कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में साहसिक गतिविधियों को लेकर उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई. जिसके बाद उच्च न्यायालय ने साहसिक गतिविधियों को सुचारू करने के लिए भी कार्रवाई के निर्देश दिए (adventure activities in himachal) हैं. कुल्लू में शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार की तरफ से गतिविधियों को बंद करने के लिए कोई भी निर्देश नहीं दिए गए हैं. यह सब कार्रवाई उच्च न्यायालय से मिले निर्देशों के अनुसार की गई है.
साहसिक कारोबार से जुड़े हुए कारोबारियों को आश्वासन देते हुए शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि सरकार की ओर से अधिकारियों के साथ बैठकर कागजी प्रक्रिया पूरी की जा रही है और उच्च न्यायालय के द्वारा भी एक कमेटी का गठन किया गया (adventure activities in kullu) है. इस कमेटी के द्वारा पूरे प्रदेश में सभी साहसिक गतिविधियों का निरीक्षण किया गया है और उन्होंने एक रिपोर्ट उच्च न्यायालय को सौंपी है. वहीं सरकार की ओर से भी एक कमेटी का गठन पर्यटन विभाग के द्वारा एडवेंचर गतिविधियों के लिए और ऑपरेटर के उपकरणों की जांच की प्रक्रिया को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं.
सरकार की ओर से भी बीते दिनों परिवहन विभाग के माध्यम से लॉ डिपार्टमेंट को मामला भेजा गया है और उनके सुझाव आने के बाद सरकार उच्च न्यायालय में एक याचिका भी दायर (Govind Thakur on adventure activities) करेगी. जिसमें विशेष रूप से यह मांग रखी जाएगी कि 1 सप्ताह के भीतर ही सभी गतिविधियों को बहाल किया जाए. ताकि प्रदेश के हजारों लोगों को राहत मिल सके. गौर रहे कि जिला कुल्लू में भी बीते 2 माह से सभी साहसिक गतिविधियां बंद है.
साहसिक गतिविधियों को बहाल करने के लिए लगातार कारोबारियों के द्वारा सरकार व प्रशासन के अधिकारियों के साथ मुलाकात की जा रही है. इस कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि कारोबार बंद होने के चलते जिला कुल्लू में 10,000 से अधिक युवा बेरोजगार हो (Govind Thakur kullu visit) गए हैं. ऐसे में अगर जल्द गतिविधियों को बहाल नहीं किया गया तो मजबूरन उन्हें आंदोलन पर बैठना होगा.