ETV Bharat / city

लाहौल में अटल टनल के बाद आइस क्लाइंबिंग की बढ़ी संभावनाएं, पहुंचे पर्वतारोही

लाहौल में पर्वतारोही आइस क्लाइंबिंग की संभावनाओं को तलाशने तोदघाटी पहुंचे हैं. शिमला के भरत भूषण, नैनीताल के टोनी और केलांग निवासी सुनील गेमूर के पास वाटरफाल में जमी आइस पर चढ़ाई करने पहुंचे. भरत भूषण ने बताया कि पिछले कुछ सालों से वह स्पीति में लिंगटी परियोजना के पास पर्यटकों को आइस क्लाइंबिंग करवा रहे हैं.

ice climbing in lahaul
ice climbing in lahaul
author img

By

Published : Dec 21, 2020, 10:10 AM IST

काजा/कुल्लूः जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के उपमंडल काजा में आइस हॉकी रिंक पर स्थानीय युवा और डोगरा रेजिमेंट के जवान प्रशिक्षण शिविर में खूब मशक्कत कर रहे हैं. वहीं, लाहौल में भी पर्वतारोही आइस क्लाइंबिंग की संभावनाओं को तलाशने तोदघाटी पहुंच गए हैं. गेमूर स्थित होरदोंग लुम्पा में दो दिन पर्वतारोही 250 मीटर ऊंचे नाले में जमे पानी पर चढ़ाई करेंगे.

दल में शामिल भरत भूषण ने बताया कि पिछले कुछ सालों से वह स्पीति में लिंगटी परियोजना के पास पर्यटकों को आइस क्लाइंबिंग करवा रहे हैं. उन्होंने बताया कि अटल टनल रोहतांग के बाद लाहौल में भी इसकी अपार संभावनाएं हैं. तोदघाटी में दो दिन में वाटरफाल आइस पर टीम ने चढ़ाई पूरी की है.

स्थानीय निवासी दोरजे ठाकुर ने बताया कि 18 और 19 दिसंबर को शिमला के भरत भूषण, नैनीताल के टोनी और केलांग निवासी सुनील गेमूर के पास वाटरफाल में जमी आइस पर चढ़ाई करने पहुंचे. इनके लिए स्थानीय लोगों ने खाने और ठहरने का इंतजाम किया है.

कोकसर पंचायत के तेलिंग गांव से संबंध रखने वाले पर्वतारोही प्रशिक्षक प्रशांत मीरूपा ने बताया कि गत साल कोकसर स्थित बचाव चौकी के दल ने भी कोकसर से चार किलोमीटर दूर धारा नामक स्थान पर जमे पानी के ऊपर चढ़ाई की थी. यहां भी आइस क्लाइंबिंग की संभावनाएं तलाशी गईं.

ये भी पढ़ें- सर्वे रिपोर्ट: चौंकाने वाला है प्रदेश में 18 साल की उम्र से पहले शादी करने वाली युवतियों का आंकड़ा

काजा/कुल्लूः जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के उपमंडल काजा में आइस हॉकी रिंक पर स्थानीय युवा और डोगरा रेजिमेंट के जवान प्रशिक्षण शिविर में खूब मशक्कत कर रहे हैं. वहीं, लाहौल में भी पर्वतारोही आइस क्लाइंबिंग की संभावनाओं को तलाशने तोदघाटी पहुंच गए हैं. गेमूर स्थित होरदोंग लुम्पा में दो दिन पर्वतारोही 250 मीटर ऊंचे नाले में जमे पानी पर चढ़ाई करेंगे.

दल में शामिल भरत भूषण ने बताया कि पिछले कुछ सालों से वह स्पीति में लिंगटी परियोजना के पास पर्यटकों को आइस क्लाइंबिंग करवा रहे हैं. उन्होंने बताया कि अटल टनल रोहतांग के बाद लाहौल में भी इसकी अपार संभावनाएं हैं. तोदघाटी में दो दिन में वाटरफाल आइस पर टीम ने चढ़ाई पूरी की है.

स्थानीय निवासी दोरजे ठाकुर ने बताया कि 18 और 19 दिसंबर को शिमला के भरत भूषण, नैनीताल के टोनी और केलांग निवासी सुनील गेमूर के पास वाटरफाल में जमी आइस पर चढ़ाई करने पहुंचे. इनके लिए स्थानीय लोगों ने खाने और ठहरने का इंतजाम किया है.

कोकसर पंचायत के तेलिंग गांव से संबंध रखने वाले पर्वतारोही प्रशिक्षक प्रशांत मीरूपा ने बताया कि गत साल कोकसर स्थित बचाव चौकी के दल ने भी कोकसर से चार किलोमीटर दूर धारा नामक स्थान पर जमे पानी के ऊपर चढ़ाई की थी. यहां भी आइस क्लाइंबिंग की संभावनाएं तलाशी गईं.

ये भी पढ़ें- सर्वे रिपोर्ट: चौंकाने वाला है प्रदेश में 18 साल की उम्र से पहले शादी करने वाली युवतियों का आंकड़ा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.