कुल्लू: जिला कुल्लू में ब्यास नदी की लहरों पर रोमांच का खेल अब कुशल हाथ करवाएंगे. पर्यटन विभाग (tourism department) ने रिवर राफ्टिंग (River rafting) के दौरान गाइड के साथ एक अन्य प्रशिक्षित व्यक्ति राफ्ट में तैनात रखने का निर्णय लिया है. राफ्टिंग (rafting) के दौरान हर वर्ष हो रहे हादसों को रोकने के लिए पर्यटन विभाग ने यह योजना बनाई है. विभाग ने जांच में पाया कि जब भी हादसा होता है तो राफ्ट में गाइड ही होता है ऐसे में वह राफ्ट को पकड़ेगा या पर्यटकों को बचाएगा.
जिला पर्यटन अधिकारी (District Tourism Officer) राजेश भंडारी ने बताया कि अब राफ्ट में गाइड के साथ एक प्रशिक्षित भी होगा. उसे कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) व प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि हादसे के समय बचाव में वह मददगार बन सके. अभी जिला कुल्लू में कई गाइड ऐसे हैं जिन्हें सीपीआर, प्राथमिक उपचार की जानकारी तक नहीं है. वहीं, राफ्टिंग के दौरान जिन प्वाइंट में लगातार हादसे हो रहे हैं उन स्थलों पर हाई रेजोल्यूशन सीसीटीवी कैमरे (High Resolution CCTV Cameras) स्थापित किए जाएंगे. ऐसे पांच स्थान चिह्नित किए जा रहे हैं.
कैमरे लगने से राफ्टिंग के दौरान नियमों का उल्लंघन करने पर आपरेटर व गाइड पर शिकंजा कसेगा. बीते 29 अक्टूबर 2021 को बाशिग के पास इंदौर और मुंबई की रहने वाली दो पर्यटक महिलाओं की मौत के बाद पर्यटन विभाग सतर्कता बरत रहा है ताकि हादसों पर अंकुश लगाया जा सके. वहीं, पर्यटन विभाग (tourism department) राफ्टिंग शुरू करने के लिए एक ही प्वाइंट को रखने पर भी विचार कर रहा है. अभी तक जिला कुल्लू की ब्यास नदी में राफ्टिंग के लिए अलग-अलग प्वाइंट हैं. कुछ मामलों में यह भी पता चला है कि गाइड हर कहीं से ब्यास नदी में राफ्ट उतार देते हैं. इससे भी पर्यटकों की जान को खतरा बना रहता है.
गौर रहे कि कुल्लू जिले में तीन जगह राफ्टिंग करवाई जाती है. इसमें रायसन, बबेली, पीरड़ी शामिल है. यहां पर 288 लाइसेंस गाइड हैं जबकि 93 एजेंसियां है. इसमें रायसन में 12, बबली में 53 और पिरड़ी में 28 एजेंसियां कार्य कर रही है. इसके अतिरिक्त पंजीकृत राफ्ट रेस्क्यू राफ्ट सहित 363 है. इसमें रायसन में 31, बबेली में 198 और पिरड़ी में 134 राफ्ट है.
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