कुल्लू: कुल्लू में बीते 2 माह से बंद पड़ी साहसिक गतिविधियां आखिरकार एक बार फिर से बहाल हो गई हैं. हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद अब इन्हें फिर से शुरू कर दिया गया है. वहीं, जिला पर्यटन अधिकारी के बुधवार को राफ्टिंग और अन्य गतिविधियों में प्रयोग किए जाने वाले उपकरणों का निरीक्षण भी किया. ऐसे में कुल्लू के विभिन्न इलाकों में व्यास नदी किनारे एक बार फिर से रौनक लौट आई है. फरवरी माह में हुई एक दुर्घटना के बाद हाईकोर्ट के द्वारा सभी प्रकार की साहसिक गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी.
वहीं बेरोजगार युवाओं ने भी जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा था. अब राफ्टिंग कारोबार (Rafting in Kullu) बहाल होने से 10 हजार युवाओं को रोजगार मिलना शुरू हो गया है. बता दें कि जिले में लगभग 13 प्रकार की साहसिक खेल करवाए जाते हैं. करीब दो माह से इन खेलों पर प्रतिबंध था. वहीं, सरकार ने हाईकोर्ट में मामला उठाते हुए औपचारिकताएं पूरी करने वाले ऑपरेटरों को ये गतिविधियां चलाने की अनुमति मांगी थी. कोर्ट ने चार खेलों के लिए करीब 544 ऑपरेटरों को सशर्त अनुमति दी है.
पैराग्लाइडिंग (Paragliding in kullu) के लिए सोलंगनाला में 87, डोभी में 120, नांगाबाग में 17, गड़सा में 12 ऑपरेटरों को अनुमति दी गई है. रिवर राफ्टिंग के लिए शमशी से झीड़ी रूट पर 91, बबेली से वैष्णो देवी मंदिर तक 120, रायसन से बंदरोल के लिए 34 लोगों को अनुमति दी गई है. वहीं, सोलंगनाला में 34 ऑपरेटर एटीवी और 29 स्नो स्कूटर चला सकेंगे. अन्य खेलों और औपचारिकताएं पूरी नहीं करने वाले ऑपरेटरों पर प्रतिबंध अभी जारी रहेगा.
राफ्ट ऑपरेटर पुष्पा ने कहा कि अब फिर से यहां पर राफ्टिंग (Kullu rafting season) चलनी शुरू हो गई है. काम बंद होने के चलते उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. अब उम्मीद है कि साहसिक गतिविधियां इसी तरह से पूरे पर्यटन सीजन (Tourist places in kullu) में चलती रहें. वहीं, राफ्ट गाइड मोहित ने बताया कि 2 महीने से कारोबार बंद होने के चलते वे अपने घर पर बेरोजगार बैठे थे. लेकिन अब कारोबार चल पड़ा है, तो जिला में 10,000 से अधिक युवाओं को इसका फायदा मिलेगा.
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