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नहीं टूटेगी भगवान रघुनाथ की रथयात्रा की परंपरा, कोविड-19 के नियमों का होगा पालन

कुल्लू में अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के दौरान भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा होगी, लेकिन जिला भर के सैंकड़ों देवी-देवता इसमें भाग नहीं ले पाएंगे. ये फैसला कुल्लू में दशहरा पर्व को लेकर हुई बैठक में लिया गया है. दशहरा कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि हम इस निर्णय पर पहुंच गए हैं कि भगवान रघुनाथ की रथयात्रा होगी और यह कोरोना के नियमों को ध्यान में रखते ही होगी.

Kullu dussehra meeting
अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव को लेकर बैठक
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Published : Oct 12, 2020, 3:54 PM IST

Updated : Oct 12, 2020, 4:31 PM IST

कुल्लूः देव महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में भगवान रघुनाथ की परंपरा नहीं टूटेगी और दशहरा के दिन भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा होगी. हालांकि इस रथ यात्रा में इस बार जिला भर के सैकड़ों देवी-देवता भाग नहीं ले पाएंगे और न ही हजारों श्रद्धालु रथ खींच पाएंगे, लेकिन पूरे सात दिनों तक भगवान रघुनाथ जी की परंपरा का निर्वाह होगा.

सोमवार को दशहरा पर्व को लेकर पहली बैठक का आयोजन हुआ. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कोरोना के नियमों का पालन करते हुए दशहरा पर्व मनाया जाएगा. इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि ढालपुर मैदान में किसी भी तरह का कारोबार नहीं होगा और न ही दुकानें लग पाएंगी.

वीडियो.

दशहरा पर्व में आने वाले लोग कुल्लू शहर की स्थाई दुकानों में ही खरीददारी कर सकते हैं. यही नहीं लाल चंद प्रार्थी कलाकेंद्र में भी किसी तरह का लोकनृत्य व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी नहीं होंगे. इस बार सिर्फ दशहरा पर्व की परंपरा का निर्वाह होगा. लिहाजा इस बार कोरोना के कारण देव महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा पर्व का स्वरूप विल्कुल अलग हो गया है. बैठक में दशहरा कमेटी के अध्यक्ष व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने मुख्य तौर पर भाग लिया. जबकि भगवान रघुनाथ की तरफ से मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह उपस्थित रहे.

इसके अलावा उपाध्यक्ष व डीसी कुल्लू डॉ. ऋचा वर्मा, कुल्लू के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, आनी के विधायक किशोरी लाल, नगर परिषद के उपाध्यक्ष गोपाल कृष्ण महंत, कारदार संघ के पदाधिकारीगण सहित दशहरा कमेटी के सदस्य मौजूद रहे. बैठक में विस्तार से चर्चा की गई कि आखिर किस तरह से कोरोना के इस संकट में दशहरा पर्व की परंपरा का निर्वाह किया जाए.

कोरोना के नियमों को ध्यान में रखते हुए यही निर्णय लिया गया कि आखिर किसी भी देवी-देवता को आमंत्रित नहीं किया जाएगा. सिर्फ उन सात देवी-देवताओं के निशान बुलाए जाएंगे, जिन देवताओं की रथयात्रा में भूमिका जरूरी है. निर्णय यह लिया गया कि यदि सभी देवी-देवताओं को बुलाया गया तो कोविड-19 के नियमों की उल्लंघना होगी और कोरोना जैसी बीमारी पर कंट्रोल नहीं रहेगा. इसी को ध्यान में रखते हुए यह भी निर्णय लिया गया कि दशहरा मैदान में व्यापार जैसी गतिविधियां भी नहीं की जाएगी. वहीं, भगवान नरसिंह की जलेब भी सूक्ष्म तौर पर होगी.

दशहरा कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि हम इस निर्णय पर पहुंच गए हैं कि भगवान रघुनाथ की रथयात्रा होगी और यह कोरोना के नियमों को ध्यान में रखते ही होगी. वहीं, भगवान रघुनाथ के प्रमुख छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि परंपराएं निभाई जाएंगी और इसमें कोरोना के नियमों का पालन होगा.

उन्होंने देवी-देवताओं से आशीर्वाद देने की अर्ज की है कि कोरोना जैसी बीमारी से मुक्ति दिलवाई जाए. उन्होंने कहा कि नरसिंह भगवान की जलेब का कार्यक्रम भी सूक्ष्म तरीके से होगा. बहरहाल, दशहरा पर्व होगा लेकिन नए स्वरूप में और सूक्ष्म तरीके से परंपरा का निर्वाह किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की कोरोना रिपोर्ट आई पॉजिटिव

ये भी पढ़ें- हमीरपुर में चलती बस ने अचानक पकड़ी आग, बड़ा हादसा होने से टला

कुल्लूः देव महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में भगवान रघुनाथ की परंपरा नहीं टूटेगी और दशहरा के दिन भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा होगी. हालांकि इस रथ यात्रा में इस बार जिला भर के सैकड़ों देवी-देवता भाग नहीं ले पाएंगे और न ही हजारों श्रद्धालु रथ खींच पाएंगे, लेकिन पूरे सात दिनों तक भगवान रघुनाथ जी की परंपरा का निर्वाह होगा.

सोमवार को दशहरा पर्व को लेकर पहली बैठक का आयोजन हुआ. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कोरोना के नियमों का पालन करते हुए दशहरा पर्व मनाया जाएगा. इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि ढालपुर मैदान में किसी भी तरह का कारोबार नहीं होगा और न ही दुकानें लग पाएंगी.

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दशहरा पर्व में आने वाले लोग कुल्लू शहर की स्थाई दुकानों में ही खरीददारी कर सकते हैं. यही नहीं लाल चंद प्रार्थी कलाकेंद्र में भी किसी तरह का लोकनृत्य व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी नहीं होंगे. इस बार सिर्फ दशहरा पर्व की परंपरा का निर्वाह होगा. लिहाजा इस बार कोरोना के कारण देव महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा पर्व का स्वरूप विल्कुल अलग हो गया है. बैठक में दशहरा कमेटी के अध्यक्ष व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने मुख्य तौर पर भाग लिया. जबकि भगवान रघुनाथ की तरफ से मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह उपस्थित रहे.

इसके अलावा उपाध्यक्ष व डीसी कुल्लू डॉ. ऋचा वर्मा, कुल्लू के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, आनी के विधायक किशोरी लाल, नगर परिषद के उपाध्यक्ष गोपाल कृष्ण महंत, कारदार संघ के पदाधिकारीगण सहित दशहरा कमेटी के सदस्य मौजूद रहे. बैठक में विस्तार से चर्चा की गई कि आखिर किस तरह से कोरोना के इस संकट में दशहरा पर्व की परंपरा का निर्वाह किया जाए.

कोरोना के नियमों को ध्यान में रखते हुए यही निर्णय लिया गया कि आखिर किसी भी देवी-देवता को आमंत्रित नहीं किया जाएगा. सिर्फ उन सात देवी-देवताओं के निशान बुलाए जाएंगे, जिन देवताओं की रथयात्रा में भूमिका जरूरी है. निर्णय यह लिया गया कि यदि सभी देवी-देवताओं को बुलाया गया तो कोविड-19 के नियमों की उल्लंघना होगी और कोरोना जैसी बीमारी पर कंट्रोल नहीं रहेगा. इसी को ध्यान में रखते हुए यह भी निर्णय लिया गया कि दशहरा मैदान में व्यापार जैसी गतिविधियां भी नहीं की जाएगी. वहीं, भगवान नरसिंह की जलेब भी सूक्ष्म तौर पर होगी.

दशहरा कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि हम इस निर्णय पर पहुंच गए हैं कि भगवान रघुनाथ की रथयात्रा होगी और यह कोरोना के नियमों को ध्यान में रखते ही होगी. वहीं, भगवान रघुनाथ के प्रमुख छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि परंपराएं निभाई जाएंगी और इसमें कोरोना के नियमों का पालन होगा.

उन्होंने देवी-देवताओं से आशीर्वाद देने की अर्ज की है कि कोरोना जैसी बीमारी से मुक्ति दिलवाई जाए. उन्होंने कहा कि नरसिंह भगवान की जलेब का कार्यक्रम भी सूक्ष्म तरीके से होगा. बहरहाल, दशहरा पर्व होगा लेकिन नए स्वरूप में और सूक्ष्म तरीके से परंपरा का निर्वाह किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की कोरोना रिपोर्ट आई पॉजिटिव

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Last Updated : Oct 12, 2020, 4:31 PM IST
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