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कुल्लू में 35 हजार सेब के पौधों पर सूखे की मार, आनी और निरमंड में ज्यादा नुकसान

कुल्लू में सूखे के चलते बागवानों को नुकसान होना शुरू हो गया है. सेब बागवानों के लगाए गए अर्ली वैरायटी सेब के पौधे बारिश न होने के चलते सूख रहे और नमी ना होने के चलते अब तक 35 हजार सेब के पौधों को नुकसान हो (Effect of drought on apple plants in Kullu) पहुंचा है. बागवानी विभाग के सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ. विभाग के पास पहले सेब के पौधों के मुरझाने की शिकायतें आ रही थी,लेकिन जब विभाग की टीम ने बागवानी बहुल इलाकों का दौरा किया तो पाया कि बारिश व नमी ना होने के चलते 35000 पौधे सूख गए.

Effect of drought on apple plants in Kullu
आनी और निरमंड में ज्यादा नुकसान
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Published : May 3, 2022, 2:26 PM IST

कुल्लू: सूखे के चलते बागवानों को नुकसान होना शुरू हो गया है. सेब बागवानों के लगाए गए अर्ली वैरायटी सेब के पौधे बारिश न होने के चलते सूख रहे और नमी ना होने के चलते अब तक 35 हजार सेब के पौधों को नुकसान हो (Effect of drought on apple plants in Kullu) पहुंचा है. बागवानी विभाग के सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ. विभाग के पास पहले सेब के पौधों के मुरझाने की शिकायतें आ रही थी,लेकिन जब विभाग की टीम ने बागवानी बहुल इलाकों का दौरा किया तो पाया कि बारिश व नमी ना होने के चलते 35000 पौधे सूख गए.इससे बागवानों को काफी नुकसान हुआ.

300 रुपए तक खरीदा था पौधा: बागवानों ने 100 से 300 रुपए प्रति पौधे की खरीद बागवानी विभाग और निजी नर्सरियों से की थी. घाटी के बागबान हरीश, टीकम राम, रामनाथ ने बताया यह सभी पौधे 1 से 3 साल के थे. इन पौधों में पहले तो टहनियां सूख रही थी, लेकिन कुछ समय के बाद पूरा पौधा सूख गया. ऐसे में एक माह में सेब के हजारों पौधे सूखने से बागवानों की चिंता बढ़ गई है. वही बागवानी विभाग बारिश नहीं होने के कारण पौधों के सूखने की बात कह रहा है.

आनी व निरमंड में ज्यादा नुकसान: बागवानी विभाग से मिली रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल माह में ही सेब के करीब 35 हजार पौधे सूख गए. इनमें सबसे ज्यादा नुकसान पमंडल आनी व निरमंड के इलाकों में हुआ .जहां पर 25 हजार पौधे सूखे की चपेट में आ गए. अगर बारिश न हुई तो आने वाले दिनों में यह नुकसान अधिक हो सकता है. बता दें कि जिला कुल्लू के बागवान अब सेब की अअर्ली वैरायटी लगा रहे, जिसमें सुपर चीफ, रेड ब्लॉक, रेड गारलेट, रॉयल आदि शामिल है. इन पौधों को ही सबसे अधिक नुकसान पहुंचा. वहीं, वही बागवानी विभाग के उपनिदेशक बीएम चौहान ने बताया कि सूख रहे सेब के पौधों को बचाने के लिए बागवानों को सिंचाई की व्यवस्था करनी होगी. जहां पर पानी की व्यवस्था होगी वहां पर सिंचाई की जा सकती है. सिंचाई की सुविधा नहीं होने पर बागबान पौधे के आसपास घास डालकर रखें, ताकि पौधे में नमी बनी रह सके.

ये भी पढ़ें :हिमाचल में स्कूलों का समय बदला, अब इतने बजे खुलेंगे स्कूल

कुल्लू: सूखे के चलते बागवानों को नुकसान होना शुरू हो गया है. सेब बागवानों के लगाए गए अर्ली वैरायटी सेब के पौधे बारिश न होने के चलते सूख रहे और नमी ना होने के चलते अब तक 35 हजार सेब के पौधों को नुकसान हो (Effect of drought on apple plants in Kullu) पहुंचा है. बागवानी विभाग के सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ. विभाग के पास पहले सेब के पौधों के मुरझाने की शिकायतें आ रही थी,लेकिन जब विभाग की टीम ने बागवानी बहुल इलाकों का दौरा किया तो पाया कि बारिश व नमी ना होने के चलते 35000 पौधे सूख गए.इससे बागवानों को काफी नुकसान हुआ.

300 रुपए तक खरीदा था पौधा: बागवानों ने 100 से 300 रुपए प्रति पौधे की खरीद बागवानी विभाग और निजी नर्सरियों से की थी. घाटी के बागबान हरीश, टीकम राम, रामनाथ ने बताया यह सभी पौधे 1 से 3 साल के थे. इन पौधों में पहले तो टहनियां सूख रही थी, लेकिन कुछ समय के बाद पूरा पौधा सूख गया. ऐसे में एक माह में सेब के हजारों पौधे सूखने से बागवानों की चिंता बढ़ गई है. वही बागवानी विभाग बारिश नहीं होने के कारण पौधों के सूखने की बात कह रहा है.

आनी व निरमंड में ज्यादा नुकसान: बागवानी विभाग से मिली रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल माह में ही सेब के करीब 35 हजार पौधे सूख गए. इनमें सबसे ज्यादा नुकसान पमंडल आनी व निरमंड के इलाकों में हुआ .जहां पर 25 हजार पौधे सूखे की चपेट में आ गए. अगर बारिश न हुई तो आने वाले दिनों में यह नुकसान अधिक हो सकता है. बता दें कि जिला कुल्लू के बागवान अब सेब की अअर्ली वैरायटी लगा रहे, जिसमें सुपर चीफ, रेड ब्लॉक, रेड गारलेट, रॉयल आदि शामिल है. इन पौधों को ही सबसे अधिक नुकसान पहुंचा. वहीं, वही बागवानी विभाग के उपनिदेशक बीएम चौहान ने बताया कि सूख रहे सेब के पौधों को बचाने के लिए बागवानों को सिंचाई की व्यवस्था करनी होगी. जहां पर पानी की व्यवस्था होगी वहां पर सिंचाई की जा सकती है. सिंचाई की सुविधा नहीं होने पर बागबान पौधे के आसपास घास डालकर रखें, ताकि पौधे में नमी बनी रह सके.

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