कुल्लू: जिला लाहौल स्पीति में प्रदेश सरकार द्वारा जो पॉवर प्रोजेक्ट लगाने का प्रस्ताव रखा गया है, वह बिल्कुल भी सही नहीं है. लाहौल घाटी में विकास के कई अन्य माध्यम हैं जिस पर सरकार को काम करना चाहिए. पावर प्रोजेक्ट के माध्यम से लाहुल के पर्यावरण को खासा नुकसान होगा. कुल्लू के सरवरी में इस मसले को लेकर घाटी के लोगों को एक लघु फिल्म भी दिखाई गई.
लघु फिल्म के माध्यम से जिला किन्नौर में पॉवर प्रोजेक्टों के आने के बाद हुए पर्यावरण के नुकसान और पहाड़ों के विनाश के बारे में जानकारी दी गई. यह कार्यक्रम सेव लाहौल स्पीति संस्था ने आयोजित किया था. कार्यक्रम में लाहौल स्पीति घाटी के प्रबुद्ध लोगों ने भाग लिया था.
सेव लाहौल स्पीति संस्था के पदाधिकारी प्रेम कटोच ने बताया कि धर्मशाला में हुई इन्वेस्टर मीट में भी प्रदेश सरकार ने पॉवर प्रोजेक्ट के लिए कई कंपनियों के साथ एमओयू साइन किए हैं. जो गलत है, पॉवर प्रोजेक्ट लगने से घाटी के पर्यावरण को खासा नुकसान होगा और वहां पर जड़ी बूटियों सहित पेड़ पौधों को भी हानि पहुंचेगी.
प्रेमचंद ने कहा कि लाहौल घाटी में प्रोजेक्ट के माध्यम से विकास नहीं बल्कि विनाश को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि लाहौल घाटी में अगर प्रदेश सरकार को विकास करना है तो वह पॉवर प्रोजेक्ट के मोह को छोड़ दे. लाहौल घाटी में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देना चाहिए. वहीं विंटर स्पोर्ट्स की तरफ भी प्रदेश सरकार को ध्यान देने की जरूरत है. ताकि लाहुल घाटी का सौंदर्य बचा रह सके और जिला किन्नौर की तरह विनाश होने से लाहौल घाटी को बचाया जा सके.