कुल्लू: जिला कुल्लू के पुरातन गांव मलाणा गांव (Malana Village of kullu) में अब ग्रामीण गांव में शराब नहीं पी सकेंगे और न ही चिकन व अंडे का सेवन कर पाएंगे. देवता जमदग्नि ऋषि के आदेशानुसार ग्रामीणों ने अब गांव में शराब व मांसाहार का सेवन न करने का निर्णय लिया है. गौर रहे कि मलाणा गांव में देवता जमदग्नि ऋषि (Jamlu Devta Temple kullu) का ही अपना अलग कानून चलता है और यहां के लोग देव आदेश को ही सर्वोपरि मानते हैं. गांव में अभी कुछ समय पूर्व ही अग्निकांड की घटना घटित हुई है जिसमें 36 घर आग की भेंट चढ़ गए थे.
इस घटना को देव प्रकोप माना जा रहा था और यह बात देवता जमलू (Devta Jamdagni Rishi) ने अपने पुजारी के माध्यम से कारदारों व ग्रामीणों को बताई कि गांव में लोग उनके कानूनों की अवहेलना कर रहे हैं. शराब के साथ ही मांस (Liquor ban in Malana village) का भी प्रयोग किया जा रहा है जिसके चलते देवता ने ग्रामीणों को अग्निकांड के रूप में सजा दी है. देवता ने अब अपने नए आदेशों में गांव में शराब व मांस (non veg ban in malana village) के प्रयोग पर पूर्ण रुप से पाबंदी लगा दी है. जिसको लेकर ग्रामीणों ने सहमति जताते हुए अब गांव में शराब व चिकन, अंडा न खाने का निर्णय लिया है. मलाणा पंचायत के प्रधान राजू राम ने बताया कि देवता के आदेशों की गांव में सख्ती से पालना की जाएगी और अवहेलना करने वालों के खिलाफ जुर्माने के रुप में 11 सौ से लेकर 11 हजार रुपये तक वसूल किया जाएगा.
इसके अलावा गांव में शराब पीने और बेचने वाले का हुक्का पानी भी बंद कर दिया जाएगा. गौर रहे कि मलाणा गांव (Malana village himachal) अपनी पुरानी लोकतांत्रिक व्यवस्था (malana village history) के लिए जाना जाता है यहां पर देवता के आदेश को ही सर्वोपरि माना जाता है. ग्रामीणों ने कोरोना वेक्सीन की डोज भी देवता की अनुमति से ही ली थी और मुख्यमंत्री ने भी देवता की अनुमति मिलने के बाद ही इस गांव में प्रवेश किया था. ऐसे में देवता जमदग्नि ऋषि का निर्णय ग्रामीणों के लिए अंतिम निर्णय होता है.
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