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प्रदेश में 500 से अधिक सोसायटी निष्क्रिय, ऑडिट के लिए रखे जाएंगे 250 ऑडिटर

कुल्लू जिला में आयोजित सहकारिता सम्मेलन में भाग लेने के लिए रजिस्ट्रार डॉ. अजय शर्मा पहुंचे थे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में करीब 5 हजार सोसायटी रजिस्टर्ड हैं. इनमें गिनी चुनी सोसायटी हैं जो सरहकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं.

More than 500 societies inactive in Himachal Pradesh
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Published : Jul 16, 2019, 11:11 AM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में सहकारिता के क्षेत्र में करीब पांच हजार सोसायटी रजिस्टर्ड हैं लेकिन सहकारिता के क्षेत्र में इन सोसायटी ने कुछ खास काम नहीं किया है. ये बात रजिस्ट्रार डॉ. अजय शर्मा ने कुल्लू में आयोजित सहकारिता सम्मेलन में कही.

रजिस्ट्रार डॉ. अजय शर्मा ने बताया कि प्रदेश में गिनी चुनी कुछ सोसायटी हैं जो सहकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं और जिनकी मिसाल भी देशभर में पेश की जा रही है. बाकी कुछ सोसायटी तो सिर्फ राशन वितरण तक ही सीमित हैं. सोसायटी को अब पुराने कार्यों को छोड़कर नए कार्यों को अपनाना होगा ताकि दम तोड़ रही सहकारिता एक बार फिर से अपनी साख को बचाए रखें.

वीडियो.

वहीं, उन्होंने लाहौल-स्पीति की एलपीएस सोसाइटी के मामले में कहा कि जैसे ही इस सोसाइटी में गड़बड़ी की बात सामने आने पर सोसायटी को भंग कर दिया गया और एक प्रशासनिक अधिकारी को नियुक्त किया गया है. प्रदेश सरकार सोसायटी के मामलों की जांच कर रही है और जल्द ही दोबारा चुनाव करवाया जाएगा.

सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए रजिस्ट्रार डॉ. अजय शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सहकारी सभाओं की ऑडिट के लिए 250 ऑडिटर रखने का निर्णय लिया है. इससे पढ़े-लिखे युवाओं को रोजगार मिलेगा और सहकारी सभाओं की कार्यप्रणाली में भी व्यापक सुधार होगा. पर्यटन, प्राकृतिक खेती, दुग्ध उत्पादन, बागवानी और कई अन्य क्षेत्रों में सहकारी सभाओं के लिए काफी संभावनाएं हो सकती हैं. प्रदेश सरकार विभिन्न विभागों के माध्यम से गठित स्वयं सहायता समूहों को भी सहकारी सभाओं के रूप में पंजीकृत करने पर विचार कर रही है, ताकि अधिक से अधिक युवा स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित हो सकें.

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में सहकारिता के क्षेत्र में करीब पांच हजार सोसायटी रजिस्टर्ड हैं लेकिन सहकारिता के क्षेत्र में इन सोसायटी ने कुछ खास काम नहीं किया है. ये बात रजिस्ट्रार डॉ. अजय शर्मा ने कुल्लू में आयोजित सहकारिता सम्मेलन में कही.

रजिस्ट्रार डॉ. अजय शर्मा ने बताया कि प्रदेश में गिनी चुनी कुछ सोसायटी हैं जो सहकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं और जिनकी मिसाल भी देशभर में पेश की जा रही है. बाकी कुछ सोसायटी तो सिर्फ राशन वितरण तक ही सीमित हैं. सोसायटी को अब पुराने कार्यों को छोड़कर नए कार्यों को अपनाना होगा ताकि दम तोड़ रही सहकारिता एक बार फिर से अपनी साख को बचाए रखें.

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वहीं, उन्होंने लाहौल-स्पीति की एलपीएस सोसाइटी के मामले में कहा कि जैसे ही इस सोसाइटी में गड़बड़ी की बात सामने आने पर सोसायटी को भंग कर दिया गया और एक प्रशासनिक अधिकारी को नियुक्त किया गया है. प्रदेश सरकार सोसायटी के मामलों की जांच कर रही है और जल्द ही दोबारा चुनाव करवाया जाएगा.

सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए रजिस्ट्रार डॉ. अजय शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सहकारी सभाओं की ऑडिट के लिए 250 ऑडिटर रखने का निर्णय लिया है. इससे पढ़े-लिखे युवाओं को रोजगार मिलेगा और सहकारी सभाओं की कार्यप्रणाली में भी व्यापक सुधार होगा. पर्यटन, प्राकृतिक खेती, दुग्ध उत्पादन, बागवानी और कई अन्य क्षेत्रों में सहकारी सभाओं के लिए काफी संभावनाएं हो सकती हैं. प्रदेश सरकार विभिन्न विभागों के माध्यम से गठित स्वयं सहायता समूहों को भी सहकारी सभाओं के रूप में पंजीकृत करने पर विचार कर रही है, ताकि अधिक से अधिक युवा स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित हो सकें.

Intro:प्रदेश में 5 हजार सोसायटी लेकिन कुछ ही कर रही कार्यBody:
करीब 500 से अधिक सोसायटी निष्क्रिय
कुल्लू
हिमाचल प्रदेश में सहकारिता के क्षेत्र में 5000 सोसायटी रजिस्टर्ड है लेकिन सहकारिता के क्षेत्र में इन सोसायटी द्वारा कुछ खास काम नहीं किया जा रहा है। कुल्लू में सहकारिता सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे रजिस्ट्रार डॉ अजय शर्मा ने बताया कि प्रदेश में गिनी चुनी ही कुछ सोसायटी है जो सहकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रही है और जिनकी मिसाल भी देशभर में पेश की जा रही है। बाकी कुछ सोसायटी तो सिर्फ राशन वितरण तक ही सीमित है। रजिस्ट्रार डॉ अजय शर्मा ने कहा कि सोसायटी को अब पुराने इन सब कार्यों को छोड़कर नए कार्यों को अपनाना होगा ताकि दम तोड़ रही सहकारिता एक बार फिर से अपनी साख को बचाए रखे। वहीं उन्होंने लाहौल स्पीति की एलपीएस सोसाइटी के मामले में कहा कि जैसे ही इस सोसाइटी में गड़बड़ी की बात सामने आई तो तुरंत ही सोसायटी को भंग कर दिया गया और एक प्रशासनिक अधिकारी को नियुक्त किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा सोसायटी के मामलों की जांच की जा रही है और जल्द ही सोसायटी के दोबारा चुनाव भी करवाए जा सकते हैं। सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए रजिस्ट्रार डा. अजय शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सहकारी सभाओं के आॅडिट के लिए 250 आॅडिटर रखने का निर्णय लिया है। इससे पढ़े-लिखे युवाओं को रोजगार मिलेगा और सहकारी सभाओं की कार्यप्रणाली में भी व्यापक सुधार होगा। डा. अजय ने कहा कि अब सहकारिता आंदोलन पुनर्जीवित हो रहा है। सहकारी सभाओं को समय के साथ अपने आपको बदलकर इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। उन्हें अपने लिए नई संभावनाओं की तलाश करनी चाहिए तथा विविधीकरण को अपनाना चाहिए। पर्यटन, प्राकृतिक खेती, दुग्ध उत्पादन, बागवानी और कई अन्य क्षेत्रों में सहकारी सभाओं के लिए काफी संभावनाएं हो सकती हैं। Conclusion:रजिस्ट्रार ने बताया कि प्रदेश सरकार विभिन्न विभागों के माध्यम से गठित स्वयं सहायता समूहों को भी सहकारी सभाओं के रूप में पंजीकृत करने पर विचार कर रही है, ताकि अधिक से अधिक युवा स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित हो सकें।
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