कुल्लू: खराहलघाटी में बिजली महादेव की पहाड़ी पर बनने वाले रोप-वे के निर्माण की प्रक्रिया अब जल्द शुरू होने वाली है. निर्माण कार्य करने वाली कंपनी को टेक्निकल कमेटी की अनुमति मिल चुकी है. अब वन विभाग के पास भी कागजी प्रक्रिया पूरी करने का कार्य शुरू कर दिया गया है.
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में शुमार बिजली महादेव रोप-वे को ऑस्ट्रिया की टेक्निकल कमेटी ने मुहर लगा दी है. अब कागजी औपचारिकताएं मात्र एफआरए की अनुमति ही शेष रह गई है. औपचारिकताएं पूरी होते ही रोपवे का निर्माण कार्य आरंभ होगा. मंदिर कमेटी की हदबंदी पर सहमति बन गई है. मंदिर परिसर की हद से बाहर यानी 70 मीटर नीचे रोप-वे बनेगा. जहां पहले प्रशासन और कंपनी द्वारा रोपवे लगाने के लिए जगह चयनित की थी, वह जगह मंदिर परिसर एरिया में आ गया था और कमेटी ने आपत्ति जताई थी.
कमेटी मंदिर परिसर से 70 मीटर नीचे रोपवे को लेकर नाराज नहीं थी. बिजली महादेव रोपवे निर्माण के लिए नई साइट की फिजिबिलिटी रिपोर्ट को लेकर ऑस्ट्रिया की एक कंपनी की टेक्निकल कमेटी ने जांच की थी. इस कमेटी ने मंदिर परिसर से करीब 70 मीटर नीचे चयनित की गई साइट को ठीक बताया और साइट विजिट कर उस पर मुहर लगा दी गई है. अब उम्मीद है कि इसका निर्माण कार्य शुरू होगा.
बिजली महादेव रोप-वे निर्माण की लागत 150 करोड़ रुपये बताई जा रही है. ऊषा ब्रेको कंपनी बिजली महादेव रोप-वे का निर्माण करेगी. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल के प्रभारी थे तो उस दौरान उन्हें बिजली महादेव की यह तपोस्थली बेहद सुंदर लगी थी. यही नहीं, जब वह देश के प्रधानमंत्री बने, तब से लेकर वह जब भी हिमाचल आए तो बिजली महादेव को जरूर जिक्र करते हैं. पांच नवंबर 2017 को भी ढालपुर में उन्होंने सबसे पहले बिजली महादेव को याद किया था. पीएम मोदी शिवभूमि मंडी में जब पिछली बार आए थे तो वहां भी उन्होंने बिजली महादेव को पर्यटन की दृष्टि से संवारने की बात मंच पर कही थी.
सीएम जयराम ठाकुर भी बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे बिजली महादेव रोप-वे निर्माण की औपचारिकताओं की फीडबैक लेते रहते हैं. कुछ समय पहले नई साइट की फिजिबिलिटी रोप-वे निर्माण की जांच निर्माता कंपनी ने ऑस्ट्रिया की एक डॉपलेयर कंपनी से करवाई. कुल्लू प्रशासन की देखरेख में इस सर्वेयर कंपनी की टेक्निकल कमेटी ने साइट विजिट किया और जांच रिपोर्ट निर्माता कंपनी को सौंपा गया, जिसे निर्माता कंपनी ने ठीक बताया है.
प्रस्तावित योजना के तहत रोपवे से एक घंटे के भीतर 600 लोगों को मंदिर तक ले जाने की क्षमता होगी. जिला पर्यटन अधिकारी कुल्लू बीसी नेगी ने बताया कि बिजली महादेव रोप-वे निर्माण के लिए मंदिर परिसर से 70 मीटर नीचे नई साइट की फिजिबिलिटी रिपोर्ट को लेकर ऑस्ट्रिया की एक कंपनी की टेक्निकल कमेटी ने जांच की थी, जिसे रोपवे निर्माण के लिए ठीक बताया गया है. अब कुछ औपचारिकताएं रह गई हैं, उसके बाद रोप-वे का निर्माण शुरू करवाया जाएगा.
गौर रहे की बिजली महादेव देश-विदेश के सैलानियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है और हर साल यहां सैलानियों का आना जाना लगा रहता है. रोप-वे के बनने से जहां देशभर के सैलानियों को सुविधा मिलेगी, वहीं बिजली महादेवी एक बार फिर से पर्यटन की दृष्टि से विकसित होकर सामने आएगा.
ये भी पढ़ें: 24 फरवरी: आज की 10 बड़ी खबरें