाबालिग की शिकायत पर दुष्कर्म में पॉक्सो अधिनियम व जान से मारने की धमकी दिए जाने का मामला दर्ज हुआ था. दोषी रामलाल के घर पीड़िता के घर से कुछ दूरी पर है. दिसंबर 2014 को उसने कुछ समान देने के बहाने नाबालिग को अपने घर बुलाया था. पीड़िता उस समय आठवीं कक्षा की छात्रा थी. नाबालिग सामान लेने पहुंची तो दोषी घर में अकेला था. वह उसे अपने साथ कमरे में ले गया. दरवाजे को कुंडी लगाने के बाद उसके बाद दुष्कर्म किया.

उसके बाद उसने पीड़िता को मुंह बंद रखने के लिए जान से मारने दी थी. कहा था कि जब भी वह फोन पर बुलाए चुपचाप उसके घर चले आना. यह सिलसिला चार -पांच माह तक चलता रहा. कुछ माह बाद महावारी बंद होने की बात पीड़िता ने दोषी को बताई तो उसने दवाई लाकर देने की बात कही थी, लेकिन दवाई नहीं दी, कोई लड़का देख उससे शादी करने का दवाब बनाया.

पीड़िता ने अपने जीजा के रिश्तेदार से शादी कर ली. शादी के बाद व तीन माह तक ससुराल में रही. इसके बाद वह मायके आई, यहां उसने 20 अगस्त 2015 को बेटे को जन्म दिया. बेटा पैदा होने के 4 दिन बाद उसकी बुआ उनके घर एक दंपती के साथ आई. बेटा उनको गोद दे दिया. बदले में 5000 रुपये दिए. उसके ससुराल पक्ष को बच्चा पैदा होने का पता चलने पर मामले का खुलासा हुआ.

पीड़िता ने इसके बाद अपने फूफा के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाई थी. पद्धर पुलिस ने रामलाल को गिरफ्तार कर मामले की जांच की. मामले की सत्यता जानने के लिए डीएनए जांच करवाई गई. उसमें बच्चा रामलाल का पाया गया. जांच के बाद कोर्ट में चालान पेश किया गया था.

दुष्कर्म मामले में दोषी को कठोर आजीवन कारावास व 20 हजार जुर्मानाए पॉक्सो अधिनियम में कठोर आजीवन कारावास व 20 हजार जुर्माना व जान से मारने की धमकी देने पर दो साल का साधारण कारावास व दो हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई.

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