कुल्लू: मंडी लोकसभा चुनाव में जहां राजनीतिक दल विभिन्न संगठनों को रिझाने में जुटे हुए हैं तो वहीं सवर्ण आयोग का गठन ना होने के चलते सवर्ण समाज नाराज चल रहे हैं. ऐसे में अब सवर्ण समाज के द्वारा निर्णय लिया गया है कि वे मंडी लोकसभा उपचुनाव में किसी भी प्रत्याशी को वोट ना देकर नोटा का प्रयोग करेंगे.
जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर स्थित हनुमान मंदिर में सामान्य वर्ग संयुक्त मंच की एक विशेष बैठक आयोजित की गई. मंच के प्रदेश युवा प्रभारी जितेंद्र राजपूत की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में निर्णय लिया कि सवर्ण आयोग के गठन पर सरकार के द्वारा कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है, जिसके विरोध में अब सामान्य वर्ग संयुक्त मंच के द्वारा लोकसभा उपचुनाव में नोटा का प्रयोग किया जाएगा.
जितेंद्र राजपूत ने बैठक में उपस्थित सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि सवर्ण आयोग की मांग को लेकर कई बार शांतिपूर्वक आंदोलन किए गए, तो भूख हड़ताल भी रखी गई. यहां तक बीजेपी सरकार द्वारा अप्रैल माह में उन्हें आश्वासन दिया गया था कि 3 माह के भीतर सवर्ण आयोग का गठन कर दिया जाएगा. लेकिन इतने महीने बीतने के बाद भी सवर्ण आयोग की मांग पर कोई भी गौर नहीं किया गया है. ऐसे में अब सामान्य वर्ग सरकार के झूठे आश्वासनों से तंग आ चुका है.
जितेंद्र राजपूत ने बताया कि कुल्लू में हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि मंडी लोकसभा उपचुनाव के दौरान किसी का समर्थन नहीं करेंगे. लोकसभा उपचुनाव में नोटा का प्रयोग किया जाएगा ताकि सरकारों को भी सवर्ण समाज की ताकत का एहसास हो सके. उन्होंने आरोप लगाए कि सरकार द्वारा सवर्ण समाज के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. गौरतलब है कि नोटा (NOTA) का फुल फॉर्म 'नन ऑफ द एबव' होता है, यानि ' इनमें से कोई नहीं ' होता है. इसका इस्तेमाल प्रमुख रूप से मतदाता के द्वारा सभी प्रत्याशी को नापसंद के लिए किया जाता है.
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