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डोम की बोली में दशहरा कमेटी को 1 करोड़ का घाटा, व्पायारी नहीं ले रहे दिलचस्पी - दशहरा उत्सव समिति को झटका

डोम और प्लॉटों से ही हर साल करोड़ों रुपये कमाने वाली दशहरा उत्सव समिति को इस बार झटका लगा है. आलम ये है कि बोली में व्यापारी न आने के कारण दशहरा कमेटी को डोम के दाम घटाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

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Published : Oct 4, 2019, 10:26 AM IST

कुल्लू: डोम और प्लॉटों से ही हर साल करोड़ों रुपये कमाने वाली दशहरा उत्सव समिति को इस बार झटका लगा है. डोम के लिए लगने वाली बोली में व्यापारी न आने के कारण दशहरा कमेटी को डोम के दाम घटाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

पिछले साल चार डोम से करीब सवा करोड़ की कमाई हुई थी, लेकिन इस बार ये सवा करोड़ पर सिमट गई है. प्लॉटों की कीमतें भी घटानी पड़ रही है, जिसे मंदी से जोड़कर भी देखा जा रहा है. पिछले दशहरे में दस फीसदी महंगे प्लॉट बेचने वाली दशहरा उत्सव समिति ने इस बार व्यापारियों को प्लॉट सस्ते में ही बेचे हैं.

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दस फीसदी से भी कम महंगे दामों पर प्लॉट व्यापारियों को दिए गए हैं. सबसे अधिक घाटा दशहरा उत्सव समिति को दशहरा के लिए लगने वाले डोम में हुआ है. दशहरा के लिए ढालपुर मैदान में कुल चार डोम लगते हैं. ये डोम पिछली बार सवा दो करोड़ में बिके थे. समिति ने डोम की बोली के लिए दिन भी निर्धारित किया था, जिसमें एक भी व्यापारी शामिल नहीं हुआ. जिससे डोम की बोली क रद्द कर दिया गया. दूसरी बार फिर बोली रखी गई.

पिछले दशहरा की बोली में दो करोड़ में बिके डोम घटकर 40 फीसदी कम रेट में देने पड़े. व्यापारी मेले में खुलकर पैसा नहीं लगा रहे हैं. ऐसे में इस बार दशहरा उत्सव समिति ने प्लॉटों के दाम भी घटा दिए हैं. हर साल व्यापारियों को दिए जाने वाले प्लॉट की कीमतों में दस फीसदी वृद्धि होती रही है.

बताया जा रहा है कि प्लॉट लेने वालों में अधिक लोकल ठेकेदार ही हैं. बाहर से आने वाले व्यापारी अभी दशहरा का माहौल देख रहे हैं. अगर दशहरा में लोगों की भीड़ उमड़ती है तो यहां लगने वाले मेले में व्यापारी आएंगे. परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि इस बार व्यापारियों को दस फीसदी कम दामों प्लॉट उपलब्ध करवाए गए हैं.

कुल्लू: डोम और प्लॉटों से ही हर साल करोड़ों रुपये कमाने वाली दशहरा उत्सव समिति को इस बार झटका लगा है. डोम के लिए लगने वाली बोली में व्यापारी न आने के कारण दशहरा कमेटी को डोम के दाम घटाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

पिछले साल चार डोम से करीब सवा करोड़ की कमाई हुई थी, लेकिन इस बार ये सवा करोड़ पर सिमट गई है. प्लॉटों की कीमतें भी घटानी पड़ रही है, जिसे मंदी से जोड़कर भी देखा जा रहा है. पिछले दशहरे में दस फीसदी महंगे प्लॉट बेचने वाली दशहरा उत्सव समिति ने इस बार व्यापारियों को प्लॉट सस्ते में ही बेचे हैं.

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दस फीसदी से भी कम महंगे दामों पर प्लॉट व्यापारियों को दिए गए हैं. सबसे अधिक घाटा दशहरा उत्सव समिति को दशहरा के लिए लगने वाले डोम में हुआ है. दशहरा के लिए ढालपुर मैदान में कुल चार डोम लगते हैं. ये डोम पिछली बार सवा दो करोड़ में बिके थे. समिति ने डोम की बोली के लिए दिन भी निर्धारित किया था, जिसमें एक भी व्यापारी शामिल नहीं हुआ. जिससे डोम की बोली क रद्द कर दिया गया. दूसरी बार फिर बोली रखी गई.

पिछले दशहरा की बोली में दो करोड़ में बिके डोम घटकर 40 फीसदी कम रेट में देने पड़े. व्यापारी मेले में खुलकर पैसा नहीं लगा रहे हैं. ऐसे में इस बार दशहरा उत्सव समिति ने प्लॉटों के दाम भी घटा दिए हैं. हर साल व्यापारियों को दिए जाने वाले प्लॉट की कीमतों में दस फीसदी वृद्धि होती रही है.

बताया जा रहा है कि प्लॉट लेने वालों में अधिक लोकल ठेकेदार ही हैं. बाहर से आने वाले व्यापारी अभी दशहरा का माहौल देख रहे हैं. अगर दशहरा में लोगों की भीड़ उमड़ती है तो यहां लगने वाले मेले में व्यापारी आएंगे. परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि इस बार व्यापारियों को दस फीसदी कम दामों प्लॉट उपलब्ध करवाए गए हैं.

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डोम और प्लॉटों से ही हर साल करोड़ों रुपये कमाने वाली दशहरा उत्सव समिति को इस बार झटका लगा है। डोम के लिए लगने वाली बोली में व्यापारी न आने के कारण समिति को डोम के दाम घटाने के लिए मजबूर होना पड़ा था। पिछले साल चार डोम से करीब सवा करोड़ की कमाई हुई थी। इस बार ये सवा करोड़ पर सिमट गई है। प्लॉटों की कीमतें भी घटानी पड़ रही है। इसे मंदी से जोड़कर भी देखा जा रहा है। पिछले दशहरे में दस फीसदी महंगे प्लॉट बेचने वाली दशहरा उत्सव समिति ने इस बार व्यापारियों को प्लॉट सस्ते में ही बेचे हैं। दस फीसदी से भी कम महंगे दामों पर प्लॉट व्यापारियों को दिए गए है। सबसे अधिक घाटा दशहरा उत्सव समिति को दशहरा के लिए लगने वाले डोम में हुआ है। दशहरा के लिए ढालपुर मैदान में कुल चार डोम लगते हैं। यह डोम पिछली बार सवा दो करोड़ में बिके थे। समिति ने डोम की बोली के लिए दिन निधार्रित किया था। उसमें एक भी व्यापारी शामिल नहीं हुआ। इसके बाद इसे रद्द करना पड़ा। दूसरी बार फिर बोली रखी गई। पिछले दशहरा की बोली में दो करोड़ में बिके डोम घटकर 40 फीसदी कम रेट में देने पड़े। व्यापारी मेले में खुलकर पैैसा नहीं लगा रहे हैं। ऐसे में इस बार दशहरा उत्सव समिति ने प्लॉटों के दाम भी घटा दिए हैं। हर साल व्यापारियों को दिए जाने वाले प्लॉट की कीमतों में दस फीसदी वृद्धि होती रही है। बताया जा रहा है कि प्लॉट लेने वालों में अधिक लोकल ठेकेदार ही हैं। बाहर से आने वाले व्यापारी अभी दशहरा का माहौल देख रहे हैं। अगर दशहरा में लोगों की भीड़ उमड़ती है तो यहां लगने वाले मेले में व्यापारी आएंगे। Conclusion:परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि इस बार व्यापारियों को दस फीसदी कम दामों प्लॉट उपलब्ध करवाए गए हैं।
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