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कारगिल शहीदों की याद में गुलाबा में बनेगी वाटिका, वन मंत्री गोविंद ठाकुर ने किया शिलान्यास - Forest minister

वन मंत्री गोविंद ठाकुर मनाली के गुलाबा से पांच दिवसीय पौधरोपड़ अभियान का शुभारंभ किया है. इसी कड़ी में 20 से 24 जुलाई तक प्रदेश भर में चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत लगभग 9000 हैक्टेयर भूमि पर 25 लाख पौधे लगाए जाएंगे.

Garden to be made in the memory of Kargil martyr in Gulaba
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Published : Jul 21, 2019, 9:21 AM IST

कुल्लू: वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश के वन आवरण को बढ़ाकर 37 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए वन विभाग एक सुनियोजित रणनीति के तहत कार्य कर रहा है. वन मंत्री मनाली के निकट गुलाबा में लगभग 35 लाख रुपये की लागत बनने वाली प्रकृति वाटिका के शिलान्यास और जिला स्तरीय वन महोत्सव के शुभारंभ के बाद जनसभा को संबोधित कर रहे थे.

हिमाचल प्रदेश के कुल क्षेत्रफल में से 66 प्रतिशत वन भूमि है और राज्य का वन आवरण कुल 27.12 प्रतिशत है. प्रदेश का 15,100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र जंगलों से ढका है. इसमें से 3110 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में घने जंगल हैं, जबकि 6705 वर्ग किलोमीटर में कम घने जंगल हैं. 5285 वर्ग किलोमीटर खुले जंगल हैं. वन विभाग इस क्षेत्र को घने जंगलों में बदलने के लिए तेजी से कार्य कर रहा है. इसी कड़ी में 20 से 24 जुलाई तक प्रदेश भर में चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत लगभग 9000 हैक्टेयर भूमि पर 25 लाख पौधे लगाए जाएंगे.

पिछले साल भी इसी अभियान के तहत लगभग साढ़े 17 लाख पौधे लगाए गए थे. जिनमें से करीब 70 प्रतिशत यानि लगभग 13 लाख पौधे सुरक्षित हैं. पौधों की यह सफलता दर बहुत अच्छी है. वन मंत्री ने बताया कि यह पौधारोपण अभियान सुनियोजित ढंग से चलाया जा रहा है और रोपण के बाद पौधों की रक्षा एवं देखभाल सुनिश्चित करने के लिए आम लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है. प्रदेश भर में पौधारोपण के लिए लगभग 670 स्थान चिह्नित किए गए हैं और इन स्थानों पर पौधारोपण अभियान से पहले ही गड्ढे खोदे गए हैं और उचित बाड़बंदी भी सुनिश्चित की जा रही है.

गोविंद सिंह ने कहा कि भारत में जल, जंगल और जमीन की पूजा की जाती है और पेड़-पौधों का संरक्षण हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है. उन्होंने कहा कि वनों के संरक्षण और अधिक से अधिक पौधारोपण में आम जनता का सहयोग अत्यंत आवश्यक है. वन विभाग का यह अभियान आम लोगों के सहयोग के बगैर कामयाब नहीं हो सकता है. इसलिए हर नागरिक को इसमें अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि विकास की दौड़ में जंगलों का संरक्षण एक बहुत बड़ी चुनौती है. वन न केवल हमें स्वच्छ वातावरण देते हैं, बल्कि पर्यटन उद्योग को बल प्रदान करते हैं तथा जमीन का संरक्षण भी करते हैं.

गुलाबा में प्रकृति वाटिका के निर्माण की चर्चा करते हुए गोविंद सिंह ने बताया कि इस वाटिका में विभिन्न प्रजातियों के पेड़ लगाने के साथ-साथ पर्यटकों के लिए कई सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी. यह वाटिका कारगिल युद्ध के शहीदों को समर्पित की जाएगी, क्योंकि कारगिल युद्ध के समय भारतीय सैनिक गुलाबा के रास्ते ही सरहद के लिए रवाना हुए थे.

इस अवसर पर सड़क सुरक्षा का भी संदेश देते हुए गोविंद सिंह ने कहा कि प्रति वर्ष देशभर में लाखों लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं. इनमें से 90 प्रतिशत युवा होते हैं तथा एक अध्ययन के अनुसार 90 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं नशे या मानवीय गलती के कारण ही होती है. इसलिए युवाओं को वाहन चलाते समय विशेष ऐहतियात बरतनी चाहिए. उन्होंने अभिभावकों से अपने बच्चों नशे से दूर रखने तथा सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने की अपील भी की.

कुल्लू: वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश के वन आवरण को बढ़ाकर 37 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए वन विभाग एक सुनियोजित रणनीति के तहत कार्य कर रहा है. वन मंत्री मनाली के निकट गुलाबा में लगभग 35 लाख रुपये की लागत बनने वाली प्रकृति वाटिका के शिलान्यास और जिला स्तरीय वन महोत्सव के शुभारंभ के बाद जनसभा को संबोधित कर रहे थे.

हिमाचल प्रदेश के कुल क्षेत्रफल में से 66 प्रतिशत वन भूमि है और राज्य का वन आवरण कुल 27.12 प्रतिशत है. प्रदेश का 15,100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र जंगलों से ढका है. इसमें से 3110 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में घने जंगल हैं, जबकि 6705 वर्ग किलोमीटर में कम घने जंगल हैं. 5285 वर्ग किलोमीटर खुले जंगल हैं. वन विभाग इस क्षेत्र को घने जंगलों में बदलने के लिए तेजी से कार्य कर रहा है. इसी कड़ी में 20 से 24 जुलाई तक प्रदेश भर में चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत लगभग 9000 हैक्टेयर भूमि पर 25 लाख पौधे लगाए जाएंगे.

पिछले साल भी इसी अभियान के तहत लगभग साढ़े 17 लाख पौधे लगाए गए थे. जिनमें से करीब 70 प्रतिशत यानि लगभग 13 लाख पौधे सुरक्षित हैं. पौधों की यह सफलता दर बहुत अच्छी है. वन मंत्री ने बताया कि यह पौधारोपण अभियान सुनियोजित ढंग से चलाया जा रहा है और रोपण के बाद पौधों की रक्षा एवं देखभाल सुनिश्चित करने के लिए आम लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है. प्रदेश भर में पौधारोपण के लिए लगभग 670 स्थान चिह्नित किए गए हैं और इन स्थानों पर पौधारोपण अभियान से पहले ही गड्ढे खोदे गए हैं और उचित बाड़बंदी भी सुनिश्चित की जा रही है.

गोविंद सिंह ने कहा कि भारत में जल, जंगल और जमीन की पूजा की जाती है और पेड़-पौधों का संरक्षण हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है. उन्होंने कहा कि वनों के संरक्षण और अधिक से अधिक पौधारोपण में आम जनता का सहयोग अत्यंत आवश्यक है. वन विभाग का यह अभियान आम लोगों के सहयोग के बगैर कामयाब नहीं हो सकता है. इसलिए हर नागरिक को इसमें अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि विकास की दौड़ में जंगलों का संरक्षण एक बहुत बड़ी चुनौती है. वन न केवल हमें स्वच्छ वातावरण देते हैं, बल्कि पर्यटन उद्योग को बल प्रदान करते हैं तथा जमीन का संरक्षण भी करते हैं.

गुलाबा में प्रकृति वाटिका के निर्माण की चर्चा करते हुए गोविंद सिंह ने बताया कि इस वाटिका में विभिन्न प्रजातियों के पेड़ लगाने के साथ-साथ पर्यटकों के लिए कई सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी. यह वाटिका कारगिल युद्ध के शहीदों को समर्पित की जाएगी, क्योंकि कारगिल युद्ध के समय भारतीय सैनिक गुलाबा के रास्ते ही सरहद के लिए रवाना हुए थे.

इस अवसर पर सड़क सुरक्षा का भी संदेश देते हुए गोविंद सिंह ने कहा कि प्रति वर्ष देशभर में लाखों लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं. इनमें से 90 प्रतिशत युवा होते हैं तथा एक अध्ययन के अनुसार 90 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं नशे या मानवीय गलती के कारण ही होती है. इसलिए युवाओं को वाहन चलाते समय विशेष ऐहतियात बरतनी चाहिए. उन्होंने अभिभावकों से अपने बच्चों नशे से दूर रखने तथा सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने की अपील भी की.

Intro:कुल्लू
37 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा वन आवरण: गोविंद सिंह
वन मंत्री ने गुलाबा से किया 5 दिवसीय पौधारोपण अभियान का शुभारंभBody:
35 लाख रुपये से बनने वाली प्रकृति वाटिका का भी किया शिलान्यास
वन, परिवहन, युवा सेवाएं व खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश के वन आवरण को बढ़ाकर 37 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है और इस लक्ष्य हो हासिल करने के लिए वन विभाग एक सुनियोजित रणनीति के तहत कार्य कर रहा है। वन मंत्री मनाली के निकट गुलाबा में लगभग 35 लाख रुपये की लागत बनने वाली प्रकृति वाटिका के शिलान्यास और जिला स्तरीय वन महोत्सव के शुभारंभ के बाद जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के कुल क्षेत्रफल में से 66 प्रतिशत वन भूमि है और राज्य का वन आवरण कुल 27.12 प्रतिशत है। प्रदेश का 15,100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र जंगलों से ढका है। इसमें से 3110 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में घने जंगल हैं, जबकि 6705 वर्ग किलोमीटर में कम घने जंगल हैं। 5285 वर्ग किलोमीटर खुले जंगल है। वन विभाग इस क्षेत्र को घने जंगलों में बदलने के लिए तेजी से कार्य कर रहा है। इसी कड़ी में 20 से 24 जुलाई तक प्रदेश भर में चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत लगभग 9000 हैक्टेयर भूमि पर 25 लाख पौधे लगाए जाएंगे। पिछले वर्ष भी इसी अभियान के तहत लगभग साढे 17 लाख पौधे लगाए गए थे जिनमें से करीब 70 प्रतिशत यानि लगभग 13 लाख पौधे सुरक्षित हैं। पौधों की यह सफलता दर बहुत अच्छी है। वन मंत्री ने बताया कि यह पौधारोपण अभियान सुनियोजित ढंग से चलाया जा रहा है और रोपण के बाद पौधों की रक्षा एवं देखभाल सुनिश्चित करने के लिए आम लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश भर में पौधारोपण के लिए लगभग 670 स्थान चिह्नित किए गए हैं और इन स्थानों पर पौधारोपण अभियान से पहले ही गड्ढे खोदे गए हैं तथा उचित बाड़बंदी भी सुनिश्चित की जा रही है।
गोविंद सिंह ने कहा कि भारत में जल, जंगल और जमीन की पूजा की जाती है और पेड़-पौधों का संरक्षण हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है। उन्होंने कहा कि वनों के संरक्षण और अधिक से अधिक पौधारोपण में आम जनता का सहयोग अत्यंत आवश्यक है। वन विभाग का यह अभियान आम लोगों के सहयोग के बगैर कामयाब नहीं हो सकता है। इसलिए हर नागरिक को इसमें अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विकास की दौड़ में जंगलों का संरक्षण एक बहुत बड़ी चुनौती है। वन न केवल हमें स्वच्छ वातावरण देते हैं, बल्कि पर्यटन उद्योग को बल प्रदान करते हैं तथा जमीन का संरक्षण भी करते हैं।
गुलाबा में प्रकृति वाटिका के निर्माण की चर्चा करते हुए गोविंद सिंह ने बताया कि इस वाटिका में विभिन्न प्रजातियों के पेड़ लगाने के साथ-साथ पर्यटकों के लिए कई सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। यह वाटिका कारगिल युद्ध के शहीदों को समर्पित की जाएगी, क्योंकि कारगिल युद्ध के समय भारतीय सैनिक गुलाबा के रास्ते ही सरहद के लिए रवाना हुए थे।
Conclusion:इस अवसर पर सड़क सुरक्षा का भी संदेश देते हुए गोविंद सिंह ने कहा कि प्रतिवर्ष देशभर में लाखों लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं। इनमें से 90 प्रतिशत युवा होते हैं तथा एक अध्ययन के अनुसार 90 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं नशे या मानवीय गलती के कारण ही होती हैं। इसलिए युवाओं को वाहन चलाते समय विशेष ऐहतियात बरतनी चाहिए। उन्होंने अभिभावकों से अपने बच्चों नशे से दूर रखने तथा सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने की अपील भी की।
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