ETV Bharat / city

लोगों ने अपने घरों में लगा लिए इस किले के पत्थर, गुरु गोबिंद सिंह ने रखी थी नींव

मंडी जिला की बल्ह घाटी में बना मुगलकालीन किला गोबिंदगढ़ आज खडंहर में तब्दील हो गया है. इस किले को राजा सिद्ध सेन ने बनाया था. इसका नींव पत्थर गुरू गोबिंद सिंह जी ने रखा था.

मंडी
MANDI
author img

By

Published : Jul 15, 2020, 1:50 PM IST

मंडी: हिमाचल प्रदेश में बहुत से किले मौजूद हैं, लेकिन आज वो अपना वजूद खोते जा रहे हैं. प्रशासन की अनदेखी के चलते मंडी जिला की बल्ह घाटी में बना मुगलकालीन किला गोबिंदगढ़ आज खडंहर में तब्दील हो गया है.

बता दें कि गोबिंदगढ़ किला लेदा के पास स्थित घरवासड़ा में मौजूद है और साल 1701 में गुरू गोबिंद सिंह ने इसकी नींव रखी थी, लेकिन वर्तमान में ये किला अपना अस्तित्व खोने की कगार पर है. किला जिला मुख्यालय से तकरीबन 35 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र तल से छह हजार फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित है.

वीडियो

ग्रंथी गुरुद्वारा गुरुकोठा साहिब के प्रमुख सरदार दलीप सिंह ने बताया कि हिंदुस्तान पर जब मुगल बादशाह औरंगजेब का राज था, तभी औरंगजेब ने पहाड़ी राजाओं से गुरु गोबिंद सिंह को जिंदा या मुर्दा पकड़कर उसके हवाले करने पर उनकी रियासतों को हमेशा के लिए आजाद करने का वादा किया था. गुरु गोबिंद सिंह जी ने राजाओं के निमंत्रण पर मंडी आना स्वीकार कर लिया और 1701 की बैसाखी को 500 सिंह घुड़सवार व परिवार सहित गुरु गोबिंद सिंह रिवालसर साहिब पहुंचे.

Gobindgarh Fort
गोबिंदगढ़ किला

तभी गुरु गोबिंद सिंह से रिवालसर साहिब में 1 महीना 2 दिन और मंडी में 6 महीने 18 दिन के प्रवास के बाद जब आनंदपुर साहिब वापस जाने लगे तो मंडी के राजा सिद्ध सेन अपने परिवार सहित गुरु साहिब को विदा करने के लिए अपने किले से बाहर आए. तभी राजा सिद्ध सेन ने गुरु गोबिंद सिंह से एक अन्य किला बनाने की इच्छा जाहिर रखी. इसके बाद राजा ने अपने किले के साथ ही एक किला तैयार करवाया जिसका नींव पत्थर गुरु गोबिंद सिंह ने रखा था, जिसका नाम गोबिंदगढ़ किला रखा गया.

fort gobindgarh
गोबिंदगढ़ किला

सरदार दलीप सिंह ने कहा कि ये किला सरकार और प्रशासन की अनदेखी का शिकार हुआ है. आलम ये है कि स्थानीय लोगों ने किले की दीवारों से पत्थरों को निकालकर अपने घरों में लगा दिए. उन्होंने सरकार और जिला प्रशासन से किले की सुध लेने को कहा है, ताकि पर्यटन की द्रष्टि से ये स्थान विकसित हो सके.

ये भी पढ़ें: कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया शुरू, अब घर बैठे छात्र ऑनलाइन ले सकते हैं एडमिशन

मंडी: हिमाचल प्रदेश में बहुत से किले मौजूद हैं, लेकिन आज वो अपना वजूद खोते जा रहे हैं. प्रशासन की अनदेखी के चलते मंडी जिला की बल्ह घाटी में बना मुगलकालीन किला गोबिंदगढ़ आज खडंहर में तब्दील हो गया है.

बता दें कि गोबिंदगढ़ किला लेदा के पास स्थित घरवासड़ा में मौजूद है और साल 1701 में गुरू गोबिंद सिंह ने इसकी नींव रखी थी, लेकिन वर्तमान में ये किला अपना अस्तित्व खोने की कगार पर है. किला जिला मुख्यालय से तकरीबन 35 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र तल से छह हजार फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित है.

वीडियो

ग्रंथी गुरुद्वारा गुरुकोठा साहिब के प्रमुख सरदार दलीप सिंह ने बताया कि हिंदुस्तान पर जब मुगल बादशाह औरंगजेब का राज था, तभी औरंगजेब ने पहाड़ी राजाओं से गुरु गोबिंद सिंह को जिंदा या मुर्दा पकड़कर उसके हवाले करने पर उनकी रियासतों को हमेशा के लिए आजाद करने का वादा किया था. गुरु गोबिंद सिंह जी ने राजाओं के निमंत्रण पर मंडी आना स्वीकार कर लिया और 1701 की बैसाखी को 500 सिंह घुड़सवार व परिवार सहित गुरु गोबिंद सिंह रिवालसर साहिब पहुंचे.

Gobindgarh Fort
गोबिंदगढ़ किला

तभी गुरु गोबिंद सिंह से रिवालसर साहिब में 1 महीना 2 दिन और मंडी में 6 महीने 18 दिन के प्रवास के बाद जब आनंदपुर साहिब वापस जाने लगे तो मंडी के राजा सिद्ध सेन अपने परिवार सहित गुरु साहिब को विदा करने के लिए अपने किले से बाहर आए. तभी राजा सिद्ध सेन ने गुरु गोबिंद सिंह से एक अन्य किला बनाने की इच्छा जाहिर रखी. इसके बाद राजा ने अपने किले के साथ ही एक किला तैयार करवाया जिसका नींव पत्थर गुरु गोबिंद सिंह ने रखा था, जिसका नाम गोबिंदगढ़ किला रखा गया.

fort gobindgarh
गोबिंदगढ़ किला

सरदार दलीप सिंह ने कहा कि ये किला सरकार और प्रशासन की अनदेखी का शिकार हुआ है. आलम ये है कि स्थानीय लोगों ने किले की दीवारों से पत्थरों को निकालकर अपने घरों में लगा दिए. उन्होंने सरकार और जिला प्रशासन से किले की सुध लेने को कहा है, ताकि पर्यटन की द्रष्टि से ये स्थान विकसित हो सके.

ये भी पढ़ें: कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया शुरू, अब घर बैठे छात्र ऑनलाइन ले सकते हैं एडमिशन

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.