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मंडी में बारिश ने बरपाया कहर, सेब की फसल को हुआ नुकसान - किसान

भारी ओलावृष्टि से नकदी फसल भी नष्ट हो गई है और सेब के बागवानों को भारी नुकसान हुआ है, जिससे बागवान चिंतित हो गए हैं.

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Published : Jun 20, 2019, 6:11 AM IST

Updated : Jun 20, 2019, 10:10 AM IST

मंडी: बुधवार को सराज घाटी में हुई भारी ओलावृष्टि से बागवान व किसानों की फसलों पर कहर बनकर टूटी. दरअसल भारी ओलावृष्टि से नकदी फसल भी नष्ट हो गई है और सेब के बागवानों को भारी नुकसान हुआ है, जिससे बागवान चिंतित हो गए हैं.

बता दें कि सराज घाटी में आय का मुख्‍य जरिया बागवानी ही है. खलवाहण पंचायत के धलूट, डीडर, झमाच, लुझागी और वागी में भारी ओलावृष्टि ने कहर बरपाया है.

भारी ओलावृष्टि

स्‍थानीय किसान व बागवान ने बताया‍ कि बुधवार को हुई भारी ओलावृष्टि ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है. ऐसे में किसान बागवानों को उनकी फसल का खर्चा पूरा कर पाना मुश्‍किल होगा. उन्होंने बताया कि कड़ी मेहनत करके उन्‍होंने फसल लगाई थी, लेकिन मौसम के खराब रूख ने उन्‍हें चिंता में डाल दिया है.

बागवानी विशेषज्ञ एसपी भारद्वाज ने बताया कि इन दिनों ओलावृष्टि नकदी फसलों व फल उत्‍पादन के लिए ठीक नहीं है. उन्होंने बताया कि किसान, बागवान अपनी फसल को ओलावृष्टि से बचाने के‍ लिए नेट का उपयोग कर सकते हैं.

मंडी: बुधवार को सराज घाटी में हुई भारी ओलावृष्टि से बागवान व किसानों की फसलों पर कहर बनकर टूटी. दरअसल भारी ओलावृष्टि से नकदी फसल भी नष्ट हो गई है और सेब के बागवानों को भारी नुकसान हुआ है, जिससे बागवान चिंतित हो गए हैं.

बता दें कि सराज घाटी में आय का मुख्‍य जरिया बागवानी ही है. खलवाहण पंचायत के धलूट, डीडर, झमाच, लुझागी और वागी में भारी ओलावृष्टि ने कहर बरपाया है.

भारी ओलावृष्टि

स्‍थानीय किसान व बागवान ने बताया‍ कि बुधवार को हुई भारी ओलावृष्टि ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है. ऐसे में किसान बागवानों को उनकी फसल का खर्चा पूरा कर पाना मुश्‍किल होगा. उन्होंने बताया कि कड़ी मेहनत करके उन्‍होंने फसल लगाई थी, लेकिन मौसम के खराब रूख ने उन्‍हें चिंता में डाल दिया है.

बागवानी विशेषज्ञ एसपी भारद्वाज ने बताया कि इन दिनों ओलावृष्टि नकदी फसलों व फल उत्‍पादन के लिए ठीक नहीं है. उन्होंने बताया कि किसान, बागवान अपनी फसल को ओलावृष्टि से बचाने के‍ लिए नेट का उपयोग कर सकते हैं.

Intro:मंडी। सराज घाटी में बुधवार शाम को हुई भारी ओलावृष्टि से बागवान व किसान बैकफुट पर आ गए हैं। भारी ओलावृष्टि से सेब फसल पर भी प्रभाव पड़ेगा। ओलावृष्टि से सेब की फ्लावरिंग तक झड़ गई है। नकदी फसल पर ओलावृष्टि कहर बनकर बरसी है। जिससे बागवान चिंतित हो गए हैं।




Body:बताया जा रहा है कि सराज घाटी की खलवाहण पंचायत के धलूट, डीडर, झमाच, लुझागी और वागी में बुधवार शाम हुई भारी ओलावृष्टि से कहर मच गया है। सराज घाटी में आय का मुख्‍य जरिया बागवानी ही है। ऐसे में शुरूआती दौर में ही भारी ओलावृष्टि से बागवानों की कमर टूट गई है। शुरूआती दौर में फूल झड़ने से सीेध तौर पर इसका प्रभाव उत्‍पादन पर पड़ेगा। स्‍थानीय किसान व बागवान शेर सिंह, हेत राम, याद राम, योगराज, तारा चंद, सोहन लाल, भीम सेन, आलम चंद, खेम सिंह, टिक्‍कम राम, भूप सिंह व मीने राम ने बताया‍ कि बुधवार शाम को हुई भारी ओलावृष्टि ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है। इन दिनों हो रही ओलावृष्टि का सीधा प्रभाव उत्‍पादन पर पड़ेगा। ऐसे में किसान बागवानों को उनकी फसल का खर्चा पूरा कर पाना मुश्‍किल होगा। बागवानों का कहना है कि कड़ी मेहनत कर उन्‍होंने फसल लगाई थी, लेकिन मौसम के खराब रूख ने उन्‍हें चिंता में डाल दिया है।






Conclusion:बा.गवानी विशेषज्ञ एसपी भारद्वाज ने बताया कि इन दिनों ओलावृष्टि नकदी फसलों व फल उत्‍पादन के लिए ठीक नहीं है। किसान बागवान अपनी फसल को ओलावृष्टि से बचाने के‍ लिए नेट का उपयोग कर सकते हैं।


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Last Updated : Jun 20, 2019, 10:10 AM IST

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