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चेक बाउंस मामला: अदालत ने आरोपी पर एक साल कारावास और 5 लाख 70 हजार रुपये का लगाया जुर्माना - शिकायत पर चलाए गए अभियोग

न्यायाधीश आरके शर्मा ने आरोपी को एक साल कारावास और 5,70,000 रुपये का जुर्माना अदा करने का फैसला सुनाया है. बता दें कि विशेष न्यायिक दंडाधिकारी ने औट तहसील के टकोली (पनारसा) गांव निवासी विपिन शर्मा की शिकायत पर चलाए गए अभियोग के साबित होने पर ये फैसला लिया है.

मंडी अदालत
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Published : Oct 22, 2019, 3:08 PM IST

मंडी: चेक बाउंस मामले में दायर अपीलों पर फैसला सुनाते हुए न्यायधीश आरके शर्मा ने आरोपी को एक साल के कारावास और 5,70,000 रुपये का जुर्माना अदा करने का फैसला सुनाया है.

जिला व सत्र न्यायाधीश आरके शर्मा की अपील पर अदालत ने शिकायतकर्ता विपिन शर्मा और आरोपी ज्ञान चंद की ओर से दायर अपीलों की सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता की अपील को स्वीकार किया है, जबकि आरोपी की अपील को खारिज कर दिया है.

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बता दें कि विशेष न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायलय ने औट तहसील के टकोली (पनारसा) गांव निवासी विपिन शर्मा की शिकायत पर चलाए गए अभियोग के साबित होने पर ज्ञान चंद को एक साल के साधारण कारावास और 4,70,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी. जिसके बाद अदालत ने 5,70,000 रुपये देने के आदेश दिए थे.

आरोपी का कहना था कि निचली अदालत ने सही तरीके से फैसला नहीं किया है और एक गलत फैसले के तहत उन्हें सजा दी गई है, जबकि दूसरे पक्ष शिकायतकर्ता ने निचली अदालत के फैसले को सही करार देते हुए हर्जाने की राशि को संशोधित करने की अपील की थी.

अधिवक्ता आरके चावला के माध्यम से दायर की गई अपील में शिकायतकर्ता का कहना था कि निचली अदालत ने आरोपी को 4,70,000 जुर्माना अदा करने को कहा है, लेकिन ये जुर्माना निगोशिएबल इन्स्ट्रूमेंट अधिनियम के प्रावधानों के तहत नहीं किया गया है. इसके अलावा निचली अदालत ने अपने फैसले में ये निर्देश नहीं दिए हैं कि आरोपी से प्राप्त जुर्माना राशि को बतौर हर्जाना शिकायतकर्ता के पक्ष में अदा किया जाएगा.

मंडी: चेक बाउंस मामले में दायर अपीलों पर फैसला सुनाते हुए न्यायधीश आरके शर्मा ने आरोपी को एक साल के कारावास और 5,70,000 रुपये का जुर्माना अदा करने का फैसला सुनाया है.

जिला व सत्र न्यायाधीश आरके शर्मा की अपील पर अदालत ने शिकायतकर्ता विपिन शर्मा और आरोपी ज्ञान चंद की ओर से दायर अपीलों की सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता की अपील को स्वीकार किया है, जबकि आरोपी की अपील को खारिज कर दिया है.

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बता दें कि विशेष न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायलय ने औट तहसील के टकोली (पनारसा) गांव निवासी विपिन शर्मा की शिकायत पर चलाए गए अभियोग के साबित होने पर ज्ञान चंद को एक साल के साधारण कारावास और 4,70,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी. जिसके बाद अदालत ने 5,70,000 रुपये देने के आदेश दिए थे.

आरोपी का कहना था कि निचली अदालत ने सही तरीके से फैसला नहीं किया है और एक गलत फैसले के तहत उन्हें सजा दी गई है, जबकि दूसरे पक्ष शिकायतकर्ता ने निचली अदालत के फैसले को सही करार देते हुए हर्जाने की राशि को संशोधित करने की अपील की थी.

अधिवक्ता आरके चावला के माध्यम से दायर की गई अपील में शिकायतकर्ता का कहना था कि निचली अदालत ने आरोपी को 4,70,000 जुर्माना अदा करने को कहा है, लेकिन ये जुर्माना निगोशिएबल इन्स्ट्रूमेंट अधिनियम के प्रावधानों के तहत नहीं किया गया है. इसके अलावा निचली अदालत ने अपने फैसले में ये निर्देश नहीं दिए हैं कि आरोपी से प्राप्त जुर्माना राशि को बतौर हर्जाना शिकायतकर्ता के पक्ष में अदा किया जाएगा.

Intro:मंडी। चेक बाउंस के एक मामले में दायर अपीलों पर फैसला सुनाते हुए अदालत ने आरोपी को एक साल के साधारण कारावास और 5,70,000 रूपये जुर्माना अदा करने का फैसला सुनाया है। आरोपी से प्राप्त जुर्माना राशि को शिकायतकर्ता के पक्ष में बतौर हर्जाना अदा किया जाएगा। इसके अलावा अदालत ने आरोपी की अपील को निरस्त करते हुए निचली अदालत के सजा के फैसले को भी बरकरार रखा है। Body:जिला एवं सत्र न्यायधीश आर के शर्मा की अपीलीय अदालत ने शिकायतकर्ता विपिन शर्मा और आरोपी ज्ञान चंद की ओर से दायर अपीलों की सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता की अपील को स्वीकार किया है। जबकि आरोपी की अपील को खारिज कर दिया है। उल्लेखनीय है कि विशेष न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायलय ने औट तहसील के टकोली (पनारसा) गांव विपिन शर्मा की शिकायत पर चलाए गए अभियोग के साबित होने पर ज्ञान चंद को एक साल के साधारण कारावास और 4,70,000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इस फैसले को दोनों पक्षों की ओर से अपील दायर करके चुनौती दी गई थी। आरोपी का कहना था कि निचली अदालत ने सही तरीके से फैसला नहीं किया है और एक गलत फैसले के तहत उन्हें सजा दी गई है। जबकि दूसरे पक्ष शिकायतकर्ता ने निचली अदालत के फैसले को सही करार देते हुए हर्जाने की राशि को संशोधित करने की अपील की थी। अधिवक्ता आर के चावला के माध्यम से दायर की गई अपील में शिकायतकर्ता का कहना था कि निचली अदालत ने हालांकि आरोपी को 4,70,000 जुर्माना अदा करने को कहा है। लेकिन यह जुर्माना निगोशिएबल इन्स्ट्रुमेंट अधिनियम के प्रावधानों के तहत नहीं किया गया है। इसके अलावा निचली अदालत ने अपने फैसले में यह निर्देश नहीं दिए हैं कि आरोपी से प्राप्त जुर्माना राशि को बतौर हर्जाना शिकायतकर्ता के पक्ष में अदा किया जाएगा। अदालत ने शिकायतकर्ता की अपील को स्वीकारते हुए जुर्माना राशि को 4,70,000 से बढाते हुए 5,70,000 रूपये करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने आरोपी से प्राप्त होने वाली इस जुर्माना राशि को बतौर हर्जाना शिकायतकर्ता के पक्ष में अदा करने के भी निर्देश दिए हैं। अदालत ने निचली अदालत में आरोपी को सुनाई गई सजा को निरस्त करने की अपील को भी खारिज करने के आदेश दिए हैं। Conclusion:
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