कुल्लू: जिला लाहौल-स्पीति में बीएसएनएल की चरमराई दूरसंचार सेवाओं से जल्द मुक्ति मिलेगी. रक्षा मंत्रालय ने निर्माणाधीन रोहतांग टनल होकर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने की मंजूरी दे दी है. रोहतांग दर्रा की बजाय टनल होकर मनाली से लाहौल की तरफ नए सिरे से ओएफसी बिछाई जाएगी.
हालांकि ऑप्टिकल फाइबर केबल को टनल होकर अस्थायी तौर पर बिछाने की मंजूरी मिली है. बता दें कि रोहतांग दर्रा होकर बिछाई गई ऑप्टिकल फाइबर केबल बार-बार कट जाने से एक साल में 6 से 8 महीने तक लाहौल घाटी में फोन और इंटरनेट सेवा बाधित रहने से ऑनलाइन कामकाज ठप रहता है. ऐसे में पूरी सर्दी के दौरान घाटी के लोगों को इंटरनेट और मोबाइल फोन की सुविधा नहीं मिल पाती है.
गौर रहे कि करोड़ों रुपये खर्च कर मनाली और लाहौल के बीच बिछाई गई भूमिगत ऑप्टिकल फाइबर केबल बार-बार कट जाने से पिछले कई सालों से लाहौल घाटी में बीएसएनएल की मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवा सुचारु नहीं है. इस कारण रक्षा मंत्रालय ने रोहतांग टनल होकर अस्थायी तौर पर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने की अनुमति दे दी है.
रोहतांग टनल के मुख्य अभियंता ने लाहौल के एक सेनानिव आईपीएस अधिकारी को संदेश भेजकर इसकी जानकारी दी है. कुल्लू में टीडीएम का कार्यभार देख रहे राज कुमार ने बताया कि ओएफसी बिछाने के लिए बीएसएनएल को अस्थायी रूप से मंजूरी मिली है. इस दिशा में बीएसएनएल ने आगामी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है.