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नशा प्रयोग के मामलों में भारत के 272 जिलों में कुल्लू शामिल, जागरूकता के लिए चलाया जाएगा अभियान

भारत के उन 272 जिलों में कुल्लू जिले को शामिल किया गया है, जहां नशे का प्रकोप (Drug trafficking in Kullu) अधिक है. नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत कार्यशाला को संबोधित करते हुए एडीएम कुल्लू प्रशान्त सरकेक ने यह बात कही. प्रशांत सरकेक ने कहा कि नशामुक्ति (Drug trafficking in Kullu) को लेकर शिक्षा विभाग की अहम भूमिका रहती है. उन्होंने कहा कि युवा हमारे देश का भविष्य हैं तथा इन्हें नशे से बचाने के लिए खेलकूद गतिविधियों तथा अन्य सामाजिक व रचनात्मक कार्यों से जोड़ने के प्रयास किए जाने चाहिए.

drug free India campaign in kullu
नशा मुक्ति अभियान को लेकर कुल्लू में बैठक.
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Published : Mar 9, 2022, 4:53 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू को भारत के उन 272 जिलों में शामिल किया गया है, जहां नशे का प्रकोप अधिक है. इसलिए कुल्लू जिले को नशा मुक्त बनाने के लिए यहां नशा मुक्ति अभियान (drug free India campaign) को एक मिशन मोड में चलाने की जरूरत है. वहीं, हिमाचल के तीन अन्य जिले मंडी, शिमला तथा चंबा को सर्वें के मुताबिक सबसे अधिक नशा प्रभावित जिलों में चिन्हित किया गया है. नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत कार्यशाला को संबोधित करते हुए एडीएम कुल्लू प्रशान्त सरकेक ने यह बात कही. प्रशांत सरकेक ने कहा कि नशामुक्ति (Drug trafficking in Kullu) को लेकर शिक्षा विभाग की अहम भूमिका रहती है.

स्कूलों में बच्चों में नशा निवारण पर चित्रकला प्रतियोगिता, भाषण तथा नारा लेखन प्रतियोगिताओं के माध्यम से नशे से दूर रहने का संदेश दिया जाता है. नशे को शौक न समझें, स्वयं भी नशे से दूर रहें तथा अन्य लोगों को भी दूर रहने के लिए प्रेरित करें. युवाओं को नशे के दुष्प्रभाव बताने के साथ-साथ नियम-कानून के बारे में भी विस्तार से जानकारी देनी चाहिए ताकि वे जागरूक बनकर इस बुराई से बचे सके. अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी प्रशांत सरकैक ने कहा कि नशा नाश का दूसरा नाम है तथा इसे समाज से पूरी तरह से खत्म करने के लिए सभी को मिलजुल कर प्रयास करने चाहिए.

drug free India campaign in kullu
नशा मुक्ति अभियान को लेकर कुल्लू में बैठक.

उन्होंने कहा कि युवा हमारे देश का भविष्य हैं तथा इन्हें नशे से बचाने के लिए खेलकूद गतिविधियों तथा अन्य सामाजिक व रचनात्मक कार्यों से जोड़ने के प्रयास किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि एक सर्वे के मुताबिक नशे से सबसे अधिक प्रभावित भारत के 272 जिलों में से जिला कुल्लू भी शामिल है तथा जिला को नशा मुक्त बनाने के लिए अधिक से अधिक युवाओं को इस अभियान के साथ जोड़कर नशा निवारण गतिविधियों को बड़े पैमाने पर चलाने के प्रयास किए जाने चाहिए.

एसडीएम ने कहा कि नशा मनुष्य को मानसिक तथा शारीरिक रूप से कमजोर बना देता है. एक स्वस्थ व सशक्त समाज के लिए जीवन में कभी भी नशा नहीं करने का संकल्प लेना चाहिए. नशे की लत लगने पर प्रारम्भिक स्तर पर उसे रोका जाना चाहिए अन्यथा आदी होने पर उसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. इस दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार की ओर से वरिष्ठ राज्य संयोजक रसिता नुसरत तथा राज्य संयोजक एरूम मलिक ने भी नशा मुक्त भारत अभियान की आवश्यकता तथा समाज से नशे के समूल खत्म करने को लेकर जानकारी प्रदान की तथा महत्वपूर्ण जानकारियों से परिपूर्ण वीडियो भी प्रदर्शित किया गया.

drug free India campaign in kullu
नशा मुक्ति अभियान को लेकर कुल्लू में बैठक.

कार्यशाला में उपस्थित मास्टर स्वयंसेवियों तथा सभी हितधारकों ने जिला कुल्लू को नशा मुक्त बनाने को लेकर अपने-अपने सुझाव (drug free India campaign in kullu) दिए. इसके बाद अभियान के तहत क्षेत्र स्तर पर आ रही कठिनाईयों को लेकर प्रश्न-उत्तर सत्र आयोजित किया गया जिसमें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर वरिष्ठ राज्य संयोजक द्वारा सुझावों साथ ही आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए आश्वासन दिया गया.

ये भी पढ़ें: हार का बहाना ढूंढने लगे अखिलेश यादव, 10 मार्च को कहेंगे EVM बेवफा है: अनुराग ठाकुर

कुल्लू: जिला कुल्लू को भारत के उन 272 जिलों में शामिल किया गया है, जहां नशे का प्रकोप अधिक है. इसलिए कुल्लू जिले को नशा मुक्त बनाने के लिए यहां नशा मुक्ति अभियान (drug free India campaign) को एक मिशन मोड में चलाने की जरूरत है. वहीं, हिमाचल के तीन अन्य जिले मंडी, शिमला तथा चंबा को सर्वें के मुताबिक सबसे अधिक नशा प्रभावित जिलों में चिन्हित किया गया है. नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत कार्यशाला को संबोधित करते हुए एडीएम कुल्लू प्रशान्त सरकेक ने यह बात कही. प्रशांत सरकेक ने कहा कि नशामुक्ति (Drug trafficking in Kullu) को लेकर शिक्षा विभाग की अहम भूमिका रहती है.

स्कूलों में बच्चों में नशा निवारण पर चित्रकला प्रतियोगिता, भाषण तथा नारा लेखन प्रतियोगिताओं के माध्यम से नशे से दूर रहने का संदेश दिया जाता है. नशे को शौक न समझें, स्वयं भी नशे से दूर रहें तथा अन्य लोगों को भी दूर रहने के लिए प्रेरित करें. युवाओं को नशे के दुष्प्रभाव बताने के साथ-साथ नियम-कानून के बारे में भी विस्तार से जानकारी देनी चाहिए ताकि वे जागरूक बनकर इस बुराई से बचे सके. अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी प्रशांत सरकैक ने कहा कि नशा नाश का दूसरा नाम है तथा इसे समाज से पूरी तरह से खत्म करने के लिए सभी को मिलजुल कर प्रयास करने चाहिए.

drug free India campaign in kullu
नशा मुक्ति अभियान को लेकर कुल्लू में बैठक.

उन्होंने कहा कि युवा हमारे देश का भविष्य हैं तथा इन्हें नशे से बचाने के लिए खेलकूद गतिविधियों तथा अन्य सामाजिक व रचनात्मक कार्यों से जोड़ने के प्रयास किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि एक सर्वे के मुताबिक नशे से सबसे अधिक प्रभावित भारत के 272 जिलों में से जिला कुल्लू भी शामिल है तथा जिला को नशा मुक्त बनाने के लिए अधिक से अधिक युवाओं को इस अभियान के साथ जोड़कर नशा निवारण गतिविधियों को बड़े पैमाने पर चलाने के प्रयास किए जाने चाहिए.

एसडीएम ने कहा कि नशा मनुष्य को मानसिक तथा शारीरिक रूप से कमजोर बना देता है. एक स्वस्थ व सशक्त समाज के लिए जीवन में कभी भी नशा नहीं करने का संकल्प लेना चाहिए. नशे की लत लगने पर प्रारम्भिक स्तर पर उसे रोका जाना चाहिए अन्यथा आदी होने पर उसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. इस दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार की ओर से वरिष्ठ राज्य संयोजक रसिता नुसरत तथा राज्य संयोजक एरूम मलिक ने भी नशा मुक्त भारत अभियान की आवश्यकता तथा समाज से नशे के समूल खत्म करने को लेकर जानकारी प्रदान की तथा महत्वपूर्ण जानकारियों से परिपूर्ण वीडियो भी प्रदर्शित किया गया.

drug free India campaign in kullu
नशा मुक्ति अभियान को लेकर कुल्लू में बैठक.

कार्यशाला में उपस्थित मास्टर स्वयंसेवियों तथा सभी हितधारकों ने जिला कुल्लू को नशा मुक्त बनाने को लेकर अपने-अपने सुझाव (drug free India campaign in kullu) दिए. इसके बाद अभियान के तहत क्षेत्र स्तर पर आ रही कठिनाईयों को लेकर प्रश्न-उत्तर सत्र आयोजित किया गया जिसमें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर वरिष्ठ राज्य संयोजक द्वारा सुझावों साथ ही आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए आश्वासन दिया गया.

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