हमीरपुरः हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर, आईआईटी मंडी, आईआईटी रुड़की, तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर, यूनिवर्सिटी ऑफ ग्रोनिंगन नीदरलैंड व यूनिवर्सिटी ऑफ वाटरलू कनाडा की संयुक्त तत्त्वाधान में तीन दिवसीय दूसरे वर्चुअल विंटर स्कूल ऑन कॉग्निटिव ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन हुआ.
विंटर स्कूल की तीन दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ में तकनीकी विवि के कुलपति ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की. इस मौके पर प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर के कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने कहा कि भूकंप और सुनामी जैसी राष्ट्रीय आपदा और साइबर खतरों के आने के बारे में अब कॉग्निटिव मॉडलिंग के माध्यम से पहले ही सूचना मिल जाएगी. कॉग्निटिव मॉडलिंग तकनीक के क्षेत्र में आने वाले समय में सबसे अहम भूमिका निभाएगी, जिससे व्यक्ति के व्यवहार व सोच के बारे में पहले ही अनुमान लगाया जा सकेगा.
उन्होंने कहा कि कॉग्निटिव प्रोसेस की एक उच्च दर्ज की प्रक्रिया है जिससे की व्यक्ति में धारणा, ध्यान और स्मृति बढ़ावा दिया जा सकता है. इसके अलावा कॉग्निटिव मॉडलिंग के माध्यम से किसी भी विषय में गहनता से भी अध्ययन किया जा सकता है.
कॉग्निटिव मॉडलिंग इन कोर्सों में सहायक
साथ ही उन्होंने भी कहा कि कॉग्निटिव मॉडलिंग द्वारा रोबोटिक्स, इंटरफेस डिजाइन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, कंप्यूटेशनल डोमेन के अलग-अलग एल्गोरिथ्म को अनुकरण में सहायक सिद्ध होगी. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कॉग्निटिव मॉडलिंग को लेकर शिक्षण संस्थान व उद्योग जगत के साथ समन्वय बनाकर विद्यार्थियों और शोधार्थियों के भविष्य बनाने में सहयोग करना होगा.
17 दिसंबर तक कार्यशाला
कार्यशाला में आईआईटी मंडी के प्रो. सतीश जैन, प्रो. वेंकट कृष्णन, यूनिवर्सिटी ऑफ ग्रोनिंगन की प्रो. मैरीके वैन वुग्ट, तकनीकी विवि के अधिष्ठाता शैक्षणिक प्रो कुलभूषण चंदेल, डॉ. धीरेंद्र शर्मा मौजूद रहे. कार्यशाला का आयोजन 15 से 17 दिसंबर तक किया जाएगा, जिसमें तकनीकी विश्वविद्यालय व संबंधित कॉलेजों के छात्रों सहित विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थी, शोधार्थी सहित प्राध्यापक भाग ले रहे हैं.
विदेशों के टॉप तकनीकी विश्वविद्यालयों से एमओयू करेगा तकनीकी विवि
आईआईटी मंडी, आईआईटी रुड़की, यूनिवर्सिटी ऑफ ग्रोनिंगन नीदरलैंड व यूनिवर्सिटी ऑफ वाटरलू कनाडा के सहयोग से आयोजित विंटर स्कूल में कुलपति प्रो एसपी बंसल ने कहा कि आने वाले समय में तकनीकी विवि हमीरपुर विश्व के टाॅप तकनीकी विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू साइन करेगा. संयुक्त रूप शोध परियोजनाओं, फैकल्टी एक्सचेंज, स्टार्टअप व नए आइडिया पर काम किया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों और शोधार्थियों के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने का व रोजगार का मौका मिलेगा. उन्होंने कहा कि तकनीकी विवि विद्यार्थियों को गुणात्मक तकनीकी शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है.
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