कुल्लू: हिमाचल की शांत वादियों में अगर आप घूमने का मन बना रहे हैं तो भारत का सबसे खूबसूरत राज्य हिमाचल आपका इंतजार कर रहा है. वहीं, हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला के पर्यटन नगरी मनाली (Famous tourist places in Kullu Manali ) जहां देश दुनिया के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं, तो वहीं जिला कुल्लू में कई ऐसे पर्यटन स्थल है. जहां पर प्राकृतिक सौंदर्य का सैलानी आनंद ले सकते हैं और अपनी छुट्टियों को भी यादगार बना सकते हैं. इसके अलावा अटल टनल बनने के बाद लाहौल घाटी की राह भी आसान हुई है और लाहौल के पर्यटन स्थल भी सैलानियों के स्वागत के लिए तैयार हैं.
देश के प्रसिद्ध हिल स्टेशनों में से एक है मनाली: मनाली देश के सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशनों में से एक (Famous tourist places in himachal ) है. गर्मियों में बर्फ से ढका 13050 फीट ऊंचा रोहतांग, मनमोहक नजारे, हरे-भरे जंगल, खूबसूरत झीलें, शुद्ध हवा यहां की खासियत है. मनाली टूअर आपके मन को शांति प्रदान करने के साथ-साथ आपकी यात्रा को रोमांच से भी भरेगा. मनाली के पर्यटन स्थल आपको सौंदर्य में लीन करने के साथ-साथ ट्रैकिंग, पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग जैसी अनेकों साहसिक गतिविधियों का भरपूर आनंद भी दिलवाएंगे. कुल्लू-मनाली और लाहौल में घूमने आने वाले पर्यटकों को हम बेहद खूबसूतर डेस्टिनेशन के बारे में बताने जा रहे हैं.
रोहतांग दर्रा मनाली का अभिन्न अंग: 13050 फीट की ऊंचाई पर स्थित रोहतांग दर्रा मनाली का अभिन्न अंग है. यह देश का ऐसा पर्यटन स्थल है जो जून में भी सैलानियों को बर्फ से रूबरू करवाता है. यहां दर्रे के दृश्य आपको अचंभित करेंगे. मनाली के कोठी से लेकर रोहतांग तक के अतुलनीय नजारें आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे. इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि यहां जून में पांच हजार से अधिक वाहन पहुंचे थे. हालांकि एनजीटी के निर्देश के बाद अब मात्र 1200 पर्यटक वाहनों को ही जाने की अनुमति है, लेकिन हिमाचल आ रहे हैं तो इस दर्रे के दीदार करना न भूलें, मनाली से इसकी दूरी 50 किलोमीटर है.
दर्शनीय स्थलों में महत्वपूर्ण है माता हिडिंबा मंदिर: मनाली स्थित माता हिडिंबा का यह मंदिर मनाली के दर्शनीय स्थलों का महत्वपूर्ण हिस्सा है. हिडिम्बा मंदिर भीम की पत्नी हिडिम्बा को समर्पित है. यह बाकि मंदिरों की तुलना में एकदम भिन्न है. इसका प्रवेश द्वार लकड़ी से बना है और इसकी छत एक छतरी के आकार की है. मनु ऋषि का मंदिर मनु ऋषि से जुड़ा है. मान्यता है कि पृथ्वी पर जब प्रलय आई थी तो मनु महाराज की नाव मनाली आकर रुकी थी. वहीं, ऋषि वशिष्ठ का मंदिर ऋषि वशिष्ठ से जुड़ा है. ऋषि वशिष्ठ ने यहां तपस्या की थी. यह मंदिर भी ऐतिहासिक है और धार्मिक आस्था का केंद्र है. यह सभी मंदिर शांतिप्रिय यात्रियों के लिए एकदम उचित माने जाते है. हर तरफ शांति का माहौल व देवदार के लंबे-लंबे पेड़ों का जाल बेहद खूबसूरत नजारा बनाता है. सभी मंदिर मनाली शहर से जुड़े हुए हैं और दो तीन किमी की दूरी पर हैं.
सोलंग साहसिक खेलों का हब: मनाली शहर आकर सबसे पहले आप सोलंग घूमने का आनंद उठा सकते हैं. यह पर्यटन स्थल साहसिक खेलों का हब है. यहां आकर आप पैराग्लाइडिंग, घुड़सवारी, रोपवे, माउंटेन बाइक, स्नो स्कूटर जैसी गतिविधि का आनंद उठा सकते हैं. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोलंग नाला में पैराग्लाइडिंग का आनंद लिया था. सोलंग घाटी मनाली से 12 किलोमीटर दूरी पर ही है. यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है.
गुरुद्वारा हिंदुओं व सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल: जिला कुल्लू का मणिकर्ण पार्वती नदी के तट पर बसा हुआ है. यहां स्थित ऐतिहासिक मणिकर्ण गुरुद्वारा (Historic Manikarn Gurdwara of Manikarn) हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है. गुरुद्वारा हिंदुओं व सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल है. गर्म पानी के कुंड में डुबकी लगाकर आपको पवित्रता का एहसास होने लगेगा. सिखों की यह मान्यता है कि गुरु नानक जी ने यहां अनेकों चमत्कार किए. वहीं, हिन्दुओं की मान्यता यह है कि यहां शिव और पार्वती रहा करते थे. इसलिए मनाली के पर्यटन स्थल में इसकी बहुत मान्यता है. आस-पास का वातावरण शांति और आध्यात्मिकता में लिप्त रहता है. मणिकर्ण कुल्लू से चालीस किलोमीटर दूर है.
नग्गर भी सैलानियों की पहली पसंद: जिला कुल्लू की राजधानी रही नग्गर भी सैलानियों की पहली पसंद है. यहां जगत पट्ट व करोड़ों देवी देवताओं का वास भी है. धार्मिक पर्यटन स्थल होने के साथ साथ यह स्थल निकोलस रोरिक से भी जुड़ा है. रौरिक आर्ट गैलरी भी यहां आने वाले पर्यटकों की पसंद रहती है. यहां आकर सैलानी मंत्रमुग्ध हो जाते हैं.
रोहतांग दर्रे के नीचे पीर पंजाल की पहाड़ी को भेदकर बनाई अटल टनल रोहतांग के भी दीदार करने का मौका मिलेगा. यह टनल भारतीय इंजीनियरिंग का नमूना है. नौ किलोमीटर इस टनल को पार करने में दस मिनट का समय लगता है. पर्यटक यहां रुककर इसके निर्माण की विधि से भी अवगत हो सकते हैं. अटल टनल द्वारा 10 मिनट में कुल्लू की ब्यूटीफुल वादियों से लाहौल की वंडरफुल वादियों में पहुंच जाते हैं. मनाली से अटल टनल की दूरी 18 किलोमीटर है.
बौद्धों और हिंदुओं के लिए आस्था का प्रतीक त्रिलोकीनाथ मंदिर: अटल टनल बनने से लाहौल घाटी के त्रिलोकीनाथ व मृकुला मंदिर में पहुंचना आसान हुआ है. मनाली रहकर आप आसानी से दिन के समय दोनों मंदिर में घूम सकते हैं. त्रिलोकीनाथ मंदिर बौद्धों और हिंदुओं दोनों के बीच धार्मिक महत्व रखता है. मंदिर गांव में एक चट्टान पर स्थित है. कुल्लू मनाली आने वाले पर्यटक यहां आसानी से पहुंच सकते हैं. त्रिलोकीनाथ के दर्शन कर आप सीधे किशोरी गांव होकर माता मृकला मंदिर पहुंच सकते हैं. दोनों देवताओं का आशीर्वाद लेकर शाम को वापस मनाली आ सकते हैं. हालांकि उदयपुर में भी रहने की व्यवस्था है. यह मनाली से 110 किलोमीटर दूर है.
लाहौल स्पीति के पर्यटन स्थल चन्द्रताल व कुंजम दर्रा दोनों आसपास हैं. दोनों पर्यटन स्थल लाहौल से काजा की ओर जाने वाले रास्ते मे पड़ते हैं. चंद्रताल झील को हिमालय में लगभग 4300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सबसे खूबसूरत झीलों में गिना जाता है. ये झील एडवेंचर का शौक रखने वाले कई पर्यटकों को आकर्षित करती है.
यहां है दुनिया का दूसरा सबसे लंबा ग्लेशियर: कुंजुम दर्रा सबसे ऊंचे पर्वत दर्रों में से एक है. यहां आप आसानी से मोटर बाइक चला सकते हैं. ये समुद्र तल से 4,551 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहां आप कुंजुम ला बारा-शिगरी ग्लेशियर (Kunzum La Bara-Shigri Glacier) (दुनिया का दूसरा सबसे लंबा ग्लेशियर), चंद्रभागा रेंज और स्पीति घाटी का शानदार दृश्य देख सकते हैं. यहां से आप चंद्रताल झील के लिए 9 किलोमीटर की ट्रैकिंग का मजा भी ले सकते हैं. चंद्रताल मनाली से 140 किलोमीटर दूर है. पर्यटक आसानी से एक दिन में यहां घूम कर वापस मनाली पहुंच सकते हैं.
लाहौल स्पीति की खूबसूरत तस्वीरें: जिला लाहौल स्पीति कानकाजा स्पीति का मुख्यालय है. यह स्पीति नदी के बाढ़ग्रस्त मैदानों पर स्थित है. लुभावने नजारों के अलावा यहां विश्राम गृह, होटल, स्वास्थ्य केंद्र और बाजार जैसी सुविधाएं भी मौजूद हैं. इस शहर में आकर हर पर्यटक शांति महसूस करता है. स्पीति के सभी पर्यटन स्थल काजा के आसपास ही हैं. यहां किह गोंपा, ढंखर गोंपा जैसे ऐतिहासिक गोंपाओं के आप दीदर कर सकते हैं. इन पर्यटन स्थलों में विलुप्त प्रजातियों के जीव जंतु स्नो लेपर्ड व आइबेक्स आसानी से दिख जाते हैं.
लाहौल स्पीति के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल: लाहौल और स्पीति जिले के ठंडे रेगिस्तानी क्षेत्र के बीच स्थित, पिन वैली नेशनल पार्क प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग (Famous tourist places in lahaul spiti) है. एडवेंचर का शौक रखने वालों के लिए भी पिन वैली नेशनल ट्रैक बेस्ट जगह है. 11,500 फीट से 18000 फीट की ऊंचाई पर स्थित, पिन वैली पार्क को 1987 में वन्यजीव पार्क के रूप में गठित किया गया था. वन्यजीव पार्क के अलावा, पिन वैली पार्क ट्रैक प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है. यहां आप कई एडवेंचरस एक्टिविटीज का लुत्फ उठा सकते हैं. काजा करीब दो सौ और पिन वैली 250 किलोमीटर दूर है, यहां जाने के लिए आप लंबा टूअर प्लान बना सकते हैं.