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लाहौल स्पीति के लोवजंग येशे सेना में बने लेफ्टिनेंट, मंत्री राम लाल मारकंडा ने दी बधाई

लाहौल स्पीति घाटी के लोवजंग येशे अब सेना में लेफ्टिनेंट बन गए है. लोवजंग येशे आज सेना अकादमी देहरादून में पासिंग आउट परेड में भी शामिल हुए थे. इससे पहले लोवजंग येशे सेना में सिपाही के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे.

Lovejung Yeshe of Lahoul Spiti became lieutenant in Indian army
Lovejung Yeshe of Lahoul Spiti became lieutenant in Indian army
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Published : Dec 12, 2020, 2:10 PM IST

कुल्लूः लाहौल स्पीति घाटी के लोवजंग येशे अब सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं. इससे पहले लोवजंग येशे सेना में सिपाही के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे. लोवजंग येशे आज सेना अकादमी देहरादून में पासिंग आउट परेड में भी शामिल हुए थे. परेड में उनकी माता दिकित अंगमो, पत्नी मेंतोक डोलमा और मुनसेलिंग स्कूल के निदेशक टशी नमज्ञाल भी शिरकत की.

लाहौल स्पीति के लोवजंग येशे बने लेफ्टिनेंट

13 जनवरी 1996 को स्पीति के किब्बर गांव में जन्में लोवजंग येशे ने दसवीं तक की पढ़ाई स्पीति चिल्ड्रन होम स्कूल मुनसेलिंग से की. जमा एक और दो की पढ़ाई कांगड़ा वैली पब्लिक स्कूल धर्मशाला में करने के बाद वह भारतीय सेना में सिपाही के पद पर भर्ती हुए. इस बीच उन्होंने आगे की पढ़ाई जारी रखते हुए आज यह मुकाम हासिल किया है.

बचपन से ही देश सेवा करने की ठानी

मुनसेलिंग स्कूल के निदेशक टशी नमज्ञाल ने बताया कि लोवजंग येशे को बचपन से ही सेना में जाने का शौक था. नमज्ञाल ने कहा कि येशे ने पहला भारतीय सेना अधिकारी बनकर स्पीति का नाम रौशन किया है.

तकनीकी शिक्षा मंत्री ने दी बधाई
लोवजंग येशे को यह मुकाम हासिल करने के बाद बधाई देने वाले लोगों का तांता लगा हुआ है. इसी बीच तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. राम लाल मारकंडा ने लोवजंग येशे को बधाई दी है.

कुल्लूः लाहौल स्पीति घाटी के लोवजंग येशे अब सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं. इससे पहले लोवजंग येशे सेना में सिपाही के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे. लोवजंग येशे आज सेना अकादमी देहरादून में पासिंग आउट परेड में भी शामिल हुए थे. परेड में उनकी माता दिकित अंगमो, पत्नी मेंतोक डोलमा और मुनसेलिंग स्कूल के निदेशक टशी नमज्ञाल भी शिरकत की.

लाहौल स्पीति के लोवजंग येशे बने लेफ्टिनेंट

13 जनवरी 1996 को स्पीति के किब्बर गांव में जन्में लोवजंग येशे ने दसवीं तक की पढ़ाई स्पीति चिल्ड्रन होम स्कूल मुनसेलिंग से की. जमा एक और दो की पढ़ाई कांगड़ा वैली पब्लिक स्कूल धर्मशाला में करने के बाद वह भारतीय सेना में सिपाही के पद पर भर्ती हुए. इस बीच उन्होंने आगे की पढ़ाई जारी रखते हुए आज यह मुकाम हासिल किया है.

बचपन से ही देश सेवा करने की ठानी

मुनसेलिंग स्कूल के निदेशक टशी नमज्ञाल ने बताया कि लोवजंग येशे को बचपन से ही सेना में जाने का शौक था. नमज्ञाल ने कहा कि येशे ने पहला भारतीय सेना अधिकारी बनकर स्पीति का नाम रौशन किया है.

तकनीकी शिक्षा मंत्री ने दी बधाई
लोवजंग येशे को यह मुकाम हासिल करने के बाद बधाई देने वाले लोगों का तांता लगा हुआ है. इसी बीच तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. राम लाल मारकंडा ने लोवजंग येशे को बधाई दी है.

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