मंडी: सीएम जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री स्वालंबन योजना व मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना के लाभार्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सीधा संवाद किया और अपने अनुभव भी शेयर किए. इसी बीच उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर सहित सैकड़ों लाभार्थियों ने CM को सुना और उनका आभार व्यक्त किया.
बता दें कि गुटकर के नित्यानंद वर्मा ने मुख्यमंत्री स्वावंलबन योजना की मदद से कंक्रीट ब्लॉक बनाया है, जबकि सराज क्षेत्र की सुनीता देवी बैग बनाने का उद्योग चला रही हैं. वहीं, पनारसा के अश्विनी राठी ने मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना के तहत लाभ प्राप्त करके एनआईटी हमीरपुर के साथ काम करते हुए प्रोटोटाइप विकसित किया है, जबकि सेहली गांव की रमा देवी ने मुख्यमंत्री स्वावंलबन योजना में सस्ती दरों पर ऋण लेकर जेसीबी मशीन खरीदी है.
महाप्रबंधक उद्योग ओपी जरयाल ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना हिमाचल प्रदेश सरकार की महत्वूपर्ण योजनाओं में से एक है, जिसे उद्योग विभाग के जरिए चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत कोई भी हिमाचली युवक व युवती जिनकी आयु 18 से 45 वर्ष के बीच हो और अपना उद्योग स्थापित करना चाहते हों. ऐसे में उनके लिए 40 लाख रुपये तक के निवेश पर 25 प्रतिशत व 30 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है.
ओपी जरयाल ने बताया कि हिमाचली विधवा महिलाओं के लिए जिनकी आयु 45 वर्ष से कम हो तो उनको 35 प्रतिशत का अनुदान और ब्याज की दर में पांच प्रतिशत की छूट दी जाती है. उन्होंने बताया कि जिला में बीते दो सालों में 218 उद्योग स्थापित करने के लिए करीब 45 करोड़ रुपये का अनुदान स्वीकृत किया गया है, जिसमें से 95 मामलों में लगभग साढ़े 5 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है. साथ ही वर्ष 2020-21 में अभी तक और 19 केस जिला स्तरीय समिति द्वारा अनुमोदित किए जा चुके हैं.
जिलाधीश ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि जिला प्रशासन सरकार की योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि लोगों को स्वरोजगार लगाने के लिए हर संभव मदद मुहैया करवाई जा रही है. उन्होंने कहा कि बैंकों को स्वरोजगार गतिविधियों के लिए लोगों को उदारतापूर्वक ऋण देने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि वे अपना काम शुरू करके आत्मनिर्भर बन सके.
लाभार्थी नित्यानंद वर्मा ने बताया कि सरकार की इन योजनाओं ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने और तरक्की की नई इबारत लिखने का हौंसला दिया है. उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से उनको बहुत लाभ हुआ, जिससे वो अपना और अपने परिवार का पालन-पोषम कर सकते हैं.
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