ETV Bharat / city

जाते-जाते पांच लोगों की जिंदगी में 'रोशनी' भर गई सुंदरनगर की निशा

मंडी जिले के सुंदरनगर निवासी निशा ठाकुर (43 वर्षीय) को पीजीईआई चंडीगढ़ में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया था. भले ही निशा ठाकुर अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन दुनिया को अलविदा कहने के साथ ही उन्होंने पांच जरूरतमंद मरीजों को नई जिंदगी दी है. दरअसल ट्रांसलेट कोऑर्डिनेटर से काउंसिल होने के बाद पति (Husband donate brain dead wife organ) ने निशा के ऑर्गन डोनेट करने को लेकर सहमति दी.

Husband donate brain dead wife organ
हिमाचल की निशा के अंग दान से बची पांच लोगों की जिंदगी.
author img

By

Published : Jan 11, 2022, 4:25 PM IST

Updated : Jan 11, 2022, 6:55 PM IST

चंडीगढ़/सुंदरनगर: हिमाचल के एक वीर परिवार ने बड़ा दिल दिखाते हुए अपने परिवार की एक महिला के अंग दान कर पांच लोगों को जीवन दान (Husband donate brain dead wife organ) दिया. हिमाचल के मंडी जिले के सुंदरनगर के रहने वाले इस परिवार ने मृतक निशा ठाकुर जो कि 43 साल की थी. उसके अंगों को दान करने की सहमति देकर करुणा और बिना शर्त प्यार का एक दुर्लभ उदाहरण दिखाया. अंग दान के बाद एम्स दिल्ली में ग्रीन कॉरिडोर (Green Corridor in AIIMS Delhi) के जरिए भेजे गए दिल से एक शख्श को जीवन दान दिया और किडनी, अग्न्याशय और कॉर्निया के प्रत्यारोपण के साथ पीजीआईएमईआर में चार सहित कुल मिलाकर पांच लोगों को नया जीवन दिया किया

पीजीआई में सोमवार को 43 साल की महिला निशा ठाकुर के ऑर्गन ट्रांसप्लांट (Organ Transplant at PGI Chandigarh) हुए. यह पीजीआई का इस साल का पहला ऑर्गन ट्रांसप्लांट रहा, जिसमें ब्रेन डेड मरीज की किडनी कॉर्निया और हार्ट ट्रांसप्लांट हुआ. पीजीआई के मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रोफेसर विपिन कौशल ने बताया कि किडनी और पैंक्रियाज और कॉर्निया पिजाई में जरूरतमंद मरीजों को ट्रांसप्लांट किए गए हैं, लेकिन हाथ का मैचिंग रिसिपिएंट ना मिलने की वजह से 8 को दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में भेजा गया.

वहीं, दिल्ली में गाजियाबाद की रहने वाली 39 साल की महिला को निशा का हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया है. हार्ट ट्रांसप्लांट को शेयर करने के मामले पर डॉ. विपिन कौशल ने बताया कि ऑर्गन जितना बड़ा होता है उतना उसके खराब होने के चांस बढ़ जाते हैं, ऐसे में किसी दूसरी जगह इतनी बड़ी ऑर्गन को भेजना हमेशा चुनौतिपूर्ण होता है. पीजीआई से एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर हार्ट दिल्ली भेजा गया. पीजीआई एयरपोर्ट टेक्निकल का स्टाफ और चंडीगढ़ पुलिस तक ऑफिस में योगदान रहा जिसकी बदौलत वक्त पर हार्ट को भेजा जा सका.

ऑर्गन ट्रांसप्लांट को लेकर डॉक्टर कौशल ने बताया कि पिछले कई सालों से पीजीआई बेहतर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि लोग अब पहले के मुकाबले जागरूक हो रहे हैं और खुद आकर ऑर्गन डोनेशन (Organ donation of brain dead woman) की बात कहते हैं, लेकिन अभी लोगों को और जागरूक होने की जरूरत है. ताकि और ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद लोगों की जान बचाई जा सके.

ये भी पढ़ें: IMD ने की बारिश की भविष्यवाणी, मैदान में अभी और बढ़ेगी ठंड, पहाड़ में ज्यादा होगी बर्फबारी

मूल रूप से सुंदर नगर की रहने वाली निशा अपने पति के साथ 2 तारीख को सड़क हादसे में घायल हो गई थी, जिसके बाद उसे तुरंत मोहाली के लोकल हॉस्पिटल में ले जाएगा, लेकिन सिर में काफी गंभीर चोटें होने के बाद उसे पीजीआई रेफर कर दिया गया. 5 तारीख तक निशा पीजीआई में एडमिट रही, जिसके बाद डॉक्टर ने सभी प्रोटोकॉल के बाद उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया. ट्रांसलेट कोऑर्डिनेटर से काउंसिल होने के बाद पति ने निशा के ऑर्गन डोनेट करने को लेकर सहमति दी.

ये भी पढ़ें: माइनस तापमान में भी बूस्टर डोज लगाने पहुंचे लोग, किन्नौर में किशोरों के टीकाकरण का लक्ष्य भी हुआ पूरा

चंडीगढ़/सुंदरनगर: हिमाचल के एक वीर परिवार ने बड़ा दिल दिखाते हुए अपने परिवार की एक महिला के अंग दान कर पांच लोगों को जीवन दान (Husband donate brain dead wife organ) दिया. हिमाचल के मंडी जिले के सुंदरनगर के रहने वाले इस परिवार ने मृतक निशा ठाकुर जो कि 43 साल की थी. उसके अंगों को दान करने की सहमति देकर करुणा और बिना शर्त प्यार का एक दुर्लभ उदाहरण दिखाया. अंग दान के बाद एम्स दिल्ली में ग्रीन कॉरिडोर (Green Corridor in AIIMS Delhi) के जरिए भेजे गए दिल से एक शख्श को जीवन दान दिया और किडनी, अग्न्याशय और कॉर्निया के प्रत्यारोपण के साथ पीजीआईएमईआर में चार सहित कुल मिलाकर पांच लोगों को नया जीवन दिया किया

पीजीआई में सोमवार को 43 साल की महिला निशा ठाकुर के ऑर्गन ट्रांसप्लांट (Organ Transplant at PGI Chandigarh) हुए. यह पीजीआई का इस साल का पहला ऑर्गन ट्रांसप्लांट रहा, जिसमें ब्रेन डेड मरीज की किडनी कॉर्निया और हार्ट ट्रांसप्लांट हुआ. पीजीआई के मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रोफेसर विपिन कौशल ने बताया कि किडनी और पैंक्रियाज और कॉर्निया पिजाई में जरूरतमंद मरीजों को ट्रांसप्लांट किए गए हैं, लेकिन हाथ का मैचिंग रिसिपिएंट ना मिलने की वजह से 8 को दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में भेजा गया.

वहीं, दिल्ली में गाजियाबाद की रहने वाली 39 साल की महिला को निशा का हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया है. हार्ट ट्रांसप्लांट को शेयर करने के मामले पर डॉ. विपिन कौशल ने बताया कि ऑर्गन जितना बड़ा होता है उतना उसके खराब होने के चांस बढ़ जाते हैं, ऐसे में किसी दूसरी जगह इतनी बड़ी ऑर्गन को भेजना हमेशा चुनौतिपूर्ण होता है. पीजीआई से एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर हार्ट दिल्ली भेजा गया. पीजीआई एयरपोर्ट टेक्निकल का स्टाफ और चंडीगढ़ पुलिस तक ऑफिस में योगदान रहा जिसकी बदौलत वक्त पर हार्ट को भेजा जा सका.

ऑर्गन ट्रांसप्लांट को लेकर डॉक्टर कौशल ने बताया कि पिछले कई सालों से पीजीआई बेहतर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि लोग अब पहले के मुकाबले जागरूक हो रहे हैं और खुद आकर ऑर्गन डोनेशन (Organ donation of brain dead woman) की बात कहते हैं, लेकिन अभी लोगों को और जागरूक होने की जरूरत है. ताकि और ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद लोगों की जान बचाई जा सके.

ये भी पढ़ें: IMD ने की बारिश की भविष्यवाणी, मैदान में अभी और बढ़ेगी ठंड, पहाड़ में ज्यादा होगी बर्फबारी

मूल रूप से सुंदर नगर की रहने वाली निशा अपने पति के साथ 2 तारीख को सड़क हादसे में घायल हो गई थी, जिसके बाद उसे तुरंत मोहाली के लोकल हॉस्पिटल में ले जाएगा, लेकिन सिर में काफी गंभीर चोटें होने के बाद उसे पीजीआई रेफर कर दिया गया. 5 तारीख तक निशा पीजीआई में एडमिट रही, जिसके बाद डॉक्टर ने सभी प्रोटोकॉल के बाद उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया. ट्रांसलेट कोऑर्डिनेटर से काउंसिल होने के बाद पति ने निशा के ऑर्गन डोनेट करने को लेकर सहमति दी.

ये भी पढ़ें: माइनस तापमान में भी बूस्टर डोज लगाने पहुंचे लोग, किन्नौर में किशोरों के टीकाकरण का लक्ष्य भी हुआ पूरा

Last Updated : Jan 11, 2022, 6:55 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.