मनाली: पर्यटन नगरी मनाली से रोहतांग दर्रा होते हुए लाहौल-स्पीति के काजा घाटी का संपर्क सड़क मार्ग से जुड़ गया है. कुछ दिनों के बाद इस सड़क मार्ग पर वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो जाएगी. बीआरओ के अधिकारियों व कर्मचारियों ने कड़ी मेहनत के बाद इस सड़क मार्ग से बर्फ हटाने का काम पूरा कर दिया है. अब सैलानी भी जल्द ही स्पीति घाटी की चंद्रताल झील का नजारा ले सकेंगे.
सैलानी अब ऐतिहासिक चंद्रताल झील के दर्शन कर सकेंगे
वहीं, 15 हजार फीट ऊंचे कुंजुम दर्रे के बहाल होते ही स्पीति घाटी सात महीने बाद जिला मुख्यालय केलंग से जुड़ गई है. ग्रांफू से कुंजुम की ओर जा रही बीआरओ की 94 आरसीसी मंगलवार को काजा से आ रही 108 आरसीसी की टीम से छोटा दड़ा में मिल गई है. इस मार्ग के बहाल होते ही सैलानी अब ऐतिहासिक चंद्रताल झील के दर्शन कर सकेंगे.
हालांकि कोरोना संकट में अभी पर्यटन कारोबार चौपट है, लेकिन हालात सामान्य होते ही चन्द्रताल झील में रौनक लौट आएगी. नवंबर से बंद पड़ा यह मार्ग सात महीने बाद लाहुल घाटी सहित पर्यटन नगरी मनाली से जुड़ गया है. इस मार्ग के बहाल होते ही विश्व के टॉप टेन टूरिस्ट डेस्टिनेशन में शामिल स्पीति घाटी भी मनाली से जुड़ गई है. लोगों को सात महीने बाद कुंजुम माता के दर्शन करने को मिलेंगे.
बर्फबारी ने बढ़ाई दिक्कतें
शुरुआती दिनों में सफर संभल कर करना होगा. छोटे वाहन चालक अभी जोखिम न लें तो बेहतर रहेगा. बीआरओ ने लेह मार्ग बहाली के बाद ग्रांफू से सड़क बहाली शुरू की थी. सर्दियों में बर्फबारी कम होने के कारण बीआरओ ने स्पीति के लोसर गांव को सर्दी भर बहाल रखा, लेकिन अप्रैल मई की बर्फबारी ने बीआरओ की दिक्कत को बढ़ाया.
बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि कुंजुम दर्रे के दोनों छोर जोड़ दिए गए हैं. बीआरओ की दोनों टीमें छोटा दड़ा में मिल गई हैं. ग्रांफू समदो मार्ग पर जल्द ही वाहनों की आवाजाही सुचारू हो जाएगी. उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि अभी कुछ जगह सड़क की हालत ठीक नहीं है और बर्फ हटाने का थोड़ा सा कार्य भी शेष रह गया है. उन्होंने वाहन चालकों से आग्रह किया कि ट्रैफिक सुचारू होने में दो तीन दिन लग जाएंगे. ऐसे में अभी जल्दबाजी न करें.
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