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अटल टनल बनने से लाहौल के लोगों को मिलेंगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, बर्फबारी में नहीं होगी परेशानी

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Published : Oct 10, 2020, 1:01 PM IST

लाहौल घाटी के रहने वाले बुजुर्गों का कहना है कि स्वास्थ्य सुविधाओं की समस्या ही उन्हें हर बार सबसे ज्यादा तंग करती थी. वहीं, अब अटल टनल के माध्यम से तुरंत स्वास्थ्य सुविधा के लिए लोग कुल्लू या बाहरी राज्यों का रुख कर सकते हैं. लाहौल घाटी में बर्फबारी के दौरान बाहर निकलने का एकमात्र जरिया हेलीकॉप्टर था, लेकिन बिजी शेड्यूल के चलते कई बार लोगों को कई हफ्तों तक उड़ान की सुविधा नहीं मिल पाती थी. अब टनल के बनने से लोगों को ये सुविधा मिली है.

people of Lahaul will  get benefit from  Rohtang Atal tunnel
फोटो

कुल्लूः देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 अक्टूबर को रोहतांग अटल टनल का उद्घाटन किया. अटल टनल के बनने से लाहौल के बुजुर्गों में एक नई उम्मीद जगी है. अब उन्हें भारी बर्फबारी के बीच कुल्लू आने के लिए नहीं तरसना होगा.

अटल टनल जहां सामरिक दृष्टि से देश के लिए महत्वपूर्ण है. वहीं, लाहौल घाटी के हजारों लोगों के लिए भी इस साल बर्फबारी में टनल जीवनदायिनी बनेगी. इससे पहले हर साल बर्फबारी के दौरान 6 माह के लिए रोहतांग दर्रा उनके लिए एक मुश्किल बन जाता था और दर्रे पर पड़ी बर्फ उनके लिए कारावास का काम करती थी. अब टनल के बनने से लोगों को चिकित्सा के क्षेत्र में सबसे ज्यादा लाभ होगा.

इससे पहले कई बुजुर्गों को समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाती थी, जिसके चलते उनकी मौत हो जाती थी. अगर हेलीकॉप्टर की व्यवस्था भी हो जाए तो रोहतांग का खराब मौसम उड़ान में हर बार बाधा बन जाता था.

वीडियो रिपोर्ट

वहीं, अब अटल टनल के माध्यम से तुरंत स्वास्थ्य सुविधा के लिए लोग कुल्लू या बाहरी राज्यों का रुख कर सकते हैं. लाहौल घाटी के रहने वाले बुजुर्गों का कहना है कि स्वास्थ्य सुविधाओं की किल्लत ही उन्हें हर बार सबसे ज्यादा तंग करती थी.

रोहतांग दर्रा पार ना कर पाने की कसक भी कई दशकों से उनके दिल में थी, लेकिन टनल के बनने से अब यह कसक दूर हुई है और वह सर्दियों में भी घाटी से बाहर जा सकेंगे.

बता दें कि लाहौल घाटी में बर्फबारी के दौरान बाहर निकलने का एकमात्र जरिया हेलीकॉप्टर ही था,लेकिन उसके बिजी शेड्यूल के चलते कई बार लोगों को हफ्तों उड़ान की सुविधा नहीं मिल पाती थी. अब टनल के बनने से लोग अपनी मर्जी से कभी भी घाटी से बाहर निकल सकते हैं.

कुल्लूः देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 अक्टूबर को रोहतांग अटल टनल का उद्घाटन किया. अटल टनल के बनने से लाहौल के बुजुर्गों में एक नई उम्मीद जगी है. अब उन्हें भारी बर्फबारी के बीच कुल्लू आने के लिए नहीं तरसना होगा.

अटल टनल जहां सामरिक दृष्टि से देश के लिए महत्वपूर्ण है. वहीं, लाहौल घाटी के हजारों लोगों के लिए भी इस साल बर्फबारी में टनल जीवनदायिनी बनेगी. इससे पहले हर साल बर्फबारी के दौरान 6 माह के लिए रोहतांग दर्रा उनके लिए एक मुश्किल बन जाता था और दर्रे पर पड़ी बर्फ उनके लिए कारावास का काम करती थी. अब टनल के बनने से लोगों को चिकित्सा के क्षेत्र में सबसे ज्यादा लाभ होगा.

इससे पहले कई बुजुर्गों को समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाती थी, जिसके चलते उनकी मौत हो जाती थी. अगर हेलीकॉप्टर की व्यवस्था भी हो जाए तो रोहतांग का खराब मौसम उड़ान में हर बार बाधा बन जाता था.

वीडियो रिपोर्ट

वहीं, अब अटल टनल के माध्यम से तुरंत स्वास्थ्य सुविधा के लिए लोग कुल्लू या बाहरी राज्यों का रुख कर सकते हैं. लाहौल घाटी के रहने वाले बुजुर्गों का कहना है कि स्वास्थ्य सुविधाओं की किल्लत ही उन्हें हर बार सबसे ज्यादा तंग करती थी.

रोहतांग दर्रा पार ना कर पाने की कसक भी कई दशकों से उनके दिल में थी, लेकिन टनल के बनने से अब यह कसक दूर हुई है और वह सर्दियों में भी घाटी से बाहर जा सकेंगे.

बता दें कि लाहौल घाटी में बर्फबारी के दौरान बाहर निकलने का एकमात्र जरिया हेलीकॉप्टर ही था,लेकिन उसके बिजी शेड्यूल के चलते कई बार लोगों को हफ्तों उड़ान की सुविधा नहीं मिल पाती थी. अब टनल के बनने से लोग अपनी मर्जी से कभी भी घाटी से बाहर निकल सकते हैं.

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