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जिंदगी बचाने की जंग! लाहौल घाटी में झूला पुल बना पर्यटकों का सहारा

लाहौल घाटी में फंसे पर्यटकों का रेस्क्यू हेलीकॉप्टर के माध्यम से किया जाना था, लेकिन खराब मौसम के चलते परेशानी बढ़ गई है. कुल्लू-मनाली के इलाकों में बारिश होने के चलते मंडी से हवाई उड़ान नहीं हो पाई, जिसके चलते पर्यटकों को हवाई माध्यम से रेस्क्यू नहीं किया गया. ऐसे में उदयपुर उपमंडल में अब झूला पुल स्थानीय लोगों व पर्यटकों का सहारा बन गया है.

लाहौल घाटी में झूला पुल बना पर्यटकों का सहारा
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Published : Jul 31, 2021, 12:42 PM IST

Updated : Jul 31, 2021, 12:50 PM IST

लाहौल-स्पीति: जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के उदयपुर उपमंडल में बारिश ने जमकर तबाही मचाई है. यहां अभी भी कई पर्यटक फंसे हुए हैं. कई मार्गों पर आवाजाही बाधित है. उदयपुर घाटी का संपर्क जिला मुख्यालय केलांग से कटा हुआ है.

यहां फंसे पर्यटकों का रेस्क्यू हेलीकॉप्टर के माध्यम से किया जाना था, लेकिन खराब मौसम के चलते परेशानी बढ़ गई है. कुल्लू-मनाली के इलाकों में बारिश होने के चलते मंडी से हवाई उड़ान नहीं हो पाई, जिसके चलते पर्यटकों को हवाई माध्यम से रेस्क्यू नहीं किया गया. तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा स्वयं मौके पर डटे हुए हैं और वे लगातार राहत कार्यों का जायजा ले रहे हैं.

ऐसे में उदयपुर उपमंडल में अब झूला पुल स्थानीय लोगों व पर्यटकों का सहारा बन गया है. लोक निर्माण विभाग के मैकेनिकल विंग के द्वारा जाहलमा ब शाशा नाले पर झूला पुल लगाए गए हैं और अब झूला पुल के माध्यम से पर्यटकों व स्थानीय लोगों को नाला पार करवाया जा रहा है.

वीडियो

कीर्तिंग के आगे सड़क वाहनों के लिए खुली है. तांदी होकर पर्यटक व हिमाचल प्रदेश के अन्य जिलों के फंसे हुए लोग मनाली का रुख कर रहे हैं. भारी बाढ़ के चलते मंगलवार शाम से ही उदयपुर घाटी का संपर्क जिला मुख्यालय केलांग से कटा हुआ है.

बीआरओ व लोक निर्माण विभाग की मशीनरी भी दोनों नालों के पास अस्थाई सड़क का निर्माण कार्यों में जुटी हुई है, ताकि जैसे ही नालों का जलस्तर कम होता है, तो यहां फंसे वाहनों को भी बाहर निकाला जा सके. इसके अलावा घाटी के किसानों ने भी प्रशासन से कृषि सीजन को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द खराब सड़कों को दुरुस्त करने की मांग उठाई है.

ये भी पढ़ें: लाहौल घाटी में फंसे राजस्थान के तीनों ट्रैकर सकुशल पहुंचे सिस्सू, DC ने दी जानकारी

लाहौल-स्पीति: जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के उदयपुर उपमंडल में बारिश ने जमकर तबाही मचाई है. यहां अभी भी कई पर्यटक फंसे हुए हैं. कई मार्गों पर आवाजाही बाधित है. उदयपुर घाटी का संपर्क जिला मुख्यालय केलांग से कटा हुआ है.

यहां फंसे पर्यटकों का रेस्क्यू हेलीकॉप्टर के माध्यम से किया जाना था, लेकिन खराब मौसम के चलते परेशानी बढ़ गई है. कुल्लू-मनाली के इलाकों में बारिश होने के चलते मंडी से हवाई उड़ान नहीं हो पाई, जिसके चलते पर्यटकों को हवाई माध्यम से रेस्क्यू नहीं किया गया. तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा स्वयं मौके पर डटे हुए हैं और वे लगातार राहत कार्यों का जायजा ले रहे हैं.

ऐसे में उदयपुर उपमंडल में अब झूला पुल स्थानीय लोगों व पर्यटकों का सहारा बन गया है. लोक निर्माण विभाग के मैकेनिकल विंग के द्वारा जाहलमा ब शाशा नाले पर झूला पुल लगाए गए हैं और अब झूला पुल के माध्यम से पर्यटकों व स्थानीय लोगों को नाला पार करवाया जा रहा है.

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कीर्तिंग के आगे सड़क वाहनों के लिए खुली है. तांदी होकर पर्यटक व हिमाचल प्रदेश के अन्य जिलों के फंसे हुए लोग मनाली का रुख कर रहे हैं. भारी बाढ़ के चलते मंगलवार शाम से ही उदयपुर घाटी का संपर्क जिला मुख्यालय केलांग से कटा हुआ है.

बीआरओ व लोक निर्माण विभाग की मशीनरी भी दोनों नालों के पास अस्थाई सड़क का निर्माण कार्यों में जुटी हुई है, ताकि जैसे ही नालों का जलस्तर कम होता है, तो यहां फंसे वाहनों को भी बाहर निकाला जा सके. इसके अलावा घाटी के किसानों ने भी प्रशासन से कृषि सीजन को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द खराब सड़कों को दुरुस्त करने की मांग उठाई है.

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Last Updated : Jul 31, 2021, 12:50 PM IST
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