कुल्लू: सोमवार रात को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अंतराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कोदरे की चाय का लुत्फ उठाया. दरअसल कुल्लू दशहरे में कई स्टॉल लगे हैं, इन्हीं में से एक कोदरे यानि रागी की चाय का स्टॉल भी है. सीएम ने यहां चाय पी और कोदरे के गुण जानने के बाद कोदरे का आटा भी खरीदा. (Jai Ram Thakur enjoys Kodra tea in Kullu) (CM Jairam in Kullu Dussehra) (Ragi Tea in Kullu Dussehra)
प्रदर्शनी का अवलोकन किया: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सोमवार रात को अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में शामिल होने ढालपुर मैदान पहुंचे. इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया. किसान समूहों के अलग-अलग प्रकार के स्टॉल में जाकर उत्पादों से जुड़ी जानकारी ली. इसी दौरान वो किसान समूहों द्वारा लगाए गए मिलेट यानी छोटे अनाज के स्टॉल पर भी पहुंचे. जहां रागी की चाय का स्वाद लिया और वहां मौजूद किसानों से रागी के गुणों के बारे में जानकारी ली. (International Kullu Dussehra Festival 2022) (CM Jairam thakur sips Ragi tea)
भगवान रघुनाथ के दर्शन किए: वहीं, सीएम जयराम ठाकुर ने कुल्लू दशहरे में भगवान रघुनाथ के दर्शन भी किए. इसके अलावा उन्होंने कुल्लू के पारंपरिक सामूहिक लोक नृत्य लालड़ी में भी भाग लिया और सभी लोगों को दशहरा उत्सव की बधाई दी. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने देर रात कला केंद्र में चल रही सांस्कृतिक संध्या में भी भाग लिया. हालांकि, यहां पर तेज बारिश के कारण कुछ देर बाद ही मुख्यमंत्री सर्किट हाउस के लिए रवाना हो गए. लेकिन बारिश में भी पंजाबी कलाकार मनमिंद्र गुंटर को सुनने के लिए यहां भारी संख्या में लोग मौजूद रहे. (International Kullu Dussehra Festival 2022)
क्या होता है कोदरा: कोदरा या रागी भारत की एक पारंपरिक फसल है, जो मिलेट्स यानी छोटे अनाज की श्रेणी में आता है. जिसका सेवन हजारों सालों से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के द्वारा किया जा रहा है. हालांकि, समय के बदलाव के चलते इसकी खेती काफी कम हो गई है. भारत में कोदरा महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, तमिलनाडु के कुछ भाग, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल के कुछ भाग, बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश सहित उत्तराखंड में भी उगाया जाता है.
धान के पौधे की तरह होता कोदरा: इसे कोदों, कोदरा, हरका, वरगु, अरिकेलु, रागी जैसे नामों से भी जाना जाता है. वहीं, इसका वानस्पतिक नाम Paspalum Scrobiculatum है. कोदरे का पौधा देखने में धान के पौधे की तरह ही होता है. खास बात यह है कि इसकी खेती में धान से बहुत कम पानी की जरूरत होती है. एक अनुमान के मुताबिक 3 हजार साल पहले इसे भारत लाया गया था. इसके आटे की रोटी के साथ अन्य व्यंजन भी बनाए जाते हैं, इसे शुगर फ्री चावल के नाम से भी जानते हैं. जिसके कारण मौजूदा वक्त में इसकी मांग बढ़ी है. (Kodra Production in India) (What is Kodo Millet)
औषधीय गुणों से भरपूर है कोदरा: कोदरा कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है. कोदो के नियमित सेवन से ब्लड में उपस्थित ग्लूकोस के स्तर को कम किया जा सकता हैं, क्योंकि कोदो में मधुमेह विरोधी कंपाउंड क्वेरसेटिन, फेरुलिक एसिड, पी-हाइड्रोक्सी बेंजोइक एसिड, वैनिलिक एसिड और सिरींजिक एसिड पाया जाता हैं. इसके अलावा एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-माइक्रोबियल गतिविधि के लिए कोदो में पॉलीफेनोल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं. पॉलीफेनॉल्स मानव शरीर में पाए जाने वाले बैक्टीरिया जैसे स्टैफिलोकोकस ऑरियस, ल्यूकोनोस्ट ल्यूकोनोस्टोक मेसेन्टेरोइड्स, बेसिलस सेरेस और एंटरोकोकस फेसेलिस के खिलाफ लड़ने में सहायक होता हैं. (Benefits of kodo Millet).
इन बीमारियों के लिए रामबाण: कोदरा कई बीमारियों के लिए रामबाण भी हैं. कोदो में उच्च में फाइबर है जिससे यह वजन को बढ़ने से रोकता है. यह कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर में वृद्धि को रोकने में भी मदद करता है और वजन का प्रबंधन करने और वजन घटाने को बढ़ावा देता है. वहीं, हृदय रोग के लक्षण, उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर से पीड़ित महिलाओं के लिए कोदो बहुत फायदेमंद है. इसके अलावा यह रक्त को साफ करने, अनिद्रा में राहत देने खून को बढ़ाने, कैंसर को रोकने और बवासीर को ठीक करने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है. इसके अलावा रक्तचाप, शुगर जैसी बीमारियों को ठीक करने में ये काफी सहायक माना जाता है.
ऐसे बनाएं कोदरे की चाय: कोदरा की चाय एक बार में ही कई दिनों के लिए तैयार की जा सकती (How to make kodra tea) है. इसके लिए 250 ग्राम कोदरे का आटा लें, जिसमें आठ अखरोट के पीस, 100 ग्राम मूंगफली, 50 ग्राम बादाम को कूटकर बारीक पीस लें. इसके बाद इन बारीक की गई सामग्री को कोदरे के आटे में सही तरीके से मिक्स कर लें और 150 ग्राम देसी घी के साथ धीमी आंच में भून लें. इसमें फिर मीठे के लिए शक्कर मिक्स करें. ऐसे में रोजाना दूध या पानी के कप में एक चम्मच मिलाकर कोदरे की चाय पी जा सकती है.
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