कुल्लू: गांव एवं नगर नियोजन विभाग द्वारा देव सदन कुल्लू में मंगलवार को अम्रुत योजना (अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन) के तहत कुल्लू शहर के लिये फीडबैक इंफ्रा गुरुग्राम की परामर्शी सेवा द्वारा तैयार किए गए मास्टर प्लान के प्रारूप पर फीडबैक व सुझाव प्राप्त करने के उद्देश्य से बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की (Meeting of Amrut Yojana in Kullu) अध्यक्षता शिक्षा व कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने की.
इस दौरान उन्होंने कहा कि अम्रुत योजना के तहत भुंतर से लेकर कोठी-पल्चान तक के लगभग 82 किलोमीटर लंबे परिक्षेत्र को शामिल किया गया है. लगभग अढ़ाई किलोमीटर (Govind thakur in kullu) चौड़ाई के इस परिक्षेत्र में वर्ष 2041 तक आबादी के लिए मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने की योजना है. उन्होंने कहा कि पर्यटन जिला की रीढ़ है और यहां अनेक प्रकार की पर्यटन गतिविधियां की जाती हैं, जिससे हजारों लोगों की आजीविका जुड़ी है.
उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान में विशेषकर साहसिक पर्यटन, धार्मिक पर्यटन और देव संस्कृति को भी ध्यान में रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि परामर्शी ऐजेंसी ने काफी मेहनत करके मास्टर प्लान का प्रारूप तैयार किया है, लेकिन इसमें अनेक ऐसी विषमताएं अभी हैं, जिन्हें और ज्यादा हितधारकों के सुझाव प्राप्त करके दूर किया जा सकता है.
शिक्षा मंत्री ने इस बात पर चिंता जाहिर की कि सड़कों तक अतिक्रमण किए (Encroachment on roads of kullu) जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को अपनी मानसिकता में बदलाव लाना होगा, ताकि भावी पीढ़ियों को गुणवत्तायुक्त जीवन प्रदान करने के बारे में विचार किया जा सके. उन्होंने कहा कि नगर नियोजन के नियमों की हर स्तर पर उल्लंघना सही नहीं है. ऐसा करने से हमारा नित्य प्रति का जीवन कठिन हो रहा है.
उन्होंने कहा कि वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन पार्किंग के लिए मकानों में जगह नहीं रखी है. अम्रुत योजना के तहत मास्टर प्लान को अंतिम रूप देने तथा इसे जमीन पर उतारने के लिए (Car parking problem in kullu) कुछ कड़े फैसले लेने की भी जरूरत है. उन्होंने कहा कि पर्वतीय प्रदेश होने के नाते यहां भूमि की कमी है और ऐसे में बहुमंजिला भवनों के लिये नगर नियोजन को नियम बनाने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि होटल निर्माण के लिए यदि 21 मीटर उंचाई तक की छूट है, तो इसमें मंजिलों की संख्या पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए. गोविंद ठाकुर ने नगर नियोजन (Building Construction rules in kullu) विभाग से कहा कि चुने हुए प्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संगठनों तथा विभिन्न एसोसिएशन के और सुझाव प्राप्त करने के लिए बड़ी कार्यशाला का आयोजन किया जाए. इस संबंध में व्यापक प्रचार प्रसार की जरूरत पर भी उन्होंने बल दिया.
वहीं, ग्राम एवं नगर नियोजन के राज्य वास्तुकार केसी नैन्टा ने लोगों की अनेक शंकाओं का समाधान किया और निर्माण नियमों तथा अम्रुत योजना के तहत बनाए जा रहे मास्टर प्लान के बारे में भी जानकारी दी. फीडबैक इंफ्रा गुरुग्राम कन्सलटेन्सी के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार ने अम्रुत योजना के तहत कुल्लू शहर के लिये तैयार किये गए मास्टर प्लान के प्रारूप की विस्तृत प्रस्तुति दी.
उन्होंने बताया कि अगले 20 सालों तक आबादी के मद्देनजर कुल्लू-मनाली के लिये ढांचागत सुविधाओं का सृजन किस प्रकार का हो, इसपर गहन विचार-विमर्श के बाद प्रारूप को अंतिम रूप दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रारूप को अनेक बैठकों और सुझावों के बाद तथा जमीनी स्तर पर आंकड़े एकत्र करके एक विस्तृत अध्यन के उपरांत तैयार किया गया है.
योजना के तहत कुल्लू व मनाली दो शहरों सहित 41 गांवों को शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 की 2.45 लाख की आबादी में अगले 20 सालों में एक लाख और जमा होगी, इस आंकडे़ के आधार पर योजना तैयार की जा रही है. योजना में ठोस कचरा प्रबंधन, मल निकासी, पेयजल सुविधा, सड़कों व पार्किंग की व्यवस्था, अनछुए पर्यटन गंतव्यों को विकसित करना तथा शहरों का सौंदर्यीकरण को प्रमुखता के साथ सम्मिलित किया गया है.
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