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krishna janmashmti 2022 जन्माष्टमी को लेकर क्या आप भी हैं कन्फ्यूज, तो एक क्लिक पर पढ़ें सही तारीख और शुभ मुहूर्त

krishna janmashmti 2022, इस साल रक्षाबंधन की तरह कृष्ण जन्माष्टमी को तारीख को लेकर भी असमंजस की स्थिति है. लोगों को अभी तक साफ-साफ नहीं पता चल पाया है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 18 अगस्त को है या 19 अगस्त को. कब है जन्माष्टमी जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

krishna janmashmti 2022
जन्माष्टमी को लेकर क्या आप भी हैं कन्फ्यूज
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Published : Aug 16, 2022, 6:34 PM IST

Updated : Aug 18, 2022, 7:14 AM IST

कुल्लू: भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (krishna janmashmti 2022) का त्योहार मनाया जाता है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था. श्रीकृष्ण अष्टमी तिथि के साथ रोहिणी नक्षत्र में पैदा हुए थे. इस दिन मथुरा और वृंदावन में बड़े हर्षोल्लास के साथ कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस साल रक्षाबंधन की तरह कृष्ण जन्माष्टमी को तारीख को लेकर भी असमंजस की स्थिति है. लोगों को अभी तक साफ-साफ नहीं पता चल पाया है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 18 अगस्त को है या 19 अगस्त को.

कब है जन्माष्टमी?: ज्योतिषविदों का कहना है कि भगवान कृष्ण को समर्पित जन्माष्टमी का त्योहार अब की बार 2 दिनों तक मनाया जाएगा. 18 व 19 अगस्त दोनों दिन भगवान कृष्ण के मंदिरों में जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा. पंचांग के अनुसार जन्माष्टमी इस बार 2 दिन मनाई जाएगी. पहली 18 अगस्त को होगी. अष्टमी तिथि की रात्रि को गृहस्थ जीवन जीने वाले लोग उपवास रखेंगे. वहीं, अष्टमी तिथि की उदया तिथि को वैष्णव सन्यासियों के द्वारा श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी. जन्माष्टमी की पूजा ले लिए 18 अगस्त की रात 12 बजकर 20 मिनट से लेकर 1 बजकर 05 तक का समय सबसे शुभ माना जा रहा है. पूजा की अवधि कुल 45 मिनट की होगी.

जन्माष्टमी पर शुभ मुहूर्त और योग (Janmashtami 2022 shubh Muhurt and yog)

अभिजीत मुहूर्त- 18 अगस्त को 12 बजकर 05 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक

वृद्धि योग- 17 अगस्त को शाम 08 बजकर 56 मिनट से लेकर 18 अगस्त को शाम 08 बजकर 41 मिनट तक.

धुव्र योग- 18 अगस्त को शाम 08 बजकर 41 मिनट से लेकर 19 अगस्त को शाम 08 बजकर 59 मिनट तक

व्रत के नियम: इस व्रत में अष्टमी के उपवास से पूजन और नवमी के पारणा से व्रत की पूर्ति होती है. इस व्रत को करने वाले को चाहिए कि व्रत से एक दिन पूर्व (सप्तमी को) हल्का तथा सात्विक भोजन करें. रात्रि को स्त्री संग से वंचित रहें और सभी ओर से मन और इंद्रियों को काबू में रखें. उपवास वाले दिन प्रातः स्नानादि से निवृत होकर सभी देवताओं को नमस्कार करके पूर्व या उत्तर को मुख करके बैठें. हाथ में जल, फल और पुष्प लेकर संकल्प करके मध्यान्ह के समय काले तिलों के जल से स्नान (छिड़ककर) कर देवकी जी के लिए प्रसूति गृह बनाएं. अब इस सूतिका गृह में सुन्दर बिछौना बिछाकर उस पर शुभ कलश स्थापित करें. साथ ही भगवान श्रीकृष्ण को स्तनपान कराती माता देवकी जी की मूर्ति या सुन्दर चित्र की स्थापना करें.

पूजन में देवकी, वासुदेव, बलदेव, नन्द, यशोदा और लक्ष्मी जी इन सबका नाम क्रमशः लेते हुए विधिवत पूजन करें. यह व्रत रात्रि बारह बजे के बाद ही खोला जाता है. इस व्रत में अनाज का उपयोग नहीं किया जाता. फलहार के रूप में कुट्टू के आटे की पकौड़ी, मावे की बर्फी और सिंघाड़े के आटे का हलवा बनाया जाता है.

जन्माष्टमी की पूजन विधि (Janmashtami 2022 Pujan Vidhi)

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर (Lord Krishna Favourite Thing) श्रीकृष्ण का श्रृंगार करें और उन्हें अष्टगंध चन्दन, अक्षत और रोली का तिलक लगाएं. इसके बाद माखन मिश्री का भोग लगाएं और अन्य सामग्री अर्पित करें. विसर्जन के लिए हाथ में फूल और चावल लेकर चौकी पर छोड़ें और सच्चे मन से ईश्वर की आराधना करें. ध्यान रखें की इस पूजा में काले या सफेद रंग की चीजों का प्रयोग न करें.

जन्माष्टमी (Janmashtami 2022) के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा (Lord Krishna Puja) में उन्हें उनकी प्रिय वस्तुएं अर्पित की जाती हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से श्रीकृष्ण (Shree Krishna) की कृपा प्राप्त होती है. आइए जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण को कौन सी 5 वस्तुएं बेहद प्रिय हैं, जिनका अक्सर पूजा में इस्तेमाल किया जाता है.

मोर पंख: भगवान श्रीकृष्ण के मुकुट में मोर पंख अनिवार्य रूप से होता है. माना जाता है कि लड्डू गोपाल को मोर पंख बेहद प्रिय है. ऐसे में जन्माष्टमी के दिन कान्हां जी की पूजा में मोर पंख जरूर शामिल करना चाहिए. मान्यता यह भी है कि मोर पंख जहां होता है, वहां से नकारात्मकता खत्म हो जाती है.

माखन और मिश्री: पौराणिक कथाओं में ऐसा वर्णन मिलता है कि भगवान श्रीकृष्ण को बचपन से ही माखन और मिश्री बेहद प्रिय था. कथाओं में ऐसा उल्लेख मिलता है कि वे माखन-मिश्री चुराकर खाया करते थे. यही कारण है कि जन्माष्टमी के दिन पूजा में माखन-मिश्री का भोग लगाय जाता है.

धनिया की पंजीरी: ज्योतिष शास्त्र में धनिया को धन से जोड़कर देखा जाता है. भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में भी धनिया की पंजीरी का इस्तेमाल किया जाता है. मान्यता है कि कान्हा जी को धनिया की पंजीरी बेहद प्रिय है. ऐसे में आप भी जन्माष्टमी पर लड्डू गोपल को धनिया की पंजीरी का भोग लगा सकते हैं.

गाय: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का बाल्यकाल गोमाता की खूब सेवा करते थे. उन्हें गोमाता से विशेष प्रकार का लगाव था. यही कारण है कि लड्डू गोपाल को लगाए जाने वाले भोग को गाय के घी से तैयार किया जाता है. ऐसे में आप भी जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल की पूजा में गौमाता की मूर्ति रख सकते हैं.

बांसुरी: बांसुरी भागवन श्रीकृष्ण की प्रिय वस्तुओं में से एक है. माना जाता है कि श्रीकृष्ण की पूजा में बांसुरी रखने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. ऐसे में आप भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूजा में बांसुरी रख सकते हैं.

जन्माष्टमी पर न करें ये काम: श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत के दिन तुलसी की पत्ती नहीं तोड़नी चाहिए. जन्माष्टमी पूजा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करने के लिए तुसली की पत्ती एक दिन पहले ही तोड़ कर रख लेनी चाहिए. जन्माष्टमी व्रत के दिन व्रत नहीं भी रख रहें हैं तो भी चावल नहीं खाना चाहिए. श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भोजन में लहसुन, प्याज का सेवन नहीं करनी चाहिए. इस दिन भूलकर भी मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. जन्माष्टमी के दिन गाय एवं बछड़े को भूलकर भी न परेशान करें, नहीं तो भगवान श्रीकृष्ण नाराज हो जायेंगे.

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भूलकर भी किसी का भी अनादर या अपमान नहीं करना चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन किसी भी गरीब का अपमान करने से श्रीकृष्ण नाराज हो सकते हैं और उनका कोप भी सहना पड़ेगा.

जन्माष्टमी पर बन रहा खास योग: इस साल जन्माष्टमी के दिन वृद्धि योग लग रहा है. माना जाता है कि वृद्धि योग में पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही श्रीकृष्ण और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है. वृद्धि योग 17 अगस्त रात 8 बजकर 56 मिनट से शुरू हो रहा है जो 18 अगस्त रात 8 बजकर 42 मिनट पर समाप्त हो रहा है. इस साल 18 अगस्त 2022 गुरुवार की रात्रि 9:22 बजे के बाद अर्धरात्रि कृतिका नक्षत्र व मेष राशिस्थ चंद्रमा कालीन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत होगा, क्योंकि 18 अगस्त 2022 की रात्रि 9:22 बजे के बाद अष्टमी प्रारंभ होगी जो कि 19 अगस्त 2022 की रात 11:00 बजे तक रहेगी.

ये भी पढ़ें- 18 या 19 अगस्त को है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, जानें सही तारीख और शुभ मुहूर्त

कुल्लू: भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (krishna janmashmti 2022) का त्योहार मनाया जाता है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था. श्रीकृष्ण अष्टमी तिथि के साथ रोहिणी नक्षत्र में पैदा हुए थे. इस दिन मथुरा और वृंदावन में बड़े हर्षोल्लास के साथ कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस साल रक्षाबंधन की तरह कृष्ण जन्माष्टमी को तारीख को लेकर भी असमंजस की स्थिति है. लोगों को अभी तक साफ-साफ नहीं पता चल पाया है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 18 अगस्त को है या 19 अगस्त को.

कब है जन्माष्टमी?: ज्योतिषविदों का कहना है कि भगवान कृष्ण को समर्पित जन्माष्टमी का त्योहार अब की बार 2 दिनों तक मनाया जाएगा. 18 व 19 अगस्त दोनों दिन भगवान कृष्ण के मंदिरों में जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा. पंचांग के अनुसार जन्माष्टमी इस बार 2 दिन मनाई जाएगी. पहली 18 अगस्त को होगी. अष्टमी तिथि की रात्रि को गृहस्थ जीवन जीने वाले लोग उपवास रखेंगे. वहीं, अष्टमी तिथि की उदया तिथि को वैष्णव सन्यासियों के द्वारा श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी. जन्माष्टमी की पूजा ले लिए 18 अगस्त की रात 12 बजकर 20 मिनट से लेकर 1 बजकर 05 तक का समय सबसे शुभ माना जा रहा है. पूजा की अवधि कुल 45 मिनट की होगी.

जन्माष्टमी पर शुभ मुहूर्त और योग (Janmashtami 2022 shubh Muhurt and yog)

अभिजीत मुहूर्त- 18 अगस्त को 12 बजकर 05 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक

वृद्धि योग- 17 अगस्त को शाम 08 बजकर 56 मिनट से लेकर 18 अगस्त को शाम 08 बजकर 41 मिनट तक.

धुव्र योग- 18 अगस्त को शाम 08 बजकर 41 मिनट से लेकर 19 अगस्त को शाम 08 बजकर 59 मिनट तक

व्रत के नियम: इस व्रत में अष्टमी के उपवास से पूजन और नवमी के पारणा से व्रत की पूर्ति होती है. इस व्रत को करने वाले को चाहिए कि व्रत से एक दिन पूर्व (सप्तमी को) हल्का तथा सात्विक भोजन करें. रात्रि को स्त्री संग से वंचित रहें और सभी ओर से मन और इंद्रियों को काबू में रखें. उपवास वाले दिन प्रातः स्नानादि से निवृत होकर सभी देवताओं को नमस्कार करके पूर्व या उत्तर को मुख करके बैठें. हाथ में जल, फल और पुष्प लेकर संकल्प करके मध्यान्ह के समय काले तिलों के जल से स्नान (छिड़ककर) कर देवकी जी के लिए प्रसूति गृह बनाएं. अब इस सूतिका गृह में सुन्दर बिछौना बिछाकर उस पर शुभ कलश स्थापित करें. साथ ही भगवान श्रीकृष्ण को स्तनपान कराती माता देवकी जी की मूर्ति या सुन्दर चित्र की स्थापना करें.

पूजन में देवकी, वासुदेव, बलदेव, नन्द, यशोदा और लक्ष्मी जी इन सबका नाम क्रमशः लेते हुए विधिवत पूजन करें. यह व्रत रात्रि बारह बजे के बाद ही खोला जाता है. इस व्रत में अनाज का उपयोग नहीं किया जाता. फलहार के रूप में कुट्टू के आटे की पकौड़ी, मावे की बर्फी और सिंघाड़े के आटे का हलवा बनाया जाता है.

जन्माष्टमी की पूजन विधि (Janmashtami 2022 Pujan Vidhi)

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर (Lord Krishna Favourite Thing) श्रीकृष्ण का श्रृंगार करें और उन्हें अष्टगंध चन्दन, अक्षत और रोली का तिलक लगाएं. इसके बाद माखन मिश्री का भोग लगाएं और अन्य सामग्री अर्पित करें. विसर्जन के लिए हाथ में फूल और चावल लेकर चौकी पर छोड़ें और सच्चे मन से ईश्वर की आराधना करें. ध्यान रखें की इस पूजा में काले या सफेद रंग की चीजों का प्रयोग न करें.

जन्माष्टमी (Janmashtami 2022) के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा (Lord Krishna Puja) में उन्हें उनकी प्रिय वस्तुएं अर्पित की जाती हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से श्रीकृष्ण (Shree Krishna) की कृपा प्राप्त होती है. आइए जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण को कौन सी 5 वस्तुएं बेहद प्रिय हैं, जिनका अक्सर पूजा में इस्तेमाल किया जाता है.

मोर पंख: भगवान श्रीकृष्ण के मुकुट में मोर पंख अनिवार्य रूप से होता है. माना जाता है कि लड्डू गोपाल को मोर पंख बेहद प्रिय है. ऐसे में जन्माष्टमी के दिन कान्हां जी की पूजा में मोर पंख जरूर शामिल करना चाहिए. मान्यता यह भी है कि मोर पंख जहां होता है, वहां से नकारात्मकता खत्म हो जाती है.

माखन और मिश्री: पौराणिक कथाओं में ऐसा वर्णन मिलता है कि भगवान श्रीकृष्ण को बचपन से ही माखन और मिश्री बेहद प्रिय था. कथाओं में ऐसा उल्लेख मिलता है कि वे माखन-मिश्री चुराकर खाया करते थे. यही कारण है कि जन्माष्टमी के दिन पूजा में माखन-मिश्री का भोग लगाय जाता है.

धनिया की पंजीरी: ज्योतिष शास्त्र में धनिया को धन से जोड़कर देखा जाता है. भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में भी धनिया की पंजीरी का इस्तेमाल किया जाता है. मान्यता है कि कान्हा जी को धनिया की पंजीरी बेहद प्रिय है. ऐसे में आप भी जन्माष्टमी पर लड्डू गोपल को धनिया की पंजीरी का भोग लगा सकते हैं.

गाय: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का बाल्यकाल गोमाता की खूब सेवा करते थे. उन्हें गोमाता से विशेष प्रकार का लगाव था. यही कारण है कि लड्डू गोपाल को लगाए जाने वाले भोग को गाय के घी से तैयार किया जाता है. ऐसे में आप भी जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल की पूजा में गौमाता की मूर्ति रख सकते हैं.

बांसुरी: बांसुरी भागवन श्रीकृष्ण की प्रिय वस्तुओं में से एक है. माना जाता है कि श्रीकृष्ण की पूजा में बांसुरी रखने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. ऐसे में आप भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूजा में बांसुरी रख सकते हैं.

जन्माष्टमी पर न करें ये काम: श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत के दिन तुलसी की पत्ती नहीं तोड़नी चाहिए. जन्माष्टमी पूजा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करने के लिए तुसली की पत्ती एक दिन पहले ही तोड़ कर रख लेनी चाहिए. जन्माष्टमी व्रत के दिन व्रत नहीं भी रख रहें हैं तो भी चावल नहीं खाना चाहिए. श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भोजन में लहसुन, प्याज का सेवन नहीं करनी चाहिए. इस दिन भूलकर भी मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. जन्माष्टमी के दिन गाय एवं बछड़े को भूलकर भी न परेशान करें, नहीं तो भगवान श्रीकृष्ण नाराज हो जायेंगे.

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भूलकर भी किसी का भी अनादर या अपमान नहीं करना चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन किसी भी गरीब का अपमान करने से श्रीकृष्ण नाराज हो सकते हैं और उनका कोप भी सहना पड़ेगा.

जन्माष्टमी पर बन रहा खास योग: इस साल जन्माष्टमी के दिन वृद्धि योग लग रहा है. माना जाता है कि वृद्धि योग में पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही श्रीकृष्ण और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है. वृद्धि योग 17 अगस्त रात 8 बजकर 56 मिनट से शुरू हो रहा है जो 18 अगस्त रात 8 बजकर 42 मिनट पर समाप्त हो रहा है. इस साल 18 अगस्त 2022 गुरुवार की रात्रि 9:22 बजे के बाद अर्धरात्रि कृतिका नक्षत्र व मेष राशिस्थ चंद्रमा कालीन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत होगा, क्योंकि 18 अगस्त 2022 की रात्रि 9:22 बजे के बाद अष्टमी प्रारंभ होगी जो कि 19 अगस्त 2022 की रात 11:00 बजे तक रहेगी.

ये भी पढ़ें- 18 या 19 अगस्त को है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, जानें सही तारीख और शुभ मुहूर्त

Last Updated : Aug 18, 2022, 7:14 AM IST
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