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कुल्लू शहर के अधिकतर पार्कों का कार्य अधर में, बुजुर्गों और बच्चों को हो रही परेशानी

कुल्लू नगर परिषद में वार्डों में पार्क बनाने की कवायद जारी है. पार्कों के लिए केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई अमृत योजना से सहयोग मिल रहा है. कुल्लू के दो वार्डों के आधुनिकीकरण के चलते बुजुर्गों और बच्चों को काफी राहत मिली है लेकिन बाकी बचे हुए वार्डों में भी विकास कार्य अधर में लटका पड़ा है.

parks in kullu city
parks in kullu city
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Published : Jan 5, 2021, 7:14 PM IST

कुल्लूः हिमाचल प्रदेश के प्रमुख स्थल जहां अब कंक्रीट में तब्दील होते जा रहे हैं. वहीं, शहरों में भी बगीचों की संख्या अब घटती जा रही है. ऐसे में शहरों में रहने वाले बुजुर्गों और बच्चों को सबसे ज्यादा दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं. हालांकि कुछ जगहों को पुराने बगीचों को आधुनिक पार्क में भी तब्दील किया जा रहा है, लेकिन बजट और जगह की कमी से अड़चन पैदा हो रही है.

शहर कुल्लू के विभिन्न वार्डों की बात करें तो यहां भी हालत ज्यादा बेहतर नहीं है. कुल्लू नगर परिषद में 11 वार्ड हैं और सभी वार्डों में पार्क बनाने की कवायद जारी है.

वीडियो.

अमृत योजना से मिल रहा सहयोग

पार्कों के लिए केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई अमृत योजना से सहयोग मिल रहा है. अमृत योजना के तहत जहां कुल्लू नगर परिषद को विकास कार्यों के लिए 64 करोड़ रुपये की धनराशि मिली है. वहीं, इस राशि का काफी भाग पार्कों के सौंदर्यीकरण पर भी खर्च किया गया है.

वार्ड 8 और 5 में पार्कों का मिला आधूनिक रूप

वहीं, नगर परिषद ने सभी वार्डों में पार्क बनाने का काम शुरू तो किया लेकिन अभी भी पार्क का काम अधूरा है. इस कारण बुजुर्गों व बच्चों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही है. कुल्लू नगर परिषद के वार्ड 8 और 5 की अगर बात करें तो यहां पुराने पार्क को काफी आधुनिक रूप दिया गया है.

पार्क में जहां बच्चों के लिए झूले लगाए गए हैं तो वहीं, बुजुर्गों को सैर करने के लिए भी पाथ बनाया गया है. जहां सुबह व शाम बुजुर्ग सैर कर सकते हैं. साथ ही दोपहर के समय बुजुर्ग बेंचों पर बैठकर आपसी चर्चा भी कर सकते हैं.

पार्क के बनने से लोगों को मिली राहत

सरवरी के निवासी अंशुल मिश्रा का कहना है कि सरवरी का वार्ड सड़क किनारे बसा हुआ है. बुजुर्ग सैर जाने में कतराते थे और बच्चों के साथ सड़क दुर्घटना होने का खतरा हमेशा बना रहता था. पार्क बनने से बच्चों को खेलने की जगह मिली है और बुजुर्ग भी आराम से पार्क में घूम सकते हैं.

अमृत योजना के तहत पार्क का हुआ सौंदर्यीकरण

कुल्लू नगर परिषद के वार्ड 8 के पार्षद तरुण विमल का कहना है कि इस पार्क की हालत काफी खराब हो गई थी और पिछले करीब 50 सालों से यहां बिजली के 2 ट्रांसफार्मर भी लगे हुए थे. ऐसे में पार्क में आने वाले लोगो के साथ दुर्घटना होने का भी अंदेशा रहता था. अमृत योजना के तहत पार्क का सौंदर्यीकरण करवाया गया है और बच्चों और बुजुर्गों के लिए खास सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई गई है.

45 लाख रुपये की लागत से मार्डन हुआ पार्क

कुल्लू नगर परिषद के वार्ड 5 की पार्षद पूजा शर्मा का कहना है कि 45 लाख रुपए की लागत से पार्क की दशा को सुधारा गया है और अब यह बनकर तैयार हो गया है. सरवरी में लोगों को सुबह शाम सैर करने में दिक्कतें आती थी जो अब पार्क बनने से दूर हो गई हैं.

जल्द पार्कों को बनाए जाने की मांग

कुल्लू के दो वार्डों के आधुनिकीकरण के चलते बुजुर्गों और बच्चों को काफी राहत मिली है लेकिन बाकी बचे हुए वार्डों में भी विकास कार्य जल्द पूरे हो, इसकी भी उम्मीद शहरवासी लगाए हुए हैं.

ये भी पढ़ें- ब्रिटिशकाल में बनी स्टेट लाइब्रेरी का होगा कायाकल्प, MC ने तैयार किया 24 लाख का बजट

कुल्लूः हिमाचल प्रदेश के प्रमुख स्थल जहां अब कंक्रीट में तब्दील होते जा रहे हैं. वहीं, शहरों में भी बगीचों की संख्या अब घटती जा रही है. ऐसे में शहरों में रहने वाले बुजुर्गों और बच्चों को सबसे ज्यादा दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं. हालांकि कुछ जगहों को पुराने बगीचों को आधुनिक पार्क में भी तब्दील किया जा रहा है, लेकिन बजट और जगह की कमी से अड़चन पैदा हो रही है.

शहर कुल्लू के विभिन्न वार्डों की बात करें तो यहां भी हालत ज्यादा बेहतर नहीं है. कुल्लू नगर परिषद में 11 वार्ड हैं और सभी वार्डों में पार्क बनाने की कवायद जारी है.

वीडियो.

अमृत योजना से मिल रहा सहयोग

पार्कों के लिए केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई अमृत योजना से सहयोग मिल रहा है. अमृत योजना के तहत जहां कुल्लू नगर परिषद को विकास कार्यों के लिए 64 करोड़ रुपये की धनराशि मिली है. वहीं, इस राशि का काफी भाग पार्कों के सौंदर्यीकरण पर भी खर्च किया गया है.

वार्ड 8 और 5 में पार्कों का मिला आधूनिक रूप

वहीं, नगर परिषद ने सभी वार्डों में पार्क बनाने का काम शुरू तो किया लेकिन अभी भी पार्क का काम अधूरा है. इस कारण बुजुर्गों व बच्चों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही है. कुल्लू नगर परिषद के वार्ड 8 और 5 की अगर बात करें तो यहां पुराने पार्क को काफी आधुनिक रूप दिया गया है.

पार्क में जहां बच्चों के लिए झूले लगाए गए हैं तो वहीं, बुजुर्गों को सैर करने के लिए भी पाथ बनाया गया है. जहां सुबह व शाम बुजुर्ग सैर कर सकते हैं. साथ ही दोपहर के समय बुजुर्ग बेंचों पर बैठकर आपसी चर्चा भी कर सकते हैं.

पार्क के बनने से लोगों को मिली राहत

सरवरी के निवासी अंशुल मिश्रा का कहना है कि सरवरी का वार्ड सड़क किनारे बसा हुआ है. बुजुर्ग सैर जाने में कतराते थे और बच्चों के साथ सड़क दुर्घटना होने का खतरा हमेशा बना रहता था. पार्क बनने से बच्चों को खेलने की जगह मिली है और बुजुर्ग भी आराम से पार्क में घूम सकते हैं.

अमृत योजना के तहत पार्क का हुआ सौंदर्यीकरण

कुल्लू नगर परिषद के वार्ड 8 के पार्षद तरुण विमल का कहना है कि इस पार्क की हालत काफी खराब हो गई थी और पिछले करीब 50 सालों से यहां बिजली के 2 ट्रांसफार्मर भी लगे हुए थे. ऐसे में पार्क में आने वाले लोगो के साथ दुर्घटना होने का भी अंदेशा रहता था. अमृत योजना के तहत पार्क का सौंदर्यीकरण करवाया गया है और बच्चों और बुजुर्गों के लिए खास सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई गई है.

45 लाख रुपये की लागत से मार्डन हुआ पार्क

कुल्लू नगर परिषद के वार्ड 5 की पार्षद पूजा शर्मा का कहना है कि 45 लाख रुपए की लागत से पार्क की दशा को सुधारा गया है और अब यह बनकर तैयार हो गया है. सरवरी में लोगों को सुबह शाम सैर करने में दिक्कतें आती थी जो अब पार्क बनने से दूर हो गई हैं.

जल्द पार्कों को बनाए जाने की मांग

कुल्लू के दो वार्डों के आधुनिकीकरण के चलते बुजुर्गों और बच्चों को काफी राहत मिली है लेकिन बाकी बचे हुए वार्डों में भी विकास कार्य जल्द पूरे हो, इसकी भी उम्मीद शहरवासी लगाए हुए हैं.

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