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मंडी: अब देवता के नाम पर दबाव बनाकर मिड-डे मिल में जातिगत भेदभाव के आरोप - मंडी में जातीय भेदभाव न्यूज

जिला मंडी के बालीचौकी में फिर जातीय भेदभाव का मामला सामने आया है. यहां कुछ लोगों ने ऊंची जाति के बच्चों के अभिभावकों पर देवता के नाम पर बच्चों को मिड-डे मील में रोल नंबर वाइज ना बैठाने का दवाब बनाने के आरोप लगाए हैं.

Ethnic discrimination case in mandi
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Published : Dec 20, 2019, 4:58 AM IST

Updated : Dec 20, 2019, 12:16 PM IST

मंडी: जिला मंडी के बालीचौकी में फिर जातीय भेदभाव का मामला सामने आया है. एक स्कूल के अनुसूचित जाति के बच्चों के अभिभावकों ने ऊंची जाती के अभिभावकों पर देवता के नाम पर अध्यापकों पर बच्चों को मिड-डे मील में रोल नंबर वाइज ना बैठाने का दबाव बनाने के आरोप लगाए हैं.

यह मामला 16 दिसंबर का बताया जा रहा है. इसकी शिकायत कुछ अनुसूचित जाति के अभिभावकों ने औट थाना प्रभारी को की थी. जिसके बाद यह मामला एसपी तक पहुंचा और एसपी ने डीएसपी को जांच का जिम्मा सौंपा.

वीडियो रिपोर्ट.

गुरुवार को डीएसपी ने गांव व स्कूल का दौरा किया और जांच के बाद रिपोर्ट एसपी को सौंपी. एसपी मंडी गुरदेव शर्मा के अनुसार यह इसमें कोई एट्रोसिटी का मामला नहीं बनता है. आरोप था कि स्वर्ण जाति के अभिभावकों ने स्कूल के अध्यापकों पर दबाव बनाया कि उनके बच्चों को अनुसूचित जाति के बच्चों के साथ रोल नंबर वाइज न बिठाया जाए.

अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चे बीमार हो जाते हैं, क्योंकि उनका देवता नहीं मानता है. जिससे स्कूल का माहौल खराब हो गया है. अभिभावकों का कहना है कि शीत कालीन सत्र में शिक्षा मंत्री ने जातीय भेदभाव मामले में दोषी शिक्षकों को बर्खास्त करने के फरमान जारी किए हैं. इन अध्यापकों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

मंडी: जिला मंडी के बालीचौकी में फिर जातीय भेदभाव का मामला सामने आया है. एक स्कूल के अनुसूचित जाति के बच्चों के अभिभावकों ने ऊंची जाती के अभिभावकों पर देवता के नाम पर अध्यापकों पर बच्चों को मिड-डे मील में रोल नंबर वाइज ना बैठाने का दबाव बनाने के आरोप लगाए हैं.

यह मामला 16 दिसंबर का बताया जा रहा है. इसकी शिकायत कुछ अनुसूचित जाति के अभिभावकों ने औट थाना प्रभारी को की थी. जिसके बाद यह मामला एसपी तक पहुंचा और एसपी ने डीएसपी को जांच का जिम्मा सौंपा.

वीडियो रिपोर्ट.

गुरुवार को डीएसपी ने गांव व स्कूल का दौरा किया और जांच के बाद रिपोर्ट एसपी को सौंपी. एसपी मंडी गुरदेव शर्मा के अनुसार यह इसमें कोई एट्रोसिटी का मामला नहीं बनता है. आरोप था कि स्वर्ण जाति के अभिभावकों ने स्कूल के अध्यापकों पर दबाव बनाया कि उनके बच्चों को अनुसूचित जाति के बच्चों के साथ रोल नंबर वाइज न बिठाया जाए.

अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चे बीमार हो जाते हैं, क्योंकि उनका देवता नहीं मानता है. जिससे स्कूल का माहौल खराब हो गया है. अभिभावकों का कहना है कि शीत कालीन सत्र में शिक्षा मंत्री ने जातीय भेदभाव मामले में दोषी शिक्षकों को बर्खास्त करने के फरमान जारी किए हैं. इन अध्यापकों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

Intro:मंडी। बालीचौकी में फिर जातीय भेदभाव का मामला सामने आया है। एक स्कूल के अनुसूचित जाति के अभिभावकों ने ऊंची जाती के अभिभावकों पर देवता के नाम पर अध्यापकों पर बच्चों को मिडडे मील में रोलनंबर वाइज ना बैठाने का दवाब बनाने के आरोप लगाए हैं। यह मामला 16 दिसंबर का बताया जा रहा है। इसकी शिकायत कुछ अनुसूचित जाति के अभिभावकों ने औट थाना प्रभारी को की थी। जिसके बाद यह मामला एसपी तक पहुंचा और एसपी ने डीएसपी को जांच का जिम्मा सौंपा।




Body:वीरवार को डीएसपी ने गांव व स्कूल का दौरा किया और जांच के बाद रिपोर्ट एसपी को सौंपी। एसपी मंडी गुरदेव शर्मा के अनुसार यह इसमें कोई एट्रोसिटी का मामला नहीं बनता है। आरोप था कि स्वर्ण जाति के अभिभावकों ने स्कूल के अध्यापकों पर दबाव बनाया कि उनके बच्चों को अनुसूचित जाति के बच्चों के साथ रोल नंबर वाइज न बिठाया जाए। कहा कि उनके बच्चे बीमार हो जाते हैं, क्योंकि उनका देवता नहीं मानता है। जिससे स्कूल का माहौल खराब हो गया है।




Conclusion:अभिभावकों का कहना है कि शीत कालीन सत्र में शिक्षा मंत्री ने जातीय भेदभाव मामले में दोषी शिक्षकों को बर्खास्त करने के फरमान जारी किए हैं। इन अध्यापकों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
Last Updated : Dec 20, 2019, 12:16 PM IST
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