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पहले श्रमिकों के खाते में नहीं डाली मनरेगा की मजदूरी, अब पेंडिंग के नाम पर सरकार ने नई सेंक्शन पर लगा दी रोक

प्रदेश सरकार ने मनरेगा में बढ़ती कामों की पेंडेंसी (MNREGA new section to panchayats) का हवाला देते हुए पंचायतों को नई सेंक्शन देने से इंकार कर दिया है. जिससे जनप्रतिनिधि भड़क गए हैं. इसी कड़ी में नाराज जनप्रतिनिधि शनिवार को बीडीओ से मिलने कार्यालय पहुंचे.

MNREGA in subdivision Karsog
फोटो.
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Published : Mar 26, 2022, 8:10 PM IST

करसोग: उपमंडल करसोग में मनरेगा के तहत विकास कार्यों की नई सेंक्शन पर लगी रोक से बवाल मच गया है. प्रदेश सरकार ने मनरेगा में बढ़ती कामों की पेंडेंसी का हवाला देते हुए पंचायतों को नई सेंक्शन देने से इंकार कर दिया है. जिससे जनप्रतिनिधि भड़क गए हैं. पंचायतों में विकास कार्यों पर छाए संकट से नाराज जनप्रतिनिधि शनिवार को बीडीओ से मिलने कार्यालय पहुंचे. यहां जनप्रतिनिधियों ने निर्णय का विरोध जताते हुए सरकार पर अपनी भड़ास निकाली.

जनप्रतिनिधियों का कहना है कि पंचायतों में शुरू किए गए पिछले सभी कार्य पूरे हो चुके हैं, लेकिन केंद्र से श्रमिकों के खाते में मजदूरी न डाले जाने और निर्माण सामग्री की पेमेंट न होने से पूर्ण हो चुके कार्यों को भी पेंडेंसी की सूची में डाल दिया है. जिसका ठीकरा पंचायतों पर फोड़ा जा रहा है.

कोविड 19 के बाद भी पिछले कार्य किए पूरे: प्रदेश में पिछले साल पंचायती राज संस्थाओं (MNREGA new section to panchayats) के लिए हुए चुनाव के बाद नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने फरवरी 2021 में अपना कार्यभार संभाला था. इसके बाद मनरेगा के तहत पहले से चले कार्यों को पूरा करने को कहा गया. इस बीच कोविड 19 की वजह से लगे कर्फ्यू के बाद भी साल के अंत तक जैसे तैसे कामों को पूरा किया गया, लेकिन अब दिक्कत ये है कि अब केंद्र से श्रमिकों की मजदूरी और निर्माण सामग्री की पेमेंट नहीं डल रही है, जिस वजह से अब नए कार्यों की सेंक्शन पर रोक लगा दी गई है, जबकि पंचायतों के पास मनरेगा के पास लाखों का बजट पड़ा है.

वीडियो.

सरकार अगर अप्रैल के पहले सप्ताह तक पेमेंट डाल भी देती है तो नए कामों की सेंक्शन न मिलने से पंचायतों के हाथ खाली होंगे. ऐसे में मनरेगा के तहत काम मांगने पर पंचायतें भला कैसे गरीबों को रोजगार दे पाएगी. जबकि पंचायतें पहले ही पेंडेंसी को लेकर मांगी गई डिटेल को बीडीओ कार्यालय को सौंप चुकी हैं. चुराग पंचायत से प्रधान संतोष कुमारी और उप प्रधान चेतन शर्मा का कहना है कि पूरे करसोग में मनरेगा के तहत नए कार्यों की मंजूरी नहीं मिल रही है. पंचायतों ने फाइलें भी तैयार करके भेज दी है, जिन्हें अब अप्रूव नहीं किया जा रहा है. इस तरह से पंचायतों में काम लटक जाएंगे, जिससे गरीबों को भी रोजगार नहीं मिलेगा.

उन्होंने कहा कि नई सेंक्शन ने देने के पीछे पंचायती राज विभाग के निदेशक की ओर से जारी पत्र का हवाला दिया जा रहा है. बीडीओ सुतेंद्र ठाकुर का कहना है कि विभाग से मनरेगा के तहत पुराने कार्य पूरा होने के बाद ही नई सेंक्शन देने के आदेश मिले हैं. उन्होंने कहा कि पंचायतों में पहले ही कई कार्य पेंडिंग चल रहे हैं.

ये भी पढ़ें- सिरमौर: नाइजीरियन व्यक्ति को अदालत ने सुनाई कठोर कारावास की सजा, जानें क्या है पूरा मामला

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करसोग: उपमंडल करसोग में मनरेगा के तहत विकास कार्यों की नई सेंक्शन पर लगी रोक से बवाल मच गया है. प्रदेश सरकार ने मनरेगा में बढ़ती कामों की पेंडेंसी का हवाला देते हुए पंचायतों को नई सेंक्शन देने से इंकार कर दिया है. जिससे जनप्रतिनिधि भड़क गए हैं. पंचायतों में विकास कार्यों पर छाए संकट से नाराज जनप्रतिनिधि शनिवार को बीडीओ से मिलने कार्यालय पहुंचे. यहां जनप्रतिनिधियों ने निर्णय का विरोध जताते हुए सरकार पर अपनी भड़ास निकाली.

जनप्रतिनिधियों का कहना है कि पंचायतों में शुरू किए गए पिछले सभी कार्य पूरे हो चुके हैं, लेकिन केंद्र से श्रमिकों के खाते में मजदूरी न डाले जाने और निर्माण सामग्री की पेमेंट न होने से पूर्ण हो चुके कार्यों को भी पेंडेंसी की सूची में डाल दिया है. जिसका ठीकरा पंचायतों पर फोड़ा जा रहा है.

कोविड 19 के बाद भी पिछले कार्य किए पूरे: प्रदेश में पिछले साल पंचायती राज संस्थाओं (MNREGA new section to panchayats) के लिए हुए चुनाव के बाद नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने फरवरी 2021 में अपना कार्यभार संभाला था. इसके बाद मनरेगा के तहत पहले से चले कार्यों को पूरा करने को कहा गया. इस बीच कोविड 19 की वजह से लगे कर्फ्यू के बाद भी साल के अंत तक जैसे तैसे कामों को पूरा किया गया, लेकिन अब दिक्कत ये है कि अब केंद्र से श्रमिकों की मजदूरी और निर्माण सामग्री की पेमेंट नहीं डल रही है, जिस वजह से अब नए कार्यों की सेंक्शन पर रोक लगा दी गई है, जबकि पंचायतों के पास मनरेगा के पास लाखों का बजट पड़ा है.

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सरकार अगर अप्रैल के पहले सप्ताह तक पेमेंट डाल भी देती है तो नए कामों की सेंक्शन न मिलने से पंचायतों के हाथ खाली होंगे. ऐसे में मनरेगा के तहत काम मांगने पर पंचायतें भला कैसे गरीबों को रोजगार दे पाएगी. जबकि पंचायतें पहले ही पेंडेंसी को लेकर मांगी गई डिटेल को बीडीओ कार्यालय को सौंप चुकी हैं. चुराग पंचायत से प्रधान संतोष कुमारी और उप प्रधान चेतन शर्मा का कहना है कि पूरे करसोग में मनरेगा के तहत नए कार्यों की मंजूरी नहीं मिल रही है. पंचायतों ने फाइलें भी तैयार करके भेज दी है, जिन्हें अब अप्रूव नहीं किया जा रहा है. इस तरह से पंचायतों में काम लटक जाएंगे, जिससे गरीबों को भी रोजगार नहीं मिलेगा.

उन्होंने कहा कि नई सेंक्शन ने देने के पीछे पंचायती राज विभाग के निदेशक की ओर से जारी पत्र का हवाला दिया जा रहा है. बीडीओ सुतेंद्र ठाकुर का कहना है कि विभाग से मनरेगा के तहत पुराने कार्य पूरा होने के बाद ही नई सेंक्शन देने के आदेश मिले हैं. उन्होंने कहा कि पंचायतों में पहले ही कई कार्य पेंडिंग चल रहे हैं.

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