कुल्लू: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Assembly Elections 2022) का रण अब धीरे-धीरे चरम पर पहुंचने लगा है. हालांकि विधानसभा चुनाव में अभी कुछ महीने शेष हैं, लेकिन प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं. भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता जनता के बीच पहुंचने लगे हैं. ऐसे में यह जानना काफी महत्वपूर्ण हो जाता है कि आखिर सूबे के किस विधानसभा क्षेत्र में जनता को क्या-क्या परेशानी पेश आ रही है. क्षेत्र में अब तक क्या विकास हुए हैं और लोग अपने वर्तमान विधायक से संतुष्ट हैं या नहीं. विधानसभा चुनाव से पहले ETV भारत प्रदेश के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों के सूरत-ए-हाल से रू-ब-रू (assembly election 2022 seat scan) कराने जा रहा है....
हिमाचल में अब कुछ महीने में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में जहां राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं, तो वहीं आमजन के बीच भी अब एक बार फिर से चर्चाओं का दौर जारी हो गया है कि आखिर अब की बार किस उम्मीदवार की किस्मत चमकती है. कुल्लू जिले में 4 विधानसभा क्षेत्र हैं और कुल्लू विधानसभा क्षेत्र जिला का मुख्यालय होने के चलते विभिन्न दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है.
पर्यटन की दृष्टि से कुल्लू महत्वपूर्ण: कुल्लू विधानसभा क्षेत्र (Kullu Assembly Constituency) जहां राजनीतिक चर्चाओं का विषय बना रहता है. वहीं, यह धार्मिक व पर्यटन की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है. कुल्लू विधानसभा की अगर बात करें तो यहां पर लग घाटी, मणिकर्ण घाटी व खराहल घाटी प्रमुख रूप से आती है. यह तीनों ही घटियां धार्मिक पर्यटन के लिए वे काफी मशहूर हैं, लेकिन तीनों ही घाटियों में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से कोई खास कार्य नहीं हो पाया है. खराहल घाटी में भगवान बिजली महादेव का मंदिर स्थित है. तो वहीं मणिकर्ण में राम मंदिर और यहां के गर्म पानी के चश्मे भी देश दुनिया में मशहूर हैं. इसके अलावा लग घाटी के कई ऐसे प्राकृतिक स्थल हैं जो आज भी अपने सौंदर्यीकरण की बाट जोह रहे हैं.
88,957 मतदाता करेंगे मतदान: विधानसभा क्षेत्र कुल्लू (Kullu assembly seat) की अगर बात करें तो इस समय यहां पर 1 लाख 41 हजार 965 की जनसंख्या निर्वाचन आयोग के पास दर्ज है. ऐसे में अब की बार यहां पर 45 हजार 112 पुरुष मतदाता और 43 हजार 840 महिला मतदाता अपने वोट का प्रयोग करेंगे. इसके अलावा अबकी बार एक ट्रांसजेंडर वोट भी निर्वाचन आयोग के पास दर्ज हुआ है. ऐसे में 88 हजार 957 मतदाता कुल्लू विधानसभा क्षेत्र से राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों की किस्मत को तय करेंगे.
2017 का चुनावी गणित: कुल्लू विधानसभा के 2017 के चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवार सुंदर सिंह ठाकुर को 31423 वोट मिले थे और वो कुल्लू से विधायक चुने गए हैं. तो वहीं भाजपा की ओर से महेश्वर सिंह को 29885 वोट मिले थे. इस दौरान दो आजाद उम्मीदवारों में से रेणुका डोगरा को 469 और कमल कांत शर्मा को 243 वोट मिले थे. वहीं, 2017 के चुनाव में 407 वोट नोटा को भी हासिल हुए थे.
2012 का चुनावी गणित: इससे पहले साल 2012 के विधानसभा चुनावों में हिलोपा के उम्मीदवार महेश्वर सिंह को 18582 वोट मिले थे और उनकी जीत हुई थी, जबकि भाजपा की ओर से उम्मीदवार राम सिंह को 15597 वोट हासिल हुए तथा कांग्रेस के उम्मीदवार सुंदर सिंह ठाकुर को 14830 वोट हासिल हुए थे. वहीं, आजाद उम्मीदवार प्रेमलता ठाकुर को 7256 वोट हासिल हुए थे. साल 2017 के चुनावों में कुल्लू निर्वाचन क्षेत्र में 75.79 प्रतिशत मतदान हुआ था. उस समय निर्वाचन क्षेत्र में कुल 81,653 मतदाता थे, जिनमें 41766 पुरुष और 39887 महिलाएं शामिल रहीं.
पिछले 2 बार से विपक्ष में बैठ रहा कुल्लू का विजयी उम्मीदवार: कुल्लू विधानसभा की अगर बात करें तो यहां पर भी लंबे समय से हर बार अलग-अलग पार्टी से उम्मीदवारों की जीत तय होती रही है. कुल्लू विधानसभा में बीते 2 विधानसभा चुनावों से यह देखा गया है कि जो भी कुल्लू का विधायक बनता है वह हमेशा विपक्ष में ही रहता है. साल 2012 के विधानसभा चुनावों में भाजपा से नाराज हुए महेश्वर सिंह ने हिलोपा पार्टी का गठन किया. उन्होंने भी हिलोपा पार्टी से यहां चुनाव जीता और भाजपा के उम्मीदवार रामसिंह व कांग्रेस के उम्मीदवार सुंदर सिंह ठाकुर को हार का मुंह देखना पड़ा. उस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी. उसके बाद साल 2017 के चुनावों में भाजपा ने महेश्वर सिंह पर दांव खेला और कांग्रेस ने एक बार फिर से सुंदर सिंह ठाकुर को विधानसभा का टिकट दिया. वहीं, 2017 के चुनावों में सुंदर सिंह ठाकुर ने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की, लेकिन प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी. जिस कारण एक बार फिर से विधायक सुंदर ठाकुर को विपक्ष की भूमिका अदा करनी पड़ी.
ये हैं यहां के चुनावी मुद्दे और जनता की प्रमुख समस्याएं: कुल्लू विधानसभा क्षेत्र में हर बार चुनावों के दौरान लग घाटी को विकसित करने, कुल्लू के विभिन्न इलाकों पर्यटन की दृष्टि से बेहतरीन बनाने और भुंतर से मणिकर्ण सड़क का मुद्दा हर बार प्रमुखता से रखा जाता है. भुंतर से मणिकर्ण तक सड़क काफी जगह तंग (Road Problem in Kullu Assembly Constituency) है और यहां पर गर्मियों के दौरान बड़े बसों को जाने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कुल्लू विधानसभा में पर्यटन के दृष्टि से कोई खास कार्य नहीं हो पाया. इसके अलावा बिजली महादेव सड़क की विस्तारीकरण का कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है. वहीं, धार्मिक पर्यटन को यहां कोई खास पहचान नहीं मिल पाई है. हालांकि प्रदेश सरकार के द्वारा लगघाटी के विभिन्न इलाकों को 'नई राहें, नई मंजिलें' के तहत चिन्हित तो किया लेकिन इतने साल बीतने के बाद भी वहां पर अभी तक नए पर्यटन स्थल चिन्हित नहीं हो पाए हैं.
क्या हैं स्थानीय लोगों की मांगें: वहीं, कुल्लू विधानसभा क्षेत्र के लोगों का कहना है कि कुल्लू का नाम देश दुनिया में अपने पर्यटन के लिए विकसित है, लेकिन कांग्रेस या बीजेपी अपने अपने समय में कभी भी इसे पर्यटन के रूप में विकसित नहीं कर पाई. उन्होंने कहा कि कुल्लू विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कई पर्यटन स्थल हैं, लेकिन पर्यटकों को इसकी जानकारी का अभाव है और पर्यटक सीधे मनाली का रुख करते हैं. अगर यहां कुल्लू विधानसभा क्षेत्र के पर्यटन स्थलों की जानकारी भी पर्यटकों (Tourist Places in Kullu Assembly Constituency) को मुहैया करवाई जाए और वहां पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाएं जुटाई जाए तो मनाली के अलावा पर्यटक कुल्लू विधानसभा क्षेत्र में भी घूमने के लिए पहुंचेंगे. इससे यहां के स्थानीय लोगों को भी कारोबार मिलेगा. वहीं, हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों में मेडिकल कॉलेज भी स्थापित किए गए हैं, लेकिन कुल्लू जिले में इलाज के लिए मंडी जिले का क्षेत्र, लाहौल स्पीति व पांगी का क्षेत्र पड़ता है. ऐसे में अगर यहां मेडिकल कॉलेज खोला जाए तो इससे मरीजों को भी काफी राहत मिलेगी.
चुनाव से पहले महेश्वर सिंह का कांग्रेस विधायक पर आरोप: कुल्लू विधानसभा के पूर्व विधायक रहे महेश्वर सिंह का कहना है कि वर्तमान विधायक सुंदर ठाकुर प्रदेश सरकार के कार्यों को अपनी प्राथमिकता बताने में जुटे हुए हैं. जबकि कुल्लू विधानसभा क्षेत्र में जिस विकास कार्य को गति मिली है वह भाजपा कार्यकर्ताओं के आग्रह पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के द्वारा की गई है. विधायक अपने विकास कार्यों की लिस्ट आम जनता के बीच जारी करें ताकि पता चल सके कि कौन से कार्य उन्होंने करवाए हैं और कौन से कार्य पूरा करवाने में प्रदेश सरकार का सहयोग रहा है. विधायक अपने कार्यकाल में सिर्फ जनता को गुमराह करने में ही लगे रहे जबकि विकास कार्यों में उनका अपना कोई योगदान नहीं रहा.
कुल्लू से कांग्रेस विधायक की दलील: वहीं, कुल्लू के कांग्रेस विधायक सुंदर ठाकुर (Kullu Congress MLA Sundar Thakur) ने बताया कि खराहल घाटी में पीने के पानी की काफी समस्या थी. खराहल घाटी में पेयजल योजना को उन्होंने अपनी प्राथमिकता से रखा था और अब 10 करोड़ रुपये से अधिक की राशि उस पर खर्च की जा रही है. इससे खराहल घाटी की 9 पंचायतों को पीने की पानी की समस्या का सामना नहीं करना होगा. इसके अलावा हर घाटी में बड़े-बड़े सदन का निर्माण किया जा रहा है. ताकि घाटी के लोगों को अपने आयोजन करवाने में किसी प्रकार की दिक्कत ना उठानी पड़े.
इसके अलावा कुल्लू विधानसभा क्षेत्र के हर महिला मंडल व युवक मंडल के साथ ही बैठक की गई है और उन्हें उनकी जरूरत का सामान भी मुहैया करवाया गया है. ताकि उन्हें अपने आयोजन करवाने में परेशानियों का सामना न करना पड़े. विधायक सुंदर ठाकुर ने कहा कि आने वाले समय में उनका प्रयास रहेगा कि कुल्लू में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना हो. ताकि इलाज के लिए जिला कुल्लू की जनता को बाहरी राज्यों का रुख न करना पड़े.