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साइकिल पर 15 हजार KM सफर तय कर कुल्लू पहुंचा पोरिमल कांजी, पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश - कोलकाता से कुल्लू का सफर

पश्चिम बंगाल निवासी पर पोरिमल कांजी साइकिल पर 15 हजार किलोमीटर सफर तय कुल्लू पहुंचे हैं. कुल्लू पहुंचे पोरिमल का कहना है कि बचपन से ही उनके घूमने की चाहत थी और अब वह साइकिल पर करीब 15,000 किलोमीटर का सफर पूरा कर चुके हैं.

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Published : Jul 9, 2021, 1:48 PM IST

Updated : Jul 9, 2021, 2:17 PM IST

कुल्लू: आज के समय में जहां वाहनों के सड़कों पर दौड़ने से प्रदूषण बढ़ रहा है, वहीं लोग भी इसके अभ्यस्त होकर कई बीमारियों का शिकार बन रहे हैं. ऐसे में साइकिल पर सफर कर पश्चिम बंगाल के कोलकाता निवासी पोरिमल कांजी लोगों को स्वस्थ रहने की प्रेरणा दे रहे हैं.

पश्चिम बंगाल के कोलकाता से जनवरी माह में अपना सफर साइकिल पर शुरू करने वाले पोरिमल कांजी देश के 12 से अधिक राज्यों का रास्ता तय कर चुके हैं. जम्मू-कश्मीर के लेह-लद्दाख के चार ऊंचे दर्रों को पार कर अब पोरिमल कांजी कुल्लू पहुंचे हैं. घूमने की चाहत को लेकर पोरिमल कांजी ने अपना सफर जनवरी माह में कोलकाता से शुरू किया था और अब वह हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और नेपाल से होते हुए वापस कोलकाता का रुख करेंगे.

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कुल्लू पहुंचे पोरिमल का कहना है कि बचपन से ही उनके घूमने की चाहत थी और अब वह साइकिल पर करीब 15,000 किलोमीटर का सफर पूरा कर चुके हैं. पेशे से प्रेशर कुकर की मरम्मत का काम करने वाले कांजी का कहना है कि लॉक डाउन के दौरान उन्होंने 2 महीने श्रीनगर में ही गुजारे. अब लॉकडाउन में छूट मिलते ही एक बार फिर से उन्होंने अपना सफर शुरू किया है.

पोरिमल कहना है कि जब उन्होंने पहली बार स्कूटर खरीदा था, तो उस समय पेट्रोल की कीमत 16 रुपये थी और आज 100 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई है. ऐसे में गरीबों का वाहन चलाने का सपना अब सपना ही नजर आ रहा है. लोग भी 2 किलोमीटर के सफर के लिए गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं. जिस कारण वह कई बीमारियों का शिकार भी हो रहे हैं. विभिन्न राज्यों की संस्कृति खान-पान को जानने के साथ-साथ और पोरिमल लोगों को साइकिल से सफर करने की प्रेरणा भी दे रहे हैं, ताकि वे विभिन्न बीमारियों से बचे रह सके.

पोरिमल कांजी ने बताया कि वह रात के समय सड़क किनारे अपना तंबू गाड़ देते हैं और स्थानीय लोगों के द्वारा उन्हें जो खाना मुहैया करवाया जाता है, उसे ही वे खाते हैं. ताकि भारत के विभिन्न राज्यों की संस्कृति, खान-पान के बारे में जानकारी हासिल कर सके.

ये भी पढ़ें: जेपी नड्डा ने पीएम मोदी की तरफ से वीरभद्र को अर्पित किए श्रद्धा सुमन, कहा: उनका जाना बहुत बड़ी क्षति

कुल्लू: आज के समय में जहां वाहनों के सड़कों पर दौड़ने से प्रदूषण बढ़ रहा है, वहीं लोग भी इसके अभ्यस्त होकर कई बीमारियों का शिकार बन रहे हैं. ऐसे में साइकिल पर सफर कर पश्चिम बंगाल के कोलकाता निवासी पोरिमल कांजी लोगों को स्वस्थ रहने की प्रेरणा दे रहे हैं.

पश्चिम बंगाल के कोलकाता से जनवरी माह में अपना सफर साइकिल पर शुरू करने वाले पोरिमल कांजी देश के 12 से अधिक राज्यों का रास्ता तय कर चुके हैं. जम्मू-कश्मीर के लेह-लद्दाख के चार ऊंचे दर्रों को पार कर अब पोरिमल कांजी कुल्लू पहुंचे हैं. घूमने की चाहत को लेकर पोरिमल कांजी ने अपना सफर जनवरी माह में कोलकाता से शुरू किया था और अब वह हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और नेपाल से होते हुए वापस कोलकाता का रुख करेंगे.

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कुल्लू पहुंचे पोरिमल का कहना है कि बचपन से ही उनके घूमने की चाहत थी और अब वह साइकिल पर करीब 15,000 किलोमीटर का सफर पूरा कर चुके हैं. पेशे से प्रेशर कुकर की मरम्मत का काम करने वाले कांजी का कहना है कि लॉक डाउन के दौरान उन्होंने 2 महीने श्रीनगर में ही गुजारे. अब लॉकडाउन में छूट मिलते ही एक बार फिर से उन्होंने अपना सफर शुरू किया है.

पोरिमल कहना है कि जब उन्होंने पहली बार स्कूटर खरीदा था, तो उस समय पेट्रोल की कीमत 16 रुपये थी और आज 100 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई है. ऐसे में गरीबों का वाहन चलाने का सपना अब सपना ही नजर आ रहा है. लोग भी 2 किलोमीटर के सफर के लिए गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं. जिस कारण वह कई बीमारियों का शिकार भी हो रहे हैं. विभिन्न राज्यों की संस्कृति खान-पान को जानने के साथ-साथ और पोरिमल लोगों को साइकिल से सफर करने की प्रेरणा भी दे रहे हैं, ताकि वे विभिन्न बीमारियों से बचे रह सके.

पोरिमल कांजी ने बताया कि वह रात के समय सड़क किनारे अपना तंबू गाड़ देते हैं और स्थानीय लोगों के द्वारा उन्हें जो खाना मुहैया करवाया जाता है, उसे ही वे खाते हैं. ताकि भारत के विभिन्न राज्यों की संस्कृति, खान-पान के बारे में जानकारी हासिल कर सके.

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Last Updated : Jul 9, 2021, 2:17 PM IST
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