मंडीः पहले सराज में मिड डे मील, फिर नाचन में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री को मंदिर के प्रवेश के लिए रोके जाने और अब मंडी में महाशिवरात्रि महोत्सव के भोज में जातीय भेदभाव के मामले ने तूल पकड़ लिया है. देव समाज ने शिवरात्रि भोज में अनुसूचित जाति के लोगों को जबरन उठाने के मामले में रोष जताते हुए जातीय भेदभाव फैलाने वालों के बहिष्कार का निर्णय लिया है.
वहीं, दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए मंडी में घटित जातीवाद के मामलों में उच्चस्तरीय जांच बैठाने की मांग को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है. दूसरी तरफ सामान्य वर्ग संयुक्त मंच हिमाचल प्रदेश ने आपात बैठक कर मंडी शिवरात्रि मेले में साथ खाने के विवाद को लेकर हुई गिरफ्तारियों की घोर निंदा की.
जातीय भेदभाव फैलाने वालों का देव समाज करेगा बहिष्कार
संयुक्त मंच ने जिला प्रशासन और पुलिस विभाग से अनुरोध किया है कि इस केस में निष्पक्ष छानबीन करें और गिरफ्तार आरोपियों को जमानत पर रिहा करवाएं. ताकि ऐसे कुछ शरारती तत्वों को एससी एसटी एक्ट के दुरूपयोग करने पर अंकुश लगाया जा सके.
सर्व देवता सेवा समिति के प्रधान शिवपाल शर्मा ने कहा कि इस तरह घटनाओं से देव समाज बदनाम होता है. जिसकी घोर निंदा की जाती है. देव पर्वों में सामूहिक भोज के दौरान जातीय भेदभाव न हो, इसके लिए कड़ा संज्ञान लिया जाएगा.
जातीय भेदभाव फैलाने वालों का देव समाज बहिष्कार करेगा. आने वाली बैठकों में इस मुद्दों को उठाया जाएगा और सर्व सहमति के बाद इसे लागू किया जाएगा. शिवरात्रि के दौरान सभी लोगों के लिए सार्वजनिक लंगर की व्यवस्था रहती है.
कोई भी वहां भोजन ग्रहण कर सकता है. सामान्य वर्ग संयुक्त मंच के प्रदेश संयोजक केएस जम्वाल, ब्राह्मण सभा के प्रधान गुण प्रकाश शर्मा और राजपूत सभा जिला मंडी के प्रधान इंद्र सिंह ठाकुर ने आरोपियों के समर्थन में बैठक कर रिहाई की मांग की है.
संयुक्त मंच का कहना है कि जिन दो व्यक्तियों को धरा गया है, वे निर्दोष हैं. कुछ शरारती लोगों ने यह षड्यंत्र पहले ही प्लान किया था. अगर सीसीटीवी कैमरे से छानबीन की जाए तो षड्यंत्र का भंडाफोड़ हो सकता है.
उच्चस्तरीय जांच की मांग
दूसरी ओर, दलित एवं अल्पसंख्यक वर्ग के संयोजक चमन राही, अनुसूचति जाति एवं सुधार समिति के अध्यक्ष सिद्धू राम भारद्वाज और वाल्मिकी सुधार समिति के संस्थापक चंद्रवीर कागरा ने शिवरात्रि भोज के दौरान व मंडी में जातिवाद के हुए तमाम मामलों में उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. ज्ञापन में कहा गया है कि न्याय एवं अधिकारिता मंत्री खुद कुबूल कर चुके हैं कि दलितों के साथ आज भी जातीय आधार पर छुआछूत की घटनाएं हो रही हैं.
नाचन में मंदिर में रोके जाने का प्रकरण हो या मंडी में शिवरात्रि के दौरान जातीय भेदभाव का मामला, ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं. ज्ञापन में इन मामलों में उच्चस्तरीय जांच बैठाकर निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है ताकि जातीय भेदभाव की घटना फिर ना हो सके.
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