मंडी: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Assembly Elections 2022) से पहले प्रदेश में कांग्रेस पार्टी में इस्तीफे का दौर शुरू हो गया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम के पोते आश्रय शर्मा ने युवा रोजगार यात्रा सदस्य (Congress Yuva Rozgar Yatra) के पद से इस्तीफा दिया है. आश्रय शर्मा ने अपना इस्तीफा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को प्रेषित करते हुए अवगत करवाया है. सोनिया गांधी को पत्र लिखते हुए आश्रय शर्मा ने कहा है कि, 'शिमला के पार्टी नेताओं द्वारा मंडी जिले में लगातार हस्तक्षेप के कारण यह निर्णय लिया गया है. मैं विशेष रूप से पर्यवेक्षक राजीव शुक्ला को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं.'
हिमाचल में वीरभद्र और सुखराम के बीच राजनीतिक विवाद के बाद अब दोनों परिवारों में फिर से विवाद सामने आया है. रविवार को अचानक से आश्रय शर्मा ने युवा रोजगार यात्रा के पद से इस्तीफा देकर प्रदेश कांग्रेस में भूचाल खड़ा कर दिया गया है. आश्रय शर्मा ने कहा कि शिमला से कांग्रेस पदाधिकारियों द्वारा मंडी में लगातार दखलअंदाजी की जा रही है. उन्होंने कहा कि युवा रोजगार यात्रा के सदस्य होने के बावजूद भी उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई.
बता दें कि मंडी संसदीय क्षेत्र में सोमवार से युवा रोजगार यात्रा का आगाज शिमला ग्रामीण विधायक विक्रमादित्य सिंह द्वारा करसोग और सिराज विधानसभा क्षेत्र से शुरुआत की जा रही है. युवा रोजगार यात्रा कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष एवं मंडी संसदीय क्षेत्र को सांसद प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता में और प्रतिपक्ष नेता मुकेश अग्निहोत्री कैंपेन कमेटी के चेयरमैन सुखविंदर सिंह अगुवाई में निकाली जा रही है. वहीं, इस युवा रोजगार यात्रा के सदस्य आश्रय शर्मा के पद इस्तीफा दे दिया है.
हिमाचल में वीरभद्र और सुखराम परिवार फिर आमने-सामने: वहीं, दूसरी ओर आश्रय शर्मा ने कहा कि सोमवार को करसोग और सिराज में युवा रोजगार यात्रा के कार्यक्रम है, लेकिन उसके लिए उन्हें किसी भी प्रकार की कोई सूचना तक नहीं है. जिससे आहत होकर आश्रय शर्मा ने युवा रोजगार यात्रा के शुरू होने से ठीक एक दिन पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले भी हिमाचल प्रदेश के पूर्व में 6 बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह (Former Himachal CM Virbhadra Singh) और पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम के परिवार के बीच में राजनीतिक विवाद उपजता रहा है और एक बार फिर से दो परिवारों की सियासी जंग खुलकर जनता के सामने आ गई है. इससे मंडी जिला सहित समूचे प्रदेश में तरह-तरह की चर्चाओं का इस चुनावी बेला में बातों का दौर का बाजार गर्म है.
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Himachal Pradesh Congress Committee) ने आश्रय शर्मा को मीडिया और सोशल मीडिया का प्रदेश अध्यक्ष भी नियुक्त किया है. कुछ दिन पूर्व हिमाचल में इस साल होने जा रहे विधानसभा चुनावों के लिए आश्रय ने द्रंग विधानसभा टिकट की दावेदारी भी की है.
आश्रय शर्मा द्रंग विधानसभा क्षेत्र से कर रहे टिकट की मांग: गौर रहे कि पिछले दिनों आश्रय शर्मा ने कांग्रेस पार्टी से विधानसभा का टिकट मांगा (Aashray Sharma demanded ticket from Darang) था और यह टिकट उन्होंने अपने गढ़ मंडी सदर से नहीं बल्कि कौल सिंह ठाकुर के गढ़ द्रंग विधानसभा क्षेत्र से टिकट की मांग की थी. इसके जवाब में पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि टिकट मांगना सभी का अधिकार है, लेकिन किसे टिकट देना है और किसे नहीं, ये पार्टी हाईकमान का विशेषाधिकार है. पार्टी सारा आकलन करती है कि कौन प्रत्याशी कहां से सीट निकाल सकता है और उसी आधार पर टिकट दिया जाता है.
बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनावों में दिवंगत पंडित सुखराम का परिवार भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गया था. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से टिकट न मिलने के बाद आश्रय शर्मा अपने दादा दिवंगत पंडित सुखराम के साथ कांग्रेस पार्टी में लौट आए. वहीं, आश्रय शर्मा के पिता अनिल शर्मा अभी भी मंडी सदर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक (BJP MLA from Mandi Sadar Anil Sharma) हैं.
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