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KULLU DUSSEHRA: भगवान रघुनाथ के अस्थाई शिविर में शीश नवाने पहुंच रहे सैकड़ों देवी-देवता

भगवान रघुनाथ के छड़ी बरदार महेश्वर सिंह और पुजारियों ने वेद मंत्रों के साथ पूजा-अर्चना की. ढालपुर के ऐतिहासिक मैदान में हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान के दर पर अपनी हाजिरी लगा रहे हैं. पूरा ढालपुर मैदान देव वाद्य यंत्रों की थाप से गूंज है. वहीं शाम के समय महिलाएं रघुनाथ जी के अस्थाई शिविर में भजन कीर्तन भी कर रही हैं.

देवमहाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव
भगवान रघुनाथ
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Published : Oct 18, 2021, 4:00 PM IST

कुल्लू: देवमहाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव का मुख्य आकर्षण रहने वाले अधिष्ठाता भगवान रघुनाथ का शिविर भक्तिमय हो उठा है. देवता के अस्थाई शिविर में सुबह से शाम तक घाटी के आराध्य देव अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं. सुबह के समय ही भगवान रघुनाथ जी की षोडशोपचार के बाद भव्य श्रृंगार किया गया और राम सीता, हनुमान व नरसिंह भगवान की विधिवत तरीके से पूजा की गई.

यह ऐतिहासिक व पुराण संगत पूजा भगवान राम जी के कारदार अठाहर करड़ू के छड़ी बरदार महेश्वर सिंह और रघुनाथ जी के मंदिर के पुजारियों द्वारा वेद मंत्रों के माध्यम से की गई. उस समय हजारों की संख्या में ऐतिहासिक मैदान के अस्थायी शिविर में श्रद्धालुओं ने भगवान रघुनाथ के भव्य दर्शन किए.

पूजा के समय मंदिर में दर्शनों के लिए आए हुए हजारों श्रद्धालुओं के द्वारा भगवान के भजनों व जयकारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो उठा. अस्थायी शिविर में रघुनाथ जी के समक्ष यह सिलसिला शाम तक चलता रहा. पूरे दिन भगवान की सात आरतियां उतारी गईं, जो कि दशहरे के सात दिन तक रोजाना उतारी जाएगी. दिन में नरसिंह भगवान द्वारा राजा के अस्थायी शिविर में भोजन किया जाता है और रात को भगवान के शिविर में चंद्राउली नृत्य कुछ विशेष लोगों द्वारा किया जाता है. यह सभी कार्यक्रम या रस्में दशहरे के अंतिम दिन तक इसी प्रकार चलती रहेंगी.

रघुनाथ के शिविर में दिनभर दशहरा देखने आए देश-विदेश के पर्यटकों का आना जारी रहा. पुरातन भारतीय संस्कृति को देखने के लिए अमेरिका, लंदन व कनाडा देशों से आए पर्यटकों में खासा उत्साह नजर आया. दशहरे में पहुंचे सैकड़ों देवी- देवता भगवान रघुनाथ के शिविर में पहुंच कर शीश नवा रहे हैं.

ये भी पढ़ें : रफ्तार का कहर: कुल्लू में तेज रफ्तार कार की टक्कर से व्यक्ति की मौत

कुल्लू: देवमहाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव का मुख्य आकर्षण रहने वाले अधिष्ठाता भगवान रघुनाथ का शिविर भक्तिमय हो उठा है. देवता के अस्थाई शिविर में सुबह से शाम तक घाटी के आराध्य देव अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं. सुबह के समय ही भगवान रघुनाथ जी की षोडशोपचार के बाद भव्य श्रृंगार किया गया और राम सीता, हनुमान व नरसिंह भगवान की विधिवत तरीके से पूजा की गई.

यह ऐतिहासिक व पुराण संगत पूजा भगवान राम जी के कारदार अठाहर करड़ू के छड़ी बरदार महेश्वर सिंह और रघुनाथ जी के मंदिर के पुजारियों द्वारा वेद मंत्रों के माध्यम से की गई. उस समय हजारों की संख्या में ऐतिहासिक मैदान के अस्थायी शिविर में श्रद्धालुओं ने भगवान रघुनाथ के भव्य दर्शन किए.

पूजा के समय मंदिर में दर्शनों के लिए आए हुए हजारों श्रद्धालुओं के द्वारा भगवान के भजनों व जयकारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो उठा. अस्थायी शिविर में रघुनाथ जी के समक्ष यह सिलसिला शाम तक चलता रहा. पूरे दिन भगवान की सात आरतियां उतारी गईं, जो कि दशहरे के सात दिन तक रोजाना उतारी जाएगी. दिन में नरसिंह भगवान द्वारा राजा के अस्थायी शिविर में भोजन किया जाता है और रात को भगवान के शिविर में चंद्राउली नृत्य कुछ विशेष लोगों द्वारा किया जाता है. यह सभी कार्यक्रम या रस्में दशहरे के अंतिम दिन तक इसी प्रकार चलती रहेंगी.

रघुनाथ के शिविर में दिनभर दशहरा देखने आए देश-विदेश के पर्यटकों का आना जारी रहा. पुरातन भारतीय संस्कृति को देखने के लिए अमेरिका, लंदन व कनाडा देशों से आए पर्यटकों में खासा उत्साह नजर आया. दशहरे में पहुंचे सैकड़ों देवी- देवता भगवान रघुनाथ के शिविर में पहुंच कर शीश नवा रहे हैं.

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