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पांच साल में भी नहीं मिला 2 साल का मासूम, पुलिस सीआईडी से लेकर तमाम एजेंसियां फेल - सीआईडी आरोपी युवक का नार्को टेस्ट

जिला हमीरपुर के सलासी गांव में दो साल के बच्चे की किडनैपिंग के मामले में पुलिस, सीआईडी से लेकर प्रदेश की तमाम जांच एजेंसियां पौने पांच साल के बाद भी किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाई हैं.

two year old boy kidnapping case
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Published : Oct 9, 2019, 1:23 PM IST

हमीरपुर: जिला हमीरपुर के सलासी गांव से दो साल के बच्चे की किडनैपिंग के मामले में करीब 5 साल बाद भी जांच अंजाम तक नहीं पहुंच पाई है. पुलिस, सीआईडी से लेकर प्रदेश की तमाम जांच एजेंसियां पौने पांच साल के बाद भी किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाई हैं.

पौने पांच सालों से इस मामले को एक यूनिट से दूसरी यूनिट को ट्रांसफर कर रहा है लेकिन आरोपी को अभी तक पकड़ नहीं पाई है. आदित्य के माता-पिता की मासूम के घर लौटने के इंतजार में आंखें तरस गई हैं. वहीं, एसपी सीआईडी शिमला रमन कुमार मीणा ने बताया कि आदित्य किडनैपिंग का मामला धर्मशाला स्थित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के पास है. इस मामले में एचटीयू के अधिकारी ही बता सकते हैं.

बता दें कि मामला 15 फरवरी 2015 का है जब सलासी स्थित अपने घर के आंगन में दो साल का आदित्य खेल रहा था और अचानक आंगन से गायब हो गया. आदित्य के गायब होने के कुछ देर बाद परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लग पाया. परिजनों ने पुलिस थाना में आदित्य की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई. पुलिस ने आदित्य की तलाश की लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा. इसके बाद मामला सीआईडी को सौंपा गया.

आदित्य की मां का आरोप था कि उसने आखिरी बार बेटे को उन्हीं के घर में किराये के कमरे में रहने वाले एक लड़के के साथ देखा था जो होटल मैनेजमेंट संस्थान सलासी का छात्र था. 4 अप्रैल 2015 को देर रात फिरौती मांगने के आरोप में मध्यप्रदेश के रहने वाले विजय तोमन को पुलिस ने गिरफ्तार किया, लेकिन बाद में फिरौती से युवक मुकर गया और सारी कहानी ही पलट गई.

सीआईडी आरोपी युवक का नार्को टेस्ट करवाना चाहती थी लेकिन युवक के माता-पिता ने इसकी इजाजत नहीं दी. इसके बाद पुलिस ने शक के आधार पर मृतक बच्चे के ताया और ताई का नार्को टेस्ट भी करवाया लेकिन इससे भी कुछ हाथ नहीं लगा.

हमीरपुर: जिला हमीरपुर के सलासी गांव से दो साल के बच्चे की किडनैपिंग के मामले में करीब 5 साल बाद भी जांच अंजाम तक नहीं पहुंच पाई है. पुलिस, सीआईडी से लेकर प्रदेश की तमाम जांच एजेंसियां पौने पांच साल के बाद भी किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाई हैं.

पौने पांच सालों से इस मामले को एक यूनिट से दूसरी यूनिट को ट्रांसफर कर रहा है लेकिन आरोपी को अभी तक पकड़ नहीं पाई है. आदित्य के माता-पिता की मासूम के घर लौटने के इंतजार में आंखें तरस गई हैं. वहीं, एसपी सीआईडी शिमला रमन कुमार मीणा ने बताया कि आदित्य किडनैपिंग का मामला धर्मशाला स्थित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के पास है. इस मामले में एचटीयू के अधिकारी ही बता सकते हैं.

बता दें कि मामला 15 फरवरी 2015 का है जब सलासी स्थित अपने घर के आंगन में दो साल का आदित्य खेल रहा था और अचानक आंगन से गायब हो गया. आदित्य के गायब होने के कुछ देर बाद परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लग पाया. परिजनों ने पुलिस थाना में आदित्य की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई. पुलिस ने आदित्य की तलाश की लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा. इसके बाद मामला सीआईडी को सौंपा गया.

आदित्य की मां का आरोप था कि उसने आखिरी बार बेटे को उन्हीं के घर में किराये के कमरे में रहने वाले एक लड़के के साथ देखा था जो होटल मैनेजमेंट संस्थान सलासी का छात्र था. 4 अप्रैल 2015 को देर रात फिरौती मांगने के आरोप में मध्यप्रदेश के रहने वाले विजय तोमन को पुलिस ने गिरफ्तार किया, लेकिन बाद में फिरौती से युवक मुकर गया और सारी कहानी ही पलट गई.

सीआईडी आरोपी युवक का नार्को टेस्ट करवाना चाहती थी लेकिन युवक के माता-पिता ने इसकी इजाजत नहीं दी. इसके बाद पुलिस ने शक के आधार पर मृतक बच्चे के ताया और ताई का नार्को टेस्ट भी करवाया लेकिन इससे भी कुछ हाथ नहीं लगा.

Intro:5 साल बाद भी 5 साल के मासूम की किडनैपिंग मामले में अंजाम तक नहीं पहुंची जांच, पुलिस सीआईडी से लेकर तमाम एजेंसियां फेल
हमीरपुर।
जिला हमीरपुर के सलासी गांव से दो साल के बच्चे की किडनैपिंग में मामले में करीब 5 साल बाद भी जान से जान तक नहीं पहुंच पाई है । पुलिस, सीआईडी से लेकर प्रदेश की तमाम जांच एजेंसियां पौने पांच साल के बाद भी किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाई हैं। बता दें कि किडनैपिंग का मामला दर्ज कर हमीरपुर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी, लेकिन मासूम का कोई सुराग नहीं लगा। बाद में मामला सीआईडी को सौंपा गया, लेकिन लंबे समय तक जांच प्रक्रिया के बाद सीआईडी भी मामले को नहीं सुलझा पाई। इसके बाद स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन कर मामले को एसआईटी को सौंप दिया गया। पौने पांच सालों से इस मामले को एक-दूसरी यूनिट को ट्रांसफर ही किया गया और आरोपी अभी तक कानून की पकड़ से दूर है। आदित्य के माता-पिता की मासूम के घर लौटने के इंतजार में आंखें पथरा गई हैं। वहीं, एसपी सीआईडी शिमला रमन कुमार मीणा ने बताया कि आदित्य किडनैपिंग का मामला धर्मशाला स्थित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के पास है। इस मामले में एचटीयू के अधिकारी ही बता सकते हैं।

15 फरवरी 2015 को अचानक आंगन से गायब हो गया था आदित्य
15 फरवरी 2015 को सलासी स्थित अपने घर के आंगन में दो साल का आदित्य खेल रहा था। खेलते समय अचानक आदित्य आंगन से गायब हो गया। आदित्य के गायब होने के कुछ देर बाद परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लग पाया। परिजनों ने पुलिस थाना में आदित्य की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने आदित्य की तलाश की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। इसके बाद मामला सीआईडी को सौंपा गया। आदित्य की मां का आरोप था कि उसने आखिरी बार बेटे को उन्हीं के घर में किराये के कमरे में रहने वाले एक लड़के के साथ देखा था, जो होटल मैनेजमेंट संस्थान सलासी का छात्र था। 4 अप्रैल 2015 को देर रात फिरौती मांगने के आरोप में मध्यप्रदेश के रहने वाले विजय तोमन को पुलिस ने गिरफ्तार किया, लेकिन बाद में फिरौती से युवक मुकर गया और सारी कहानी ही पलट गई। सीआईडी आरोपी युवक का नार्को टेस्ट करवाना चाहती थी, लेकिन युवक के माता-पिता ने इसकी इजाजत नहीं दी। इसके बाद पुलिस ने शक के आधार पर मृतक बच्चे के ताया और ताई का नार्को टेस्ट भी करवाया, लेकिन इससे भी कुछ हाथ नहीं लगा। पुलिस, सीआईडी, एसआईटी और एएचटीयू की जांच भी महज पूछताछ तक सीमित रही है।


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