कुल्लू: कोरोना महामारी के चलते चार महीनों से एचआरटीसी की 24 इलेक्ट्रिक बसें कुल्लू और मनाली में खड़ी हैं, जिससे एचआरटीसी को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. साथ ही बिजली बोर्ड ने एचआरटीसी कुल्लू को बसों की चार्जिंग का करीब 14 लाख का बिल थमाया है, जिससे विभाग सदमे में है.
हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम में कार्यरत अधिकारियों के अनुसार इलेक्ट्रिक बसें मनाली और कुल्लू में चार्ज की जाती हैं. जिसमें से मनाली में कुल सात प्वाइंट हैं और उसमें से पांच संचालित हैं, जबकि कुल्लू में पांच चार्जिंग प्वाइंटों में तीन संचालित हैं. ऐसे में कुल्लू का दस लाख और मनाली का चार लाख रुपये बिजली का बिल कैसे आया है.
एचआरटीसी कुल्लू के आरएम डीके नारंग ने बताया कि निगम बिजली बोर्ड की ओर से जारी बिल से संतुष्ट नहीं है, क्योंकि जब उनकी सभी 25 बसें खड़ी रहीं तो इतना भारी-भरकम बिल कैसे आ गया. उन्होंने कहा कि इस संबंध में सुंदरनगर से एक तकनीकी टीम बुलाई गई है, जो इलेक्ट्रिक बसों के चार्जिंग प्वाइंटों की जांच करेगी.
डीके नारंग ने बताया कि फिलहाल विभाग द्वारा 6 लाख रुपये देकर बिल का भुगतान कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड के अधिकारियों के सामने मांग रखी गई है कि मीटर की जांच की जाए, ताकि ज्यादा बिल आने के कारणों का पता चल सके.
गौर रहे कि महामारी के कारण घोषित हुए लॉकडाउन में भी कुल्लू का एचआरटीसी विभाग घाटे में चल रहा है. ऐसे में लाखों अब बिजली विभाग द्वारा लाखों रुपये का बिल दिए जाने से एचआरटीसी विभाग सदमे में है. वहीं, कोरोना के चलते बसों को रोहतांग के लिए नहीं भेजा गया है, जबकि वर्तमान में सिर्फ एक ही इलेक्ट्रिक बस चल रही है.
ये भी पढ़ें: पांवटा साहिब के NH 707 पर हुआ भूस्खलन, 1 घंटे थमे रहे वाहनों के पहिए