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चैतन्य की संगीत में बड़ी उपलब्धि: हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया नाम, CM जयराम ने किया सम्मानित - चैतन्य की बड़ी उपलब्धि

मंडी के चैतन्य के संगीत का जादू देश-विदेश में धूम मचाने लगा है. चैतन्य गुप्ता का नाम विश्व रिकॉर्ड, हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Harvard World Records) में दर्ज हुआ है. बेहतरीन प्रदर्शन के लिए हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड्स लंदन फॉर आउट स्टैंडिंग वर्क एज ए वोकलिस्ट एंड गिटारिस्ट अवार्ड (Chaitanya Gupta sets world record) से नवाजा गया.

मंडी के चैतन्य को अवार्ड
मंडी के चैतन्य को अवार्ड
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Published : Jul 4, 2022, 8:28 AM IST

मंडी: शहर के खलियार निवासी चैतन्य गुप्ता का नाम (Chaitanya Gupta sets world record) विश्व रिकॉर्ड, हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Harvard World Records) में दर्ज हुआ है. चैतन्य को संगीत के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड्स लंदन फॉर आउट स्टैंडिंग वर्क एज ए वोकलिस्ट एंड गिटारिस्ट अवार्ड से नवाजा गया. जिसके लिए हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड्स लंदन की ओर से चैतन्य गुप्ता को मेडल और सर्टिफिकेट देकर सम्मान दिया गया है. इसी के साथ चैतन्य की ख्याति अंतरराष्ट्रीय पटल पर स्थापित हो गई है.

सीएम जयराम ने किया सम्मानित: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने चैतन्य गुप्ता को यह मेडल पहनाकर सम्मानित किया. जयराम ने उन्हें व उनके परिवार को बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की. उन्होंने कहा कि चैतन्य ने विश्व में देश के साथ हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन किया है. यह एक बड़ी उपलब्धि है.

सीएम जयराम ठाकुर ने किया सम्मानित
सीएम जयराम ठाकुर ने किया सम्मानित

6 घंटे बजाने का निरीक्षण किया: चैतन्य ने बताया कि ऑनलाइन वेरिफिकेशन के बाद लगभग 6 घंटे तक हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ लंदन की टीम ने उनके गाए गानों व गिटार बजाने का निरीक्षण किया, जिसके बाद उन्हें इस अवार्ड के लिए चयनित किया गया. उन्होंने अपनी वोकलिस्ट व गिटारिस्ट परफार्मेंस से यह वर्ल्ड रिकार्ड बनाया है. इस उपलब्धि का श्रेय वह अपनी मां,नानी और मामा को दिया. उन्होंने बताया कि मां के सहयोग व आशीर्वाद से ही इस उपलब्धि को हासिल कर पाया हूं.

यह रिकॉर्ड बनाने वाले चैतन्य गुप्ता प्रदेश के पहले युवा कलाकार बन गए. बचपन से ही गाने का शौक रखते है. उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री भी हासिल की है. संगीत की शिक्षा में प्रयाग संगीत समिति (Prayag Sangeet Samiti) इलाहाबाद से 2 साल का गिटार का डिप्लोमा व 6 साल की वोकल की डिग्री हासिल की है.उन्होंने बताया कि मंडी में संगीत सदन अकादमी (Mandi Sangeet Sadan Academy) में वोकल संगीत की शिक्षा (Vocal Music Education) अपने गुरु उमेश भारद्वाज, गिटार की शिक्षा मुकेश भट्ट व प्रवीण गुलेरिया और पंजाब में गोपीनाथ कमल से ग्रहण की है.

2012 में स्टेज परफॉर्मेंस का मौका मिला: 2012 से स्टेज परफॉर्मेंस देने का मौका मिला, जिसके बाद आईआईटी मंडी में एज ए गेस्ट लेक्चर देने का भी अवसर मिला. शंकर महादेवन (Shankar Mahadevan)के गिटारिस्ट व इंडियन म्यूजिक प्रोड्यूसर एंड गिटारिस्ट एहसान नूरानी ने इंस्टाग्राम पर हिमाचली फोक जुग जियो धारा रेयो गुजरो सुना और हिमाचल के रॉकस्टार का टैग दिया. मार्च 2021 में विश्व भर में भारत सरकार व इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशन (Indian Council for Cultural Relations) की ओर से आयोजित क्लासिकल गायकी व नृत्य सुर ताल हुनर का कमाल ऑनलाइन प्रतियोगिता में टाॅप 5 प्रतिभागियों में जगह बनाई.

पिता ने छोड़ा साथ, मां ने दिया साथ: चैतन्य ने बताया कि बचपन से ही वर्ल्ड क्लास आर्टिस्टों को सुन कर संगीत की तरफ रुझान बढ़ा, जिसके बाद जब इस दिशा में कदम बढ़ाने शुरू किए तो काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन मां का भरपूर साथ मिला. पिता ने करीब ढाई साल की उम्र से मां से दूरी बना ली थी. जिससे मां के साथ नाना-नानी के घर पर ही रहकर पला बढ़ा हूं. पिता का साथ न मिलने से मां के संघर्षरत जीवन से प्रेरित होकर एक मुकाम तक पहुंचने की हसरत अंदर जागी, जिसे पूरा करने के लिए प्रयासरत हूं.

मंडी: शहर के खलियार निवासी चैतन्य गुप्ता का नाम (Chaitanya Gupta sets world record) विश्व रिकॉर्ड, हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Harvard World Records) में दर्ज हुआ है. चैतन्य को संगीत के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड्स लंदन फॉर आउट स्टैंडिंग वर्क एज ए वोकलिस्ट एंड गिटारिस्ट अवार्ड से नवाजा गया. जिसके लिए हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड्स लंदन की ओर से चैतन्य गुप्ता को मेडल और सर्टिफिकेट देकर सम्मान दिया गया है. इसी के साथ चैतन्य की ख्याति अंतरराष्ट्रीय पटल पर स्थापित हो गई है.

सीएम जयराम ने किया सम्मानित: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने चैतन्य गुप्ता को यह मेडल पहनाकर सम्मानित किया. जयराम ने उन्हें व उनके परिवार को बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की. उन्होंने कहा कि चैतन्य ने विश्व में देश के साथ हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन किया है. यह एक बड़ी उपलब्धि है.

सीएम जयराम ठाकुर ने किया सम्मानित
सीएम जयराम ठाकुर ने किया सम्मानित

6 घंटे बजाने का निरीक्षण किया: चैतन्य ने बताया कि ऑनलाइन वेरिफिकेशन के बाद लगभग 6 घंटे तक हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ लंदन की टीम ने उनके गाए गानों व गिटार बजाने का निरीक्षण किया, जिसके बाद उन्हें इस अवार्ड के लिए चयनित किया गया. उन्होंने अपनी वोकलिस्ट व गिटारिस्ट परफार्मेंस से यह वर्ल्ड रिकार्ड बनाया है. इस उपलब्धि का श्रेय वह अपनी मां,नानी और मामा को दिया. उन्होंने बताया कि मां के सहयोग व आशीर्वाद से ही इस उपलब्धि को हासिल कर पाया हूं.

यह रिकॉर्ड बनाने वाले चैतन्य गुप्ता प्रदेश के पहले युवा कलाकार बन गए. बचपन से ही गाने का शौक रखते है. उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री भी हासिल की है. संगीत की शिक्षा में प्रयाग संगीत समिति (Prayag Sangeet Samiti) इलाहाबाद से 2 साल का गिटार का डिप्लोमा व 6 साल की वोकल की डिग्री हासिल की है.उन्होंने बताया कि मंडी में संगीत सदन अकादमी (Mandi Sangeet Sadan Academy) में वोकल संगीत की शिक्षा (Vocal Music Education) अपने गुरु उमेश भारद्वाज, गिटार की शिक्षा मुकेश भट्ट व प्रवीण गुलेरिया और पंजाब में गोपीनाथ कमल से ग्रहण की है.

2012 में स्टेज परफॉर्मेंस का मौका मिला: 2012 से स्टेज परफॉर्मेंस देने का मौका मिला, जिसके बाद आईआईटी मंडी में एज ए गेस्ट लेक्चर देने का भी अवसर मिला. शंकर महादेवन (Shankar Mahadevan)के गिटारिस्ट व इंडियन म्यूजिक प्रोड्यूसर एंड गिटारिस्ट एहसान नूरानी ने इंस्टाग्राम पर हिमाचली फोक जुग जियो धारा रेयो गुजरो सुना और हिमाचल के रॉकस्टार का टैग दिया. मार्च 2021 में विश्व भर में भारत सरकार व इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशन (Indian Council for Cultural Relations) की ओर से आयोजित क्लासिकल गायकी व नृत्य सुर ताल हुनर का कमाल ऑनलाइन प्रतियोगिता में टाॅप 5 प्रतिभागियों में जगह बनाई.

पिता ने छोड़ा साथ, मां ने दिया साथ: चैतन्य ने बताया कि बचपन से ही वर्ल्ड क्लास आर्टिस्टों को सुन कर संगीत की तरफ रुझान बढ़ा, जिसके बाद जब इस दिशा में कदम बढ़ाने शुरू किए तो काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन मां का भरपूर साथ मिला. पिता ने करीब ढाई साल की उम्र से मां से दूरी बना ली थी. जिससे मां के साथ नाना-नानी के घर पर ही रहकर पला बढ़ा हूं. पिता का साथ न मिलने से मां के संघर्षरत जीवन से प्रेरित होकर एक मुकाम तक पहुंचने की हसरत अंदर जागी, जिसे पूरा करने के लिए प्रयासरत हूं.

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