हमीरपुर: भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक (BJP State Working Committee meeting) से एक दिन पहले हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में युवा नेता आशीष शर्मा ने मातृशक्ति आशीर्वाद महोत्सव का आयोजन कर सियासी गरमाहट को बढ़ा दिया है. दो माह पहले लंबूल कस्बे से चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाले प्रदेश गौ सेवा आयोग सदस्य ने रविवार को जिला मुख्यालय में मातृशक्ति की भीड़ जुटाकर जमीनी पकड़ का अहसास करवाया है. पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस और भाजपा की राजनीतिक गतिविधियां जिले में बढ़ गई हैं. कांग्रेस और भाजपा की सक्रियता के बीच आशीष ने युवाओं के बाद महिलाओं की भारी भीड़ को जुटाकर दो दलों की चिंताएं बढ़ा दी हैं.
गौरतलब है कि हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र (Hamirpur Assembly Constituency) से भाजपा टिकट की दौड़ में आशीष शर्मा का नाम पर सियासी गलियारों में खूब चर्चा में है. भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक छह और सात जून को हमीरपुर में प्रस्तावित है और कई संगठन के शीर्ष नेता रविवार को जिले में पहुंच गए हैं. इन नेताओं की हमीरपुर मौजूदगी के बीच आशीष शर्मा ने परोक्ष रूप टिकट के लिए अपने दावे को मजबूत करने का प्रयास किया है. जिला मुख्यालय में आयोजन के बाद मीडिया कर्मियों से रूबरू होते हुए भाजपा से टिकट की मांग पर सवाल पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ना ही है और इसका ऐलान वह पहले ही कर चुके हैं. पार्टी का शीर्ष नेतृत्व को सब मालूम हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी में सर्वे हो रहे है और सर्वे के माध्यम से टिकट मिल रहे हैं. यदि पार्टी हाईकमान को लगता है कि वह सर्वे में हैं और इस योग्य है तो टिकट दें.
आपको बता दें कि जिला मुख्यालय के बसंत रिजॉर्ट में मातृशक्ति आर्शीवाद महोत्सव के बहाने युवा नेता आशीष शर्मा (youth leader ashish sharma) ने रविवार को भीड़ जुटा कर शक्ति प्रदर्शन किया है. इस मौके पर समाजसेवी प्रकाश चंद शर्मा विशेष रूप से मौजद रहे. प्रदेश गौ सेवा आयोग के सदस्य आशीष शर्मा ने कहा कि चार हजार कुर्सियां आयोजन स्थल पर लगाई थी और छह से सात हजार की तादात में मातृशक्ति के पहुंच कर उन्हें आशीर्वाद दिया है इसके लिए वह आभारी हैं. आयोजन स्थल पर आने से महिलाओं के रोके जाने के मामले पर उन्होंने कहा कि यह बहुत ही बचकानी सी हरकतें है. कुछ लोगों ने ऐसे प्रयास किए कि महिलाएं इस कार्यक्रम में नहीं आएं. लोकतंत्र में सबको हक है कि वह कार्य करें और लोगों को सभी सुनने और परखने का हक है.