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भगवान रघुनाथ अपने अस्थायी शिविर में विराजमान, दर्शन के लिए पहुंच रहे श्रद्धालु

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Published : Oct 28, 2020, 3:26 PM IST

कुल्लू दशहरा उत्सव में सात दिनों तक भगवान रघुनाथ अपने अस्थायी शिविर में विराजमान हो गए हैं. अपने अधिष्ठाता के प्रति गहरी आस्था रखने वाले लोगों का सुबह से दर्शन के लिए तांता लगा हुआ है. हालांकि इसके लिए प्रशासन ने गाइडलाइन तय की है. कोई भी श्रद्धालु देवता के रथ व मुख मोहरे को नहीं छू सकेगा. ऐसे में भक्तों को दूर से ही दर्शन करना होगा.

Kullu Dussehra Festival
Kullu Dussehra Festival

कुल्लूः अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में सात दिनों तक भगवान रघुनाथ अपने अस्थायी शिविर में विराजमान हो गए हैं. दशहरा में भगवान रघुनाथ रोज नए वस्त्र में नजर आएंगे. पुजारी की ओर से रघुनाथ की पूजा-अर्चना के बाद उन्हें हर दिन नए वस्त्र पहनाए जा रहे हैं.

भगवान रघुनाथ को बुधवार को हरे, वीरवार को पीले, शुक्रवार को फिर सफेद, शनिवार को हल्के काले और रविवार को लाल रंग के वस्त्रों को पहनाया जाएगा. भगवान रघुनाथ की अध्यक्षता वाले कुल्लू दशहरा में उनके अस्थायी शिविर के बाहर सुरक्षा की दृष्टि से रात-दिन पुलिस का कड़ा पहरा है.

अपने अधिष्ठाता के प्रति गहरी आस्था रखने वाले लोगों का सुबह से दर्शन के लिए तांता लगा हुआ है. हालांकि इसके लिए प्रशासन ने गाइडलाइन तय की है. कोई भी श्रद्धालु देवता के रथ व मुख मोहरे को नहीं छू सकेगा. ऐसे में भक्तों को दूर से ही दर्शन करना होगा.

वीडियो.

इसके बावजूद लोगों में उत्साह है और दर्शन के मीलों दूर से रघुनाथ के दर्शन को पहुंच रहे हैं. भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि दशहरा में रोज भगवान रघुनाथ को नए वस्त्र पहनाए जा रहे हैं. रघुनाथ को बुधवार को हरे कपड़ेे पहनाए गए. उन्होंने कहा कि रघुनाथ के अस्थायी शिविर में कोरोना के नियमों का बखूबी पालन किया जा रहा है.

श्रद्धालु वीरेंद्र का कहना है कि कोरोना के नियमों के बीच भी लोग भगवान के दर्शनों को पहुंच रहे है और अन्य देवी देवताओं के भी दर्शन श्रद्धालु कर रहे है. श्रद्धालु सुखदेव का कहना है कि दशहरा उत्सव देवी देवताओं के साथ साथ जनमानस के मिलन का मेला है . लेकिन कोरोना संकट के चलते इस साल देव मिलन नही हो पाया है. ऐसे में उन्हें अगले साल का भी इंतजार रहेगा.

महिला श्रद्धालु आरती सोनी का कहना है कि दशहरा उत्सव में भगवान रघुनाथ के दर्शन काफी नजदीक से होते हैं और दर्शनों के साथ-साथ लोग कोरोना के नियमों का भी पालन कर रहे हैं. गौर रहे कि कोरोना संकट के चलते देव मिलन इस साल नहीं हो पाया है. तो ऐसे में आम जनता भी निराश है,0 लेकिन लोगों को अभी से ही अगले साल के दशहरा का भी इंतजार है.

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कुल्लूः अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में सात दिनों तक भगवान रघुनाथ अपने अस्थायी शिविर में विराजमान हो गए हैं. दशहरा में भगवान रघुनाथ रोज नए वस्त्र में नजर आएंगे. पुजारी की ओर से रघुनाथ की पूजा-अर्चना के बाद उन्हें हर दिन नए वस्त्र पहनाए जा रहे हैं.

भगवान रघुनाथ को बुधवार को हरे, वीरवार को पीले, शुक्रवार को फिर सफेद, शनिवार को हल्के काले और रविवार को लाल रंग के वस्त्रों को पहनाया जाएगा. भगवान रघुनाथ की अध्यक्षता वाले कुल्लू दशहरा में उनके अस्थायी शिविर के बाहर सुरक्षा की दृष्टि से रात-दिन पुलिस का कड़ा पहरा है.

अपने अधिष्ठाता के प्रति गहरी आस्था रखने वाले लोगों का सुबह से दर्शन के लिए तांता लगा हुआ है. हालांकि इसके लिए प्रशासन ने गाइडलाइन तय की है. कोई भी श्रद्धालु देवता के रथ व मुख मोहरे को नहीं छू सकेगा. ऐसे में भक्तों को दूर से ही दर्शन करना होगा.

वीडियो.

इसके बावजूद लोगों में उत्साह है और दर्शन के मीलों दूर से रघुनाथ के दर्शन को पहुंच रहे हैं. भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि दशहरा में रोज भगवान रघुनाथ को नए वस्त्र पहनाए जा रहे हैं. रघुनाथ को बुधवार को हरे कपड़ेे पहनाए गए. उन्होंने कहा कि रघुनाथ के अस्थायी शिविर में कोरोना के नियमों का बखूबी पालन किया जा रहा है.

श्रद्धालु वीरेंद्र का कहना है कि कोरोना के नियमों के बीच भी लोग भगवान के दर्शनों को पहुंच रहे है और अन्य देवी देवताओं के भी दर्शन श्रद्धालु कर रहे है. श्रद्धालु सुखदेव का कहना है कि दशहरा उत्सव देवी देवताओं के साथ साथ जनमानस के मिलन का मेला है . लेकिन कोरोना संकट के चलते इस साल देव मिलन नही हो पाया है. ऐसे में उन्हें अगले साल का भी इंतजार रहेगा.

महिला श्रद्धालु आरती सोनी का कहना है कि दशहरा उत्सव में भगवान रघुनाथ के दर्शन काफी नजदीक से होते हैं और दर्शनों के साथ-साथ लोग कोरोना के नियमों का भी पालन कर रहे हैं. गौर रहे कि कोरोना संकट के चलते देव मिलन इस साल नहीं हो पाया है. तो ऐसे में आम जनता भी निराश है,0 लेकिन लोगों को अभी से ही अगले साल के दशहरा का भी इंतजार है.

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